मंज़िल से मंज़िल तक


मंज़िल से मंज़िल तक

मंज़िल का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह और कम उम्र में माँ बन जाने की दर में कमी लाना

 
manzil

 खुशी है कि आईपीई ग्लोबल जैसे संगठन इन लड़कियों के लिए काम करने के अच्छे अवसर तलाशने के लिए हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं-अतिरिक्त जिला कलेक्टर

राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य ज़िले डूंगरपुर में आदिवासी एंव पिछड़े वर्ग की 17 छात्राओं ने भारत की प्रतिष्ठित कम्पनी रेमण्ड में अपने हुनर के दम पर नियुक्ति हासिल की है। आई पी ई ग्लोबल द्वारा संचालित एंव चिल्ड्रेन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित मंजिल योजना के तहत प्रशिक्षित ये 17 छत्राएँ ज़िले की अन्य छत्राओं के लिए प्रेरणा बन नींव का पत्थर साबित होंगी |

मंज़िल का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह और कम उम्र में माँ बन जाने की दर में कमी लाना है जिसके लिए कार्यक्रम होने क्रियान्वयित क्षेत्रों में 17 से 21 वर्ष की बालिकाओं / युवा महिलाओं को उनकी इच्छा और योग्यता के अनुसार विभिन्न कौशल पाठ्यक्रमों के माध्यम से हुनरमंद बना, उन्हें उपयुक्त रोज़गार से जोड़ स्वावलम्बी बनाने में मदद करता है ताकि ये युवा अपने जीवन के निर्णय स्वयं ले सकें।

परियोजना को जिला प्रशासन, विशेष रूप से, जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। लड़कियों के बैंगलोर जाने की पूर्व संध्या पर बोलते हुए, अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्ण पाल सिंह चौहान ने कहा, “इन लड़कियों के लिए नए कौशल सीखने और अपने वर्तमान कौशल प्रशिक्षण का उपयोग करने का यह एक शानदार अवसर है। लड़कियों को सशक्त बनाने और आजीविका कमाने की आवश्यकता को समझने के लिए मुझे उन पर और उनके माता-पिता पर गर्व है। 

अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा, “हमें खुशी है कि आईपीई ग्लोबल जैसे संगठन इन लड़कियों के लिए काम करने के अच्छे अवसर तलाशने के लिए हमारे साथ
सहयोग कर रहे हैं। चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन, यूके द्वारा वित्त पोषित पांच साल की पथ-प्रदर्शक परियोजना मंजिल, राजस्थान के 6 जिलों- डूंगरपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, टोंक और जयपुर में काम करती है। यह परियोजना ड्रॉप आउट गरीब लड़कियों को आरएसएलडीसी के कौशल कार्यक्रमों में नामांकित करने के लिए और उन्हें रोजगार के अच्छे रूपों के लिए उपलब्ध अवसरों के साथ जोड़ने के लिए तैयार करती है।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal