धुप, सर्दी, गर्मी, बरसात और आंधीतूफ़ान में भी देश की रक्षा के ढाल बनकर हमेशा तत्पर खड़े रहते BSF के जाँबाज़ों को उदयपुर टाइम्स का सलाम और 57वें स्थापन दिवस की शुभकामनाएँ।
BSF दिवस की स्थापना 1 दिसम्बर 1965 में हुई। आज BSF की स्थापना को 57 वर्ष हुए है। चलिए पहले इस बात को जान लेते है की BSF की स्थापना क्यों की गई थी और क्या महत्वता है BSF की भारत में।
BSF यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (सीमा सुरक्षा बल) भारत के 12 अर्धसैनिक बलों में से एक है और 5 केंद्रीय सशस्त्र बल का हिस्सा है। साथ ही, BSF दुनिया का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। BSF की स्थापन इस उद्देश्य और जिम्मेदारी से की गई कि देश में शान्ति के दौरान भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी रखना है। 1965 के लढाई के बाद इस फोर्स की स्थापना कि गई। साथ ही, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की गतिविधियों का पता लगाना और उन्हें रोकना भी BSF के चार्टर में शामिल है।
Greetings and best wishes to @BSF_India personnel and their families on the Force's Raising Day. BSF has been protecting our borders and serving the nation with utmost valour and commitment. #BSFRaisingDay
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 1, 2021
"देश की सीमाओं के सजग प्रहरी बीएसएफ इंडिया के स्थापना दिवस पर 'सीमा सुरक्षा बल’ के कार्मिकों और उनके परिजनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. सम-विषम परिस्थितियों में मातृभूमि की रक्षा हेतु आपका समर्पण प्रेरणादायक है. आप सभी की कर्तव्यनिष्ठा को सादर नमन।” - यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ
BSF का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दरमियाँ, सीमा प्रबंधन प्रणाली व्यक्तिगत राज्य पुलिस बलों के हाथों में थी, और ये सीमा खतरों से ठीक से निपटने में असमर्थ साबित हुई। 1965 तक पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाएं राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन द्वारा बनाई गई थीं। पाकिस्तान ने 9 अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट और बेरिया बेट पर हमला किया। इसने सशस्त्र आक्रामकता से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की अपर्याप्तता का खुलासा किया, जिसके कारण भारत सरकार ने विशेष रूप से नियंत्रित सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस की, जिसे पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाने के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित किया जाएगा। सचिवों की समिति की सिफारिशों के परिणामस्वरूप, सीमा सुरक्षा बल को एक एकीकृत केंद्रीय एजेंसी के रूप में गठित किया, जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के विशिष्ट जनादेश के साथ था। 1 दिसंबर 1965 को सीमा सुरक्षा बल कि स्थापना हुई, जिसके पहले महानिदेशक भारतीय पुलिस सेवा के एफ. रुस्तमजी बने।
"सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. देश की सीमाओं के निष्ठावान एवं साहसी प्रहरियों को कोटि-कोटि नमन।" - केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
इस समय बीएसएफ की 200 बटालियन है और यह 6,385.39 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है जो कि पवित्र, दुर्गम रेगिस्तानों, नदी-घाटियों और हिमाच्छादित प्रदेशों तक फैली है।
सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी / घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है।
भारत में बीएसएफ के सहायक प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) / बेसिक ट्रेनिंग सेंटर (बीटीसी) विभिन्न क्षेत्र संरचनाओं के लिए प्रजनन और प्रशिक्षण केंद्र हैं। ये नोडल प्रशिक्षण केंद्र हैं जहां 400-500 रंगरूट हमेशा प्रशिक्षण के अधीन रहते हैं।
सीमावर्ती राज्यों को कवर करने वाले STCs
इंटर लैंड को कवर करने वाले एसटीसी/बीटीसी
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