हम देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1 लाख 12 हजार मेगावाट बिजली सप्लाई कर सकते हैं- ऊर्जा मंत्री आर के सिंह

हम देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1 लाख 12 हजार मेगावाट बिजली सप्लाई कर सकते हैं- ऊर्जा मंत्री आर के सिंह

हमारा लक्ष्य हर घर में बिजली पहुँचाना है -केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

 
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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू

उदयपुर 14 अक्टूबर। केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने उदयपुर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के पश्चात आयोजित संवाददता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में 2012 में विद्युत की कमी करीब 5 प्रतिशत थी जिसे आज हमने उसको कम कर के 0.1 कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब हम लोग विद्युत सरप्लस हो गये है।

उन्होंने बताया कि आज देश में हमारा डिमांड 2 लाख 15 हजार मेगावॉट है, हमने पूरे देश को ई ग्रिड में जोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि करीब 1 लाख 82 हजार किलोमीटर हमने ट्रांसमिशन लाइन बनाया है। आज हम देश के एक कोने से दूसरे कोने तक 1 लाख 12 हजार मेगावाट बिजली सप्लाई कर सकते हैं।

ग्रामीण इलाकों में बढ़ी विद्युत आपूर्ति

2015 के सर्वे के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रो में बिजली की उपलब्धता 12.5 घंटे थी और जब 2021 में सर्वे किया गया तो वह उपलब्धता बढकर 22.5 घंटे हो गई है। केंद्रीय विद्युत और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षाे में हमने 2 लाख 5 हजार करोड़ रूपए बिजली के सिस्टम के आधुनिकीकरण करने पर खर्च किये है जिसमें 2900 नये सबस्टेशन बनाये है, 3998 सबस्टेशन का अपग्रेडेशन किया। साढ़े सात लाख किलोमीटर्स एन्टीलाइन बिछाए और साढ़े 7 लाख ट्रांसफार्मर्स दिया जिसके कारण बिजली की उपलब्धता बढ़ी, हमने हर गाँव तथा हर घर को कनेक्शन दिया है।

हर घर बिजली पहुँचाना है हमारा लक्ष्य

उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य न केवल हर गांव में, बल्कि हर घर में बिजली पहुँचाना है जो भी घर हमारी सेवा से वंचित है उनके घर तक बिजली पहुंचाएगें। उन्होंने बताया की एनर्जी ट्रांजीशन में दुनिया में भारत सबसे अग्रणी है। देश की क्षमता नॉन फोसिल फ्यूल को हटाकर 1 लाख 68 हजार मेगावाट है। उन्होंने बताया की दुनिया के विकसित देशों में बिजली के दाम में काफी मात्रा में वृद्धि है परन्तु हमारे यहां ऐसा नहीं हुआ है। उहोने कहा की हम चाहते हैं कि देश में बिजली वाहनों की बढोतरी हो, हम जगह जगह पर चार्जिंग स्टेशन लगाएंगे तथा साथ में ही इसका उत्पादन भी बढ़ाने का कम करेंगे।

हमारा सपना भारत को एनर्जी एक्सपोर्टर बनाना

सिंह ने कहा कि हमारा सपना है कि भारत एनर्जी एक्सपोर्टर बने। अगर बिजली की डिमांड बढ़ेगी तो उसके लिए हम पॉवर जनरेशन कैपेसिटी तथा ट्रांसमिशन लगा रहे है। ग्रामीण इलाकों में सोलर पर महंगाई के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत सोलर सिस्टम हमारे देश में चाइना से आ रहा है, हम इस पर कम कर रहे है तथा सोलर सिस्टम को मेक इन इंडिया बनाने पर जोर दे रहे है। हमारा डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग 90000 गीगावाट हो जाएगा। कोयले की उपलब्धता के बारे पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह एक बड़ी चुनौती है और सरकार इस पर काम कर रही है।

राज्य के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी पहुंचे ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में

राज्य के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी देश के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मलेन में शिरकत करने रेडिसन ब्लू उदयपुर पहुंचे। उन्होंने इस सम्मलेन के आयोजन के लिए उदयपुर को चिन्हित करने हेतु ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। भाटी ने इस दौरान ऊर्जा को लेकर राजस्थान की आवश्यकताओं एवं राज्य द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा को बढावा देने के प्रयासों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं एवं राज्य में सौर तथा पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु प्रभावी तौर पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रयासों की बदौलत आज राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है।

राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियाँ विशेष, अलग से कोल पैकेज जरुरी -भाटी

राज्य के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट को लेकर भी राजस्थान के दरवाज़े हमेशा खुले हैं एवं हम नवीकरणीय ऊर्जा इंडस्ट्री को बढावा देने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री भाटी ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार के कोयला मंत्री से मांग की है कि राजस्थान की विशिष्ट प्रकार की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए विशेष कोयला पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर बैंकों की तरफ से सवेदनशीलता दिखाए जाने की जरूरत है।

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