शहर के कोरोना प्रभावित क्षेत्रो को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर लग सकता है लॉकडाउन
कलेक्टर ने बुलाई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक
उदयपुर 2 दिसंबर 2020 । राजस्थान में प्रदेश सरकार की नई गाइडलाइन के तहत उदयपुर के हिरणमगरी सेक्टर 3, सेक्टर 4, सेक्टर 5, सेक्टर 14, अम्बामाता, मुल्ला तलाई, यूनिवर्सिटी रोड, शोभागपुरा, फतेहपुरा, भूपालपुरा, प्रतापनगर और बड़गांव के सबसे ज्यादा काेराेना संक्रमण वाले गली-मोहल्लों में बुधवार से सख्त लॉकडाउन लग सकता है। कंटेनमेंट जोन तय करने और लॉकडाउन लगाने के लिए कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बुधवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है।
उल्लेखनीय है की दिवाली के बाद से उदयपुर में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। विशेषकर उपरोक्त वर्णित क्षेत्रो में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में इन क्षेत्रो को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर लॉक डाउन भी लग सकता है। हालाँकि प्रशासन का फैसला आज मीटिंग के बाद ही होगा। लेकिन यदि लॉकडाउन लगता है तो लोग बेवजह घरों से बाहर नहीं निकल सकेंगे। दूध, राशन, दवाओं जैसी अति आवश्यक सामग्री जिला प्रशासन घर-घर तक पहुंचाएगा। वहीँ संक्रमित के घर से 100 मीटर के दायरे में बंद रहेंगी दुकानें।
यह रह सकती है कंटेनमेंट जोन में छूट-पाबंदियां
कंटेनमेंट जोन में चिकित्सा, आवश्यक वस्तु और आपात परिस्थिति में ही बाहर निकलने की छूट मिलेगी। आपात परिस्थितियों को छोड़ बाहरी व्यक्ति की एंट्री नहीं हाेगी। संक्रमित के घर के 100 मीटर दायरे तक किसी दुकान या व्यवसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं हाेगी।
7-14 दिन के बीच हो सकता है कंटेनमेंट जाेन
शहर के किसी भी कोरोना प्रभावित एरिया में कंटेनमेंट जोन का पीरियड कम से कम 7 दिन और अधिकतम 14 दिन का होगा। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने और उसकी क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद ही कंटेनमेंट जोन खत्म होगा। वहीँ शहर की किसी भी कॉलोनी के किसी घर में एक व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो उसे भी सख्त हिदायत देकर पाबंद किया जाएगा। मरीज व परिजनों को 14 दिन के क्वारेंटाइन पीरियड को पूरा होने तक बाहर निकलने की अनुमति नहीं हाेगी। संक्रमित के घर के आसपास के लोगों पर भी पाबंदियां लागू होंंगी।
संक्रमितों पर पुलिस रखेगी नजर
कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए उनके घरों के बाहर नोटिस चस्पा करा दिए गए हैं। घरों की निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है। कंटेनमेंट जोन बनाने के बाद थाना अधिकारी व बीट अधिकारी पॉजिटिव मरीजों पर लगातार निगरानी रखेंगे। वे रोजाना मरीज के बारे में जानकारी लेकर प्रशासन को सूचना देंगे। मेडिकल टीम संक्रमित के घर पर नोटिस चस्पा करेगी।
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