रेमडेसिविर की किल्लत, सोशल मिडिया पर फेक न्यूज, मरीजों के परिजन परेशान

रेमडेसिविर की किल्लत, सोशल मिडिया पर फेक न्यूज, मरीजों के परिजन परेशान

CMHO दिनेश खराड़ी ने बताया कि इंजेक्शन का कंट्रोल कलेक्टरों और CMHO को नहीं सौपा गया है और न ही उनके द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी

 
रेमडेसिविर की किल्लत, सोशल मिडिया पर फेक न्यूज, मरीजों के परिजन परेशान
रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती किल्लत को देखते हुए राज्य सरकार ने इसका कंट्रोल जिला कलेक्टरों और सीएमएचओ को सौंपा यह फेक न्यूज हो रही थी वायरल

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते जहां गंभीर मरीज के परिजन परेशान हो रहे है, वहीं दूसरी तरफ रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर सोशल मिडिया पर फेक न्यूज के चलते मरीजों के परिजनों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। CMHO दिनेश खराड़ी ने बताया कि इंजेक्शन का कंट्रोल कलेक्टरों और CMHO को नहीं सौपा गया है और न ही उनके द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। अधिकृत डिस्टिब्यूटर से सीधे अस्पतालों को सप्लाई की जा रही है। सोशल मिडिया पर वायरल जानकारी फेक न्यूज है।

क्या है सोशल मिडिया पर वायरल फेक न्यूज

रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती किल्लत को देखते हुए राज्य सरकार ने इसका कंट्रोल जिला कलेक्टरों और सीएमएचओ को सौंप दिया है। सरकारी हॉस्पिटल में यह पूर्ण रुप से उपलब्ध है और निजी हॉस्पिटल में यह जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। इन इंजेक्शन की जरुरत पड़ने पर कहीं से भी अधिक कीमत में खरीदने की आवश्यकता नहीं है।

वहीं आपको बता दे कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर CMHO की ओर से कुछ दिनों पहले ही नोटिस जारी किया गया था। उस नोटिस में बताया गया था कि कोविड-19 के संक्रमण के उपचार में काम आने वाली दवा Remdesivir, tocilizumab  प्राइवेट हॉस्पिटल से सीधे खरीद सकते है। CMHO और ड्रग कंट्रोलर इसका डिस्ट्रीब्यूट नहीं करेंगें।    

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