कहते हैं कि मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कामयाबी आपके कदम चूमती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद देश में लगातार बढ़ते स्टार्टअप इसका बेहतरीन नमूना पेश कर रहे हैं। सालों से चली आ रही एक परेशानी का सॉल्यूशन निकाल अपना स्टार्टअप खड़ा किया है कांकरोली की सास, बहू और देवर की जोड़ी ने। जो छोटे-छोटे कुंभकारों को ना सिर्फ रोजगार दे रही है बल्कि सात समंदर पार अपनी माटी की महक भी छोड़ रहे हैं।
कोरोना के समय अगर किसी वर्ग पर सबसे अधिक मार पड़ी तो वह तबका था हस्तशिल्पी और छोटे रोजगार करने वालों का। कुंभकार भी इस बीमारी की मार से अछूते नहीं रहे और उनके भी चाक थम गए। इस मुश्किल घड़ी में कांकरोली निवासी सुनिता व्यास, उनके छोटे बेटे दत्तात्रेय और पुत्रवधू माधवी पालीवाल ने मिलकर हस्त कलाकारों के लिए कुछ करने का प्लान किया। ग्रामीण कल्चर और हस्तकला को बढ़ावा देने के लिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान से प्रेरणा लेकर कोरोना काल में अगस्त 2020 में स्वदेशी ब्लेसिंग नाम से कंपनी बनाकर हस्त कलाकारों को रोजगार देने की शुरुआत की।
सुनीता व्यास का कहना है कि प्राचीन समय में मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाया जाता था दादी नानी के जमाने की परंपरा को उन्होंने अपनाकर अपनी माटी की महक दुनिया तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है।
माधवी व्यास ने बताया कि समय के साथ घरों में एल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग होने लग गया। इन बर्तनों में बना भोजन पूर्ण रूप से पक भी नहीं पाता है और स्वाद भी ज्यादा नहीं होता है। राजस्थान में पारंपरिक भोजन बनाने के लिए कालांतर से मिट्टी के बर्तनों को ही उपयोग में लिया जाता है।
कोरोना काल में पारंपरिक भोजन बनाने का चलन तो ज्यादा बढ़ गया, लेकिन लोगों को मिट्टी से बने बर्तन नहीं मिल पा रहे थे। आमजन को वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन मिट्टी के बर्तन कंपनी ने उपलब्ध करवाए। मिट्टी के बने बर्तनों में खाना स्वादिष्ट जायकेदार बनता है।
शुरुआत में 50 हजार रुपए लगाकर कंपनी शुरू की। मिट्टी के बर्तनों के फोटो खिंचकर वेबसाइट पर अपलोड किए। मिट्टी से बने बर्तन की भारतीय बाजार से मांग आने लग गई। इसके बाद विदेश में निर्यात करना शुरू कर दिया। कंपनी ने शुरुआत के 2 साल में 5 करोड़ का टर्न ऑवर किया।
कंपनी के सदस्यों ने सोनी टीवी के स्टार्टअप फंडिंग शो शार्क टैंक इंडिया सीज़न टू के एपिसोड 23 में भाग लिया। इसे देख शो के 2 इंवेस्टर को आइडिया काफी पंसद आया। उन्होंने कंपनी में 50 लाख का निवेश किया है।
राजस्थान के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक हस्त कलाकार कुम्हार जुड़कर कंपनी को मिट्टी से बने बर्तन बेच रहे हैं। जिसमें 65 से अधिक प्रकार के बर्तन कंपनी द्वारा बेचे जा रहे हैं।
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