भोजन नली फटने के 10 दिन पश्चात् गीतांजली हॉस्पिटल पहुंचे युवक को मिला नया जीवन

भोजन नली फटने के 10 दिन पश्चात् गीतांजली हॉस्पिटल पहुंचे युवक को मिला नया जीवन

रोगी की भोजन नली जहाँ से फट गयी थी उसके ऊपर व उसके नीचे 10 सेंटीमीटर का स्टेंट डाला गया

 
GMCH

रोगी का जी.आई. सर्जन की टीम द्वारा फीडिंग जेजुनोस्टॉमी बनाया

गीतांजली मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल उदयपुर सभी चिकित्सकीय सुविधाओं से परिपूर्ण हैl यहां निरंतर रूप से जटिल से जटिल ऑपरेशन इलाज कर रोगियों को नया जीवन दिया जा रहा है। गीतांजली हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग से डॉ पंकज गुप्ता, डॉ धवल व्यास, डॉ मनीष दोडमानी, जी.आई. सर्जन डॉ कमल किशोर विश्नोई, टी.बी. चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव छाबड़ा, तकनीशियन संजय सोमारा व टीम के अथक प्रयासों से 35 वर्षीय रोगी को नया जीवन प्रदान किया गया|

डॉ. पंकज ने बताया कि गीतांजली हॉस्पिटल में जब रोगी आया तब वह बहुत ही गंभीर हालत में था बचने की उम्मीद बहुत कम थी| रोगी का तुरंत 256 स्लाइस सी.टी स्कैन मशीन से सी.टी किया गया, उसमें पाया गया कि रोगी की भोजन नली फट चुकी थी जिस कारण वह जो कुछ भी खा पी रहा था, वह सीधा फेफड़ों में, ह्रदय के आसपास जा रहा था,  ऐसी स्तिथि में ऑपरेशन भी संभव नही था| चूँकि रोगी भोजन नली फटने के 10 दिन पश्चात् हॉस्पिटल पहुंचा था यदि रोगी 24 घंटे के अन्दर आ जाता तो ऑपरेशन किया जा सकता था|

ऐसी स्तिथि में रोगी के स्टंट डालने का फैसला लिया गया| रोगी की भोजन नली जहाँ से फट गयी थी उसके ऊपर व उसके नीचे 10 सेंटीमीटर का स्टेंट डाला गया, स्टेंट को धागा  बांधकर नाक से फिक्स किया गया| रोगी को कुछ दिनों तक हॉस्पिटल में भर्ती रखा गया ताकि स्टेंट सही तरह से स्थापित किया जा सके और ह्रदय के आपसपास व फेफड़ों में हुए संक्रमण व मवाद को छाती में डाली गयी ट्यूब के माध्यम से बाहर निकाल सके| रोगी का जी.आई. सर्जन की टीम द्वारा फीडिंग जेजुनोस्टॉमी बनाया जिससे कि छोटी आंत में अलग से रास्ता खोला गया| लगभग दो माह तक रोगी को इसी तरह से खाना दिया गया| रोगी जब एक माह के बाद दिखाने के लिए आया तब उसकी जांच की गयी और उसके स्टेंट एवं फीडिंग जेजुनोस्टॉमी को निकला गया| रोगी अब स्वस्थ है, सामान्य दिनचर्या निर्वहन कर रहा है|

डॉ पंकज ने बताया कि रोगी को छाती में दर्द के साथ खून की उल्टी आयी थी जिसकी उसने परवाह नही की जिस वजह से रोगी की भोजन नली पूरी तरह से फट गयी| यदि किसी को भी इस तरह की परेशानी हो तो या बहुत ज़ोर लगाकर उल्टी आये तो उसे हलके में नही लेना चाहिए एवं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए|

गीतांजली मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल पिछले सतत् 15 वर्षों से एक ही छत के नीचे सभी विश्वस्तरीय सेवाएं दे रहा है और चिकित्सा क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करता आया हैगीतांजली हॉस्पिटल में कार्यरत डॉक्टर्स व स्टाफ गीतांजली हॉस्पिटल में आने प्रत्येक रोगी के इलाज हेतु सदेव तत्पर है|

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal