उदयपुर। नगर निगम बजट बैठक गुरुवार को सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपूर्ण हुई, शहर के चंहुमुखी विकास हेतु निगम ने 524.73 का बजट प्रस्तुत किया है। बजट वित्त समिति अध्यक्ष रुचिका चौधरी द्वारा प्रस्तुत किया गया, इस दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, महापौर गोविंद सिंह टांक, आयुक्त वासुदेव मालावत, उपमहापौर पारस सिंघवी, उपायुक्त रागिनी डामोर सहित सभी समिति अध्यक्ष, पार्षद, सहव्रद पार्षद, निगम अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
नगर निगम वित्त समिति अध्यक्ष रुचिका चौधरी ने बताया कि गुरुवार को नगर निगम द्वारा शहर में विकास को लेकर लगभग 525 करोड रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया जिससे शहर में सभी प्रकार की सुविधाएं शहरवासियों एवं उदयपुर आने वाले पर्यटकों को मुहैया करवाई जाएगी। बैठक में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं उदयपुर शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया द्वारा निगम की आय बढ़ाने को लेकर भी कई सुझाव प्रस्तुत किए गए जिसको जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा। बैठक में महापौर गोविंद सिंह टांक, उपमहापौर पारस सिंघवी ने भी अपने सुझावों से अवगत कराया जिससे यह शहर विश्व में पहले पायदान पर पहुंच सके।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बैठक में निगम की आय बढ़ाने को लेकर सुझाव दिए कि वर्तमान में नगरीय विकास कर संग्रहण को लेकर निगम द्वारा निजी एजेंसी की सहायता ली जा रही है लेकिन यह एजेंसी आशा अनुरूप कार्य नहीं कर रही है। पहले निगम को बिना किसी एजेंसी के जो आय प्राप्त हो रही थी अभी उतनी आय भी प्राप्त नहीं हो रही है। अतः उचित कार्रवाई करते हुए निगम को स्वयं अपने स्तर पर नगरीय विकास कर संग्रहण फिर से शुरू करना चाहिए जिससे आय में वृद्धि होगी।
इसी के साथ साथ शहर में लग रहे बड़े-बड़े साइन बोर्ड की भी एक बार भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई की जाए जिससे आय में वृद्धि होगी। निगम द्वारा प्रतिवर्ष कई स्थानों पर मनोरंजन हेतु मेला का आयोजन किया जाता है उसमे बदलाव कर उन्हे और अधिक व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया जाए। शहर में संचालित हो रही सभी वाटिकाओ से सफाई शुल्क लेने का प्रावधान भी शुरू करना चाहिए जिससे नगर निगम को आय प्राप्त हो सके।
शहर में हजारों की तादात में ठेला व्यवसायियों द्वारा व्यवसाय किया जा रहा है निगम द्वारा अभी तक ठेला व्यवसायियों को अनुज्ञा पत्र नहीं दिए हैं। जल्द से जल्द निगम द्वारा कार्रवाई करते हुए अनुज्ञा पत्र प्रदान किए जाए जिससे निगम को आय प्राप्त हो सके। शहर में नाव संचालन एवं पन्नाधाय पार्क, दूध तलाई आदि स्थानों पर फोटोग्राफी को भी अपने आय का जरिया बनाया जा सकता है।
कटारिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शहर को सुंदर बनाने के लिए निगम में आय होना भी जरूरी होगा। यह कार्य कोई अकेला व्यक्ति नहीं कर सकता है। निगम के सभी पार्षद, अधिकारी, कर्मचारी गण अपने सुझावों को क्रियान्वित कर नगर निगम की आय को बढ़ाने में सहयोग करें।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बजट बैठक के दौरान सुझाव दिया कि उदयपुर शहर में निगम की बसों को उदयपुर साइट सीन दर्शन करवाने हेतु उपयोग में लिया जा सकता है प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक उदयपुर पहुंचते हैं तो उन्हें बसों के माध्यम से उदयपुर शहर घुमाने का कार्य प्रारंभ किया जाए जिससे पर्यटकों को भी सस्ता संसाधन उपलब्ध हो सकेगा एवं निगम को भी आय प्राप्त होगी। यूआईटी से मिलने वाले वार्षिक अंशदान को लेकर भी कटारिया ने समीक्षा करने को कहा। उन्होंने कहा कि बीते सालों से यूआईटी अपनी मनमर्जी से अंशदान जारी कर रहा है, जबकि उन्हें 15 फीसदी अंशदान देना अनिवार्य है। निगम अधिकारी यूआईटी में जाकर इस तथ्य की नियमित माॅनिटरिंग करे तो निगम में आय बढ़ सकती है।
