आखिर रोगियों की सुनवाई करे कौन, रेजिडेंट डॉक्टर्स है हड़ताल पर


आखिर रोगियों की सुनवाई करे कौन, रेजिडेंट डॉक्टर्स है हड़ताल पर 

आखिर इस सबका जिम्मेदार कौन?

 
MBGH

नीट पीजी कॉउंसलिंग - 2021 में देरी होने से हड़ताल पर न सिर्फ उदयपुर संभाग के रेज़िडेंट डॉक्टर्स है बल्कि इस देरी के चलते जोधपुर बीकानेर अजमेर सभी जगह एक सा है हाल है। लेकिन इन सब की जिम्मेदारी किसकी बनती है? क्या इन हड़ताल के पीछे आने वाले रोगियों का उपचार और उनके होने वाले ऑपरेशन  की तिथि को सिर्फ टाला जा रहा है क्यूंकि रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर है। आखिर कब तक रहेगा धरना प्रदर्शन ? क्या सरकार को प्रदेश के बीमार मरीजों की खबर नहीं है। पिछले एक सप्ताह से शुरू इस हड़ताल का विराम चिन्ह लगता दिखाई नहीं दे रहा है। न ही सरकार इनकी कोई सुध ले रही है।    

उदयपुर संभाग के हॉस्पिटल में होने ऑपरेशन के आंकड़ों की बात की जाए तो 8 दिन में कई ऑपरेशन टाले जा चुके है। ज़रा अनुमान लगाइये इस हड़ताल के पहले दिन 50 से ज़्यादा ऑपरेशन को टालना पड़ा था और आज इस हड़ताल को पुरे एक सप्ताह पुरे हुए है तो एक सप्ताह में कितने रोगियों को इस हड़ताल से परेशानी हुई होगी। अगर बात करें की इस हड़ताल के निवारण की तो इस मामले का निपटारा प्रदेश के केंद्र की सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन इस मामले के सन्दर्भ में न कोई कदम उठाया गया है न ही कोई फैसला लिया गया है।  

"आरएनटी मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट यूनियन के महासचिव डॉ. पीयूष का कहना है कि रेजीडेंट डॉक्टर्स के फाइनल ईयर का बैच पास आउट हो चुका है। जबकि फर्स्ट ईयर का नया बैच अबतक नहीं आया है। इससे सिर्फ दो बैच पर पूरे कॉलेज का भार आ चुका है। इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही जिन डॉक्टर्स का चयन हो गया है उनके भविष्य के लिए भी यह सही नहीं है।"

जोधपुर संभाग की बात की जाए तो जोधपुर में एस एन मेडिकल कॉलेज, महात्मा गांधी, एमडीएम, केएन चेस्ट व उम्मेद अस्प्ताल में भी रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर बैठे है।  

"जोधपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर के अध्यक्ष डॉ संदीप देवात ने बताया कि रविवार को हुई ऑल राजस्थान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिशन की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर एमके आसेरी ने बताया कि हमें नोटिस मिल चुका है हमारा प्रयास होगा कि मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

बीकानेर संभाग की बात की जाए तो वहां के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सेवाएँ रोकने का निर्णय ले लिया है जिनमे पीबीएम अस्पताल में चल रहे सभी ऑपरेशन थियेटर में रात आठ बजे बाद कोई भी रेजीडेंट डॉक्टर नहीं मिलेगा। ऑपरेशन करना ही मुश्किल होगा। हल्दीराम अस्पताल में कॉर्डियोलॉजी रोगियों को चौबीस घंटे रेजीडेंट डॉक्टर्स ही संभालते हैं लेकिन कल रात यहां भी समस्या हो सकती है।

ट्रोमा सेंटर में आने वाले गंभीर रोगियों प्राथमिक उपचार रेजीडेंट्स ही करते हैं। ऐसे में यहां भी बड़ी दिक्कत हो सकती है। अगर कोई दुर्घटना हो गई तो संभालना मुश्किल होगा। लेबर रूम सहित सभी चौबीस घंटे वाली सेवाएं बाधित हो चुकी है। कल इन वार्ड्स में गंभीर रोगियों कां संभालना मुश्किल होगा। कोरोना आईसीयू में रोगी भर्ती है, वहां भी रेजीडेंट डॉक्टर्स नहीं होंगे। ऐसे ही हाल डेंगू वार्ड में होने वाले हैं। 

"ऑल रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान की बीकानेर इकाई के अध्यक्ष डॉ. महिपाल नेहरा ने  बताया कि लगातार 7 दिन से आन्दोलनरत रेजीडेंट डॉक्टर्स की बात पर सरकार गौर नहीं कर रही है। ऐसे में आल रेजीडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान ने रविवार को ऑनलाइन जनरल बॉडी मीटिंग में सोमवार रात 8 बजे से संपूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है।" 

अब तक इमरजेंसी सेवाएं रेजिडेंट डॉक्टर्स दे रहे थे लेकिन मांगो की सुनवाई न होते दिखाई देने पर यह व्यक्स्था भी  ठप होते देर नहीं लगेगी।   लेकिन इन सबके बीच हॉस्पिटल में आने वाले मरीज़ो को पसीजना पड रहा है।  

इसके अलावा 7 दिन प्रभावित हुई व्यवस्था में उदयपुर संभाग में  रविवार को 249 में से 171 रेजीडेंट हड़ताल पर रहे और शेष 87 रेजीडेंट्स ने सेवाएं दीं। 60 सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स के साथ 225 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने व्यवस्थाएं संभालीं।

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