झूठी प्रतिष्ठा में निगम के विकास का कर रहे दुष्प्रचार- बोले मेयर


झूठी प्रतिष्ठा में निगम के विकास का कर रहे दुष्प्रचार- बोले मेयर

विकास के पथ पर अग्रसर उदयपुर, शिकायत कर्ता सामने आकर करे बात

 
UMC

उदयपुर 17 मार्च 2023 । नगर निगम महापौर गोविंद सिंह टाक ने शुक्रवार को उदयपुर नगर निगम के किए जा रहे दुष्प्रचार को आड़े हाथों लेते हुए सामने बैठकर बात करने की चेतावनी दी है। महापौर ने उदयपुर के सर्वांगीण विकास को लेकर कोई भी कमी नहीं रखने की बात करते हुए इसके खिलाफ कर रहे दुष्प्रचार करने वाले के खिलाफ रोष प्रकट किया है। 

नगर निगम महापौर ने कहा की कोरोना काल के पश्चात नगर निगम द्वारा लगातार वृहद स्तर पर विकास कार्यों कीर्तिमान किया जा रहा है। सितंबर माह में आयोजित हुए G-20 सम्मेलन में निगम द्वारा शहर में करोड़ों रुपए के विकास कार्य संपादित किए गए। जिसकी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी प्रशंसा की गई। शहर के विकास एवं सौंदर्य को देखते हुए सरकार द्वारा जी 20 का दूसरा चरण भी उदयपुर में आयोजित करने का मानस बनाया और 21 मार्च से 23 मार्च तक फिर से जी 20 सम्मेलन उदयपुर में ही आयोजित किया जा रहा है।

नगर निगम महापौर ने कहा की निगम द्वारा किए जा रहे उदयपुर के विकास को देखकर कुछ लोग बोखला गए हैं एवं जानकारी के अभाव में अनर्गल दुष्प्रचार करते हुए खुद का प्रचार करने में लगे हुए हैं। नगर निगम विकास उदयपुर के विकास में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखेगा। शहर विकास में प्रथम पायदान पर ले जाना एकमात्र लक्ष्य है उस लक्ष्य को हम हासिल करके रहेंगे। महापौर ने सभी प्रश्नों पर अपना स्पस्टीकरण देते हुए कहा है कि निगम में विकास कार्यों के दौरान किसी भी कार्य को लेकर कोई शिकायत या गड़बड़ी प्राप्त हुई है तो निगम द्वारा तुरंत कार्रवाई की गई है। निगम द्वारा कभी भी किसी गलती को नजरंदाज नहीं किया है। 

महापौर ने कहा कि कचरा संग्रहण कार्य में जो भ्रांतिया फैलाई जा रही है वो पूरी तरह से झूठी है। नगर निगम उदयपुर के कुल 70 वार्डो में प्रातःकालीन डोर टू डोर कचरा संग्रहण 16 वार्ड में फिनिश सोसायटी 20 वार्डो में मैसर्स ठाकुर इन्टरप्राईजेज, 22 वार्डो में मेसर्स नागेन्द्र राॅय प्राईवेट लिमिटेड तथा 12 वार्डो में सुप्रिम कन्स  एजेन्सियों द्वारा किया जा रहा ।

इसी के साथ नगर निगम उदयपुर 70 वार्डो में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानो से कचरा संग्रहण परिवहन व सेग्रीगेशन एमआरएफ सेन्टर पर कचरा निस्तारण ठोस कचरा प्रबंधन 2015 के अनुसार शुल्क लेकर कचरा संग्रहण प्रतिदिन मेसर्स ट्रेशोनाॅमी प्राईवेट लिमिटेड द्वारा एमओयू क्रमांक 294/21-22 दिनांक 8.7.21 के अनुसार किया जा रहा है। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई है। सभी फर्मों को यह कार्य नियमो के अनुसार निविदा आमंत्रित कर दिया गया। 

महापौर टांक ने फर्जी बिलों के भुगतान और आज तक एफआईआर दर्ज नहीं पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए कहा कि नगर निगम को डम्पर के बिलो के गलत भुगतान के संबंध में प्रकरण संज्ञान में आने के पश्चात आयुक्त नगर निगम द्वारा जांच हेतु उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन दिनांक 24.01.2022 को कर दिया गया था। समिति द्वारा अपनी जांच दिनांक 29.04.2022 को प्रदान की गई तथा जांच अनुसार संवेदक द्वारा गलत तथ्यों के आधार पर बिल प्रस्तुत करने की अनियमित कार्यवाही के विरूद्ध संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने एवं संवेदक की प्रतिभूति राशि जब्त करने के साथ उसके बिलों का भुगतान रोकते हुए सिविल कार्य का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया गया। 

महापौर ने बताया कि नगर निगम द्वारा 20.01.2022 को संबंधित फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई  तथा संवेदक का दिनांक 19.01.2022 रजिट्रेशन निरस्त कर व प्रतिभूति राशि जब्त करने/डीबार करने की कार्यवाही की गई। एफआईआर दर्ज कराने के पश्चात मामले की जांच एवं अनुसंधान का दायित्व संबंधित थानाधिकारी का है ना कि नगर निगम का जबकि प्रचार यह किया जा रहा है कि इस प्रकरण में निगम द्वारा कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है।

उन्होने कहा कि गुलाबबाग चिल्ड्रन गार्डन फर्जी भुगतान संबंधित शिकायत नजर अंदाज करने को लेकर महापौर टांक ने कहा कि नगर निगम को शिकायत प्राप्त होने पर आयुक्त नगर निगम द्वारा एफआईआर दर्ज कराते हुए प्रकरण की जांच हेतु एक कमेटी का गठन कर दिया गया। थाना सूरजपोल में दिनांक 02.03.2023 को  एफआईआर दर्ज कराई गई है। निगम स्तर पर गठित कमेटी की जांच वर्तमान में प्रक्रियाधीन है। और दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मेयर ने बताया कि गुलाब बाग में कमलतलाई में हुए पक्के निर्माण को लेकर महापौर गोविंद सिंह टाक ने बताया कि उदयपुर शहर के गुलाब बाग में स्थित कमल तलाई जो पूर्ण रूप से कच्ची होकर दलदल युक्त थी में टाइल्स लगवाकर बच्चो हेतु छोटी नाव चलाने का प्रस्ताव रखा गया