बजट बैठक में नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने सुझाव रखते हुए कहा कि शहर के मध्य जगदीश चौक लाइब्रेरी जो वर्तमान में अशोकनगर में स्थानांतरित की जा चुकी है वह नगर निगम का स्थान है जो वर्तमान में रिक्त है वहां पर एवं चांदपोल पार्किंग के ऊपर खुली छत पर रेस्टोरेंट्स हेतु निविदा आमंत्रित की जाए जिससे निगम को लाखों रुपए का वार्षिक आय प्राप्त हो सकता है। साथ ही निगम की इमारतों पर सोलर पैनल लगाकर उन्हें विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाए जिससे लाखो रुपए विद्युत बिलों के भुगतान दिए जाते है उन्हे रोका जा सकता है। वर्तमान में निगम के कुछ सामुदायिक केंद्रों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जा रहा है, ऐसे में अब अन्य केंद्रों को भी इसी मोड पर संचालित करने की योजना बनाई जाए ताकि, इन केंद्रों से राजस्व भी प्राप्त हो और सामुदायिक केंद्रों का रखरखाव भी सही रहे।
इससे पूर्व बजट प्रस्तुत करते हुए निगम की वित्त समिति की अध्यक्ष रूचिका चैधरी ने बताया कि 2022-23 की राशि 298.03 करोड की तुलना में 185.23 करोड हो चुका है जो अनुमानों का 62 प्रतिशत है। संशोधित अनुमान 327.80 करोड रखे गए है, जो मूल अनुमानों से 10 फीसदी अधिक है। 2023-24 के लिए 524.72 करोड प्रस्तावित किए गए है, जो बीते बजट से 76 प्रतिशत अधिक है। इसमें अमृत योजना के चरण-2 में सीवरेज कार्य के लिए 207.68 करोड व वाटर बाॅडी रिनोवेशन के लिए 13.32 करोड रुपए स्वीकृत किए गए है।
बैठक में निर्माण समिति अध्यक्ष ताराचंद जैन ने कहा कि एलिवेटेड रोड को लेकर न्यायालय में पुख्ता पैरवी की जाएगी। इसके लिए नई डीपीआर बनवाने हेतु निगम बजट में 50 लाख रुपए का अलग से प्रावधान रखा गया है। जैन ने बताया कि इस रोड को उदियापोल से लेकर कलेक्टर आवास तक बनाया जाना है तथा शास्त्री और चेतक सर्किल तक भी अलग स्पान उतारने की योजना है। इसके बाद भी न्यायालय में कोई पेच आता है तो उसके लिए निगम अपने स्तर पर पुख्ता पैरवी करेंगी। इस पर उपमहापौर पारस सिंघवी ने कहा कि पूर्व में यह रोड रेलवे स्टेशन से प्रारंभ होना था जिसे उदियापोल से प्रारंभ किया गया इसी को लेकर कई लोगो में गलतफहमी हुई है।
गुलाबबाग स्थित टाॅय ट्रेन को लेकर बजट बैठक में चर्चा हुई, जिसमें महापौर गोविंद सिंह टांक ने बताया कि न्यायालय ने कल ही स्टे को खारीज कर दिया है, संबंधित आदेश की प्रतिलिपि भी प्राप्त हो गई है अब वहां ट्रेक बिछाने सहित अन्य कार्य शुरू कर दिए गए है।
वित्त समिति अध्यक्ष रुचिका चौधरी ने बताया कि गुरुवार को आयोजित हुई नगर निगम बजट बैठक को दो चरणों में आयोजित किया गया। प्रथम चरण सुबह 11:00 बजे से 1:30 बजे तक रहा। प्रथम चरण में निगम बजट प्रस्तुत करने को लेकर दिए गए विवरण पर चर्चा की गई। वही दूसरी चरण में निगम के सभी वार्ड पार्षदों एवं सहव्रद पार्षदों से अपने वार्ड क्षेत्र में की प्रमुख समस्याओं के बारे में और उसके समाधान के बारे में सुझाव आमंत्रित किए गए। महापौर गोविंद सिंह टाक, आयुक्त वासुदेव मालावत, उप महापौर पारस सिंघवी ने सभी को पूरी तरह आश्वस्त किया कि जल्द ही सभी वार्डों में विकास के कार्य शुरू करवाए जाएंगे एवं सभी समस्याओं का निराकरण करवाया जाएगा।
नगर निगम बजट बैठक में निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने ने महापौर गोविंद सिंह टाक से मांग की है की जल्द ही स्मार्ट सिटी के सभी 18 वार्ड पार्षदों की बैठक स्मार्ट सिटी अधिकारियों के साथ आयोजित करवाई जाए जिससे इन वार्डो में आने वाली विभिन्न समस्याओं का निराकरण करवाया जा सके। वर्तमान में सभी पार्षद बहुत परेशान हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी के कई कार्य जो वर्तमान में अधूरे पड़े हैं उनको लेकर सभी पार्षदों के मन में कई संकाए हैं उन्हें दूर करना जरूरी है। अतः जल्द से जल्द स्मार्ट सिटी अधिकारियों के साथ पार्षदों की बैठक का आयोजन किया जाए जिससे सभी समस्याओं का हल हो सके।
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