कोरोना महामारी फिर से अपना पैर पसारना शुरु कर रही है। राजस्थान में फिर से कोरोना महामारी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश में हर मिनट में कोरोना के चार नए संक्रमित सामने आ रहे हैं। वहीं राजस्थान राज्य में कोरोना महामारी का संक्रमण अचानक बढ़ जाने से उपचार में उपयोग में आने वाली बेहद महत्वपूर्ण दवा Remdesivir, tocilizumab इन्जेक्शन की मांग भी अचानक बढ़ रही है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग Remdesivir, tocilizumab इन्जेक्शन को लेकर तरह तरह के नोटिस जारी कर रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने दिनांक 13|4|2021 को Remdesivir, tocilizumab इन्जेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए एक नोटिस जारी किया था।
जिसमें बताया गया था कि निजी क्षेत्र के जिन चिकित्सालयों को मरीजों के उपचार हेतु रेमडीसिवर इन्जेक्शन की आवश्यकता है उन्हें अपनी मांग जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं औषधि नियंत्रण अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी। उक्त मांग को सम्बंधित जिले के दवा स्टॉकिस्ट द्वारा संबंधित सीएण्डएफ को भेजी जाएगी। जहां से उपलब्धतानुसार अधिकतम दो दिवस के उपयोग हेतु इन्जेक्शन का स्टॉक जारी किया जाएगा। इसके साथ ही बताया गया था कि Remdesivir, tocilizumab इन्जेक्शन का किसी भी प्रकार से ऑवर द काउन्टर बेचान नहीं किया जाएगा। यह नोटिस जारी करने के कुछ दिनों बाद ही दिनांक 15|4|2021 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से दूसरा नोटिस “कारण बताओ नोटिस” जारी किया जाता है जिसमें बताया जाता है कि निजी चिकित्सालयों द्वारा Remdesivir इन्जेक्शन की मांग हेतु मरीजों के परिजनों को अधोहस्ताक्षरकर्ता के कार्यलय में भेजा जाता है जो कि बिल्कुल गलत है।
इस प्रकार मरीजों के परिजनों को गुमराह किया जा रहा है। जिससे आमजन के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि परिजनों को बाजार से इन्जेक्शन लाने हेतु पाबंद किया जाता है तो निजी चिकित्सालयों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 2 नोटिस जारी होने के बाद आज एक ओर नोटिस जारी किया जाता है जिसमें चिकित्सा विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटता हुआ नज़र आ रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी तीसरे नोटिस में लिखा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण के उपचार में काम आने वाली दवा Remdesivir, tocilizumab प्राइवेट हॉस्पिटल स्टॉकिस्ट से सीधे खरीद सकगें।
CMHO और ड्रग कंट्रोलर इसका डिस्ट्रीब्यूट नहीं करेंगें। अब सवाल यह उठता है कि कोरोना महामारी के मामले फिर से बढ़ रहे है Remdesivir, tocilizumab इन्जेक्शन की मांग में फिर से बढ़ोतरी हो रही है। क्या अब फिर से कालाबाजारी नही बढ़ेगी। निजी अस्पताल फिर से अपनी मनमानी करेगें। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए कालाबाजारी को ओर बढ़ावा दिया जाना था तो फिर पहले और दूसरा नोटिस जारी करने का कोई मतलब ही नहीं था। पहले ही सारी जिम्मेदारियां निजी चिकित्सालयों को दे देनी थी।
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