अब कॉलेज-यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी भी पढ़ाई के साथ अपने करीबी उद्योग-कारखानों में प्रशिक्षण के रूप में रोजगार पा सकेंगे। वे बतौर अप्रेंटिस काम करेंगे और बदले में हर महीने 7000 रुपए पाएंगे। यह राशि छात्रवृत्ति की तरह होगी, जिससे वे जेब खर्च चला सकेंगे।
इसकी पहल कौशल नियोजक एवं उद्यमिता विभाग और कॉलेज शिक्षा विभाग ने की है। अब तक कौशल नियोजक एवं उद्यमिता विभाग के तहत आईटीआई या अन्य तकनीकी प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के लिए ही पोर्टल पर पंजीकरण की सुविधा थी।
युवाओं को पोर्टल पर करना होगा रजिस्ट्रेशन, विभाग संपर्क करेगा
शासन सचिव पीसी किशन के प्रस्ताव पर कॉलेज शिक्षा विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने प्रदेश के सभी कॉलेजों को गत 16 अगस्त को आदेश जारी किए हैं। इसके मुताबिक कॉलेज वाले युवा सीधे ही पोर्टल पर पंजीकरण करवा सकेंगे, जिसके बाद उन्हें उनकी सुविधा से निकटतम उद्योग आवंटित करेंगे।
शासन सचिव पीसी किशन ने बताया कि नियमानुसार प्रत्येक युवा जो प्रशिक्षण ले रहा है, उसे इन्हीं उद्योगों के माध्यम से 7 हजार रुपए प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस छात्रवृत्ति से उनका प्राथमिक स्तर का खर्चा मेंटेन हो सकेगा। वहीं 36 माह की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद युवाओं को सीधे ही कंपनी में या अन्य जगह जहां पर उनकी ट्रेनिंग को तवज्जो मिले, वहां पर रोजगार मिलेगा।
केंद्र का सर्टिफिकेट, देशभर में मान्य, कहीं भी कर सकेंगे काम
युवाओं को कौशल नियोजक एवं उद्यमिता विभाग के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद विभाग संपर्क करेगा और उन्हें निकटतम कंपनी के साथ समन्वय कराएगा। ट्रेनिंग के बाद नेशनल अप्रेंटिसशिप का प्रमाण पत्र देगा। इसे केंद्र सरकार जारी करेगी, जिसकी मान्यता देशभर में रहेगी। यानी प्रमाण पत्र धारक कहीं भी रोजगार पा सकेंगे। दूसरी ओर शासन सचिव कॉलेज शिक्षा भवानी सिंह देथा ने भी प्रदेश के समस्त कॉलेजों को आदेश देकर कहा है कि जो भी इच्छुक है तो उसे मोटिवेट कर के रजिस्ट्रेशन कराएं।
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