उदयपुर, 4 अक्टूबर । प्रदेश के कई धार्मिक स्थल प्रसिद्ध हैं। जिनका सर्किट बनाकर धार्मिक पर्यटन के लिए प्रस्ताव बनाए गए हैं। जिनमें कई अनदेखे धार्मिक स्थलों के भी पर्यटक दर्शन कर पाएंगे। इससे प्रदेश की धार्मिक आस्था, कला, संस्कृति से भी पर्यटकों को रूबरू होने का अवसर मिलेगा। सरकार इन प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के पांच नए सर्किट बनकर उभरेंगे। दरअसल, गत दिनों विजन 2030 को लेकर मंथन के बाद इस संबंध में देवस्थान विभाग ने प्रस्ताव बनाकर राजस्थान सरकार को भेजे है ।
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मंदिरों के विकास का बने मास्टर प्लान
राज्य में स्थित बड़े मन्दिरों के सुव्यवस्थित विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने का सुझाव भी सरकार को भेजा गया है । जगदीश मन्दिर एवं एकलिंगनाथ मंदिर उदयपुर, त्रिपुरा सुन्दरी मंदिर, बांसवाडा, माजी मन्दिर आसोतरा बाड़मेर ,रामदेव मंदिर रामदेवरा जैसलमेर ,आशपुरा माता मंदिर नाडोल, करणी माता मंदिर देशनोक बीकानेर, सालासर बालाजी मंदिर, मेहन्दीपुर बालाजी, कैलादेवी मन्दिर, महावीर जी जैन मन्दिर, केशोराय मन्दिर, सच्चियामाता मन्दिर, ओसिया (जोधपुर), सुन्धा माता मन्दिर जालोर, मंगलेश्वर महादेव, मातृकुण्डिया चितौड़गढ़, चारभुजा मंदिर राजसमंद के विकास का मास्टर प्लान बनाने के भी प्रस्ताव हैं।
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