Dungarpur-9 नवंबर 2024 की प्रमुख खबरे


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News-कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त

डूंगरपुर 9 नवम्बर। प्रतिवर्ष की भांति माह नवम्बर 2024 में 15 नवम्बर को गुरूनानक जयंति के त्यौहार पर्व आयोजित किए जाएंगे। जिस कारण सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ होने की संभावना को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है।

जिला मजिस्ट्रेट एवं कलक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि उपखण्ड क्षेत्र डूंगरपुर के उपखण्ड मजिस्ट्रेट, डूंगरपुर, उपखण्ड क्षेत्र सागवाड़ा के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, सागवाड़ा, उपखण्ड क्षेत्र आसपुर के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, आसपुर, उपखण्ड क्षेत्र बिछीवाड़ा के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, बिछीवाड़ा, उपखण्ड क्षेत्र सीमलवाड़ा के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, सीमलवाड़ा, उपखण्ड क्षेत्र गलियाकोट के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, गलियाकोट, उपखण्ड क्षेत्र चिखली के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, चिखली, उपखण्ड क्षेत्र साबला के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट, साबला, तहसील क्षेत्र झौंथरीपाल के लिए तहसीलदार झौंथरीपाल, तहसील क्षेत्र दोवड़ा के लिए तहसीलदार दोवड़ा, तहसील क्षेत्र गामड़ी अहाड़ा के लिए तहसीलदार गामड़ी, तहसील क्षेत्र पाल देवल के लिए तहसीलदार पालदेवल एवं तहसील क्षेत्र ओबरी के लिए तहसीलदार ओबरी नियुक्त किए गए है।

ड्यूटी मजिस्ट्रेट पूर्ण सतर्कता के साथ निगरानी रखेंगे तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए समकक्ष वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरन्त उच्चाधिकारियों को देते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। जिले के अन्य स्थानों के लिए संबंधित तहसीलदार, नायब तहसीलदार अपने-अपने क्षेत्र में कार्यपालक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में कानून व्यवस्था की स्थिति पर पूर्ण निगरानी तथा शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए है। अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट डूंगरपुर जिले की कानून व्यवस्था के लिए समग्र प्रभारी अधिकारी (ओवर इंचार्ज) रहेंगे तथा विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगे एवं समय-समय पर जिला कलक्टर को कानून व्यवस्था की रिपोर्ट से अवगत कराएंगे।

News-मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी

डूंगरपुर 9 नवम्बर। भारत निर्वाचन आयोग एवं निर्वाचन विभाग जयपुर के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र चौरासी (अनुसूचित जनजाति) के लिए अर्हता तिथि 1 जनवरी, 2025 के संदर्भ में मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया गया है। चौरासी विधानसभा क्षेत्र में 25 नवम्बर से मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन सहित त्रुटि हटाने का कार्य शुरू होगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश धाकड़ ने बताया कि 25 नवम्बर से 26 नवम्बर 2024 (मंगलवार) तक प्रारूप मतदाता सूचियां तैयार की जाएंगी। इन प्रारूप सूचियों का प्रकाशन 27 नवम्बर को होगा। प्रकाशित सूचियों पर 12 दिसम्बर तक दावे-आपत्तियां प्राप्त की जाएगी। 30 नवम्बर 2024 (शनिवार) एवं 08 दिसम्बर 2024 (रविवार) को राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय अभिकर्ताओं के साथ दावे एवं आपत्तियों के आवेदन पत्र प्राप्त करने की विशेष तिथि पर मतदान केन्द्रों पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। 24 दिसम्बर तक दावें एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। 6 जनवरी 2025 (सोमवार) को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

News-गेहूं फसल की बुवाई का दौर प्रारम्भ

डूंगरपुर 9 नवम्बर। समस्त कृषकों से अपील है कि वर्तमान में गेहूं फसल की बुवाई का दौर प्रारम्भ हो चुका है। सभी किसानों को बुवाई के लिए प्रमाणित बीज की आवश्यकता रहती है। ऐसे में मांग के अनुपात में लक्ष्य का आवंटन कम होने से काफी किसान इससे वंचित रह सकते है, किन्तु किसानों से अपील है कि गेहूं का बीज स्वपरागित फसल है।

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक परेश पण्ड्या ने बताया कि प्रति वर्ष लेम्पस निजी बीज विक्रेता से खरीदना आवश्यक नहीं है, कृषक गत वर्ष उत्पादित बीज को इस वर्ष बुवाई के लिए प्रयोग में ला सकते है एवं इसके उपयोग से उत्पादन में भी कोई कमी नहीं आती है। गेहूं के बीज को तीन वर्ष में एक बार आदान विक्रेता से खरीदने की जरूरत रहती है जो कृषक बीज क्रय करने से वंचित रह गए है वे विचलित नहीं होवें। विभाग की तरफ से 4 हजार क्विंटल अनुदानित बीज की अतिरिक्त मांग आयुक्तालय को भेजी गई है। आवंटन प्राप्त होने पर संबंधित आपूर्तिकर्ता संस्था एवं लेम्पस के माध्यम से कृषकों को वितरण किया जा सकेगा। साथ ही कृषक डीएपी खाद के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) उर्वरक को काम में लेवें। इसके लिए बैग डीएपी के संस्था पर, बैग एसएसपी एवं बैग यूरिया प्रयोग में लावें। इससे पोषक तत्व अधिक मात्रा में मिलेंगे। साथ ही लागत में भी कमी आएगी।

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