जिला अस्पतालों में जल्द से जल्द उपलब्ध हों जीवनरक्षक इंजेक्शन एवं दवा - मुख्यमंत्री


जिला अस्पतालों में जल्द से जल्द उपलब्ध हों जीवनरक्षक इंजेक्शन एवं दवा - मुख्यमंत्री

मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्यों, सीएमएचओ, पीएमओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस 
 
जिला अस्पतालों में जल्द से जल्द उपलब्ध हों जीवनरक्षक इंजेक्शन एवं दवा - मुख्यमंत्री
मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य एवं सीएमएचओ इसके लिए आवश्यकतानुसार अपनी मांग के सम्बन्ध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजें। उन्होंने कहा कि जो मरीज ठीक हो रहे है, उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि आने वाले दिनों की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में प्लाज्मा उपलब्ध हो सके। 

जयपुर/उदयपुर 27 जुलाई 2020। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के हर गंभीर मरीज की जीवन रक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों एवं मेडीकल काॅलजों से संबद्ध चिकित्सालयों में जल्द से जल्द जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि आगामी 10 दिनों में टोसिलीजूमेब इंजेक्शन एवं रेमीडेसिविर दवा की इन अस्पतालों में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही, आइसीएमआर से अनुमति लेकर जिला अस्पतालों में प्लाज्मा बैंक स्थापित करने के काम को भी गति दी जाए। 

गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेशभर के सरकारी मेडिकल काॅलेजों के प्राचार्याें, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना नियंत्रण की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण रोकने एवं मरीजों के इलाज के लिए धन की कोई कमी नहीं आने देगी। हमारी पुरजोर कोशिश है कि इस बीमारी से मृत्युदर को न्यूनतम स्तर पर लाया जाए। इसके लिए जो भी संसाधन उपलब्ध कराने पड़े, कराए जाएंगे। 

मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य एवं सीएमएचओ इसके लिए आवश्यकतानुसार अपनी मांग के सम्बन्ध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजें। उन्होंने कहा कि जो मरीज ठीक हो रहे है, उन्हें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाए ताकि आने वाले दिनों की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में प्लाज्मा उपलब्ध हो सके। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले करीब 5 माह से चिकित्सकों, नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने पूरे समर्पण के साथ काम करके कोरोना नियंत्रण की दिशा में एक मिसाल कायम की है। राजस्थान के सरकारी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों ने कोरोना के प्रसार को रोकने में सराहनीय कार्य किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीएचसी, पीएचसी सहित अन्य अस्पतालों का दौरा करें। इस महामारी को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाए और हैल्थ प्रोटोकाॅल का पालन करने के लिए आमजन को लगातार जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों के संक्रमण को रोकने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन पूर्व तैयारी रखे। श्री गहलोत ने इस दौरान कोरोना पाॅजिटिव केसेज, रिकवरी रेट, होम आइसोलेशन, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग, इंजेक्शन की उपलब्धता, प्लाज्मा थैरेपी की तैयारियों की समीक्षा की। 

चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में प्लाज्मा थैरेपी की सुविधा शुरू हो चुकी है। उदयपुर में आईसीएमआर से अनुमति मिल चुुकी है। बीकानेर और अजमेर में भी इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में प्लाज्मा थैरेपी शुरू करने के लिए माइक्रो प्लानिंग की जा रही है। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज काॅर्पोरेशन लिमिटेड को जीवन रक्षक इंजेक्शन की जल्द खरीद के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अखिल अरोरा ने बताया कि सभी मेडिकल काॅलेजों को टोसिलीजूमेब एवं रेमीडेसिविर आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि आमजन को स्वास्थ्य सुविधाओं एवं उपचार के बारे में सहयोग करने के लिए चयनित स्वास्थ्य मित्रों का सहयोग भी अब कोरोना नियंत्रण एवं जागरूकता के प्रसार में लिया जाएगा। 

वीडियो काॅन्फ्रेंस में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, अति. मुख्य सचिव खान सुबोध अग्रवाल, अति. मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण श्रीमती वीनू गुप्ता, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, शासन सचिव खाद्य आपूर्ति हेमन्त गेरा, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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