देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे है। कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरों के बीच नए केस ने कई राज्यों में रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना के बढ़ते खतरों और तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में 15-18 साल के बच्चोंं के टीकाकरण की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज दिए जाने का ऐलान किया था।
देश में 10 जनवरी से को-मॉर्बिडिटी वाले 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रिकॉशन डोज लगेगी। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया है कि डोज लेने के लिए डॉक्टर का सर्टिफिकेट नहीं दिखाना होगा। हालांकि मंत्रालय ने यह कहा है कि ऐसे लोगों को डोज लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। गंभीर बीमारियों को को-मॉर्बिडिटी कहते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी गाइडलाइंस के अनुसार, 3 जनवरी से शुरू होने वाले 15-18 साल के किशोरों को टीकाकरण के लिए 2007 या उससे पहले का जन्म लिया होना अनिवार्य है। टीके के लिए इनका रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑनसाइट कराया जा सकता है। वहीं, 10 जनवरी से शुरू होने वाले हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को दूसरे टीके के 39 हफ्ते या 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज दिया जाएगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां ड्यूटी में तैनात चुनाव कर्मियों को भी फ्रंटलाइन वर्कस की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा।
बुजुर्गो के टीके के लिए गाइडलाइन
60 साल या इससे ऊपर के गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों को डॉक्टरों की सलाह के आधार पर दूसरे डोज के 9 महीने या 39 हफ्ते बाद ही तीसरा डोज या बूस्टर डोज लगेगा। 9 महीना या 39 हफ्ते टीके के दूसरी डोज लगने वाली तारीख से माना जाएगा।
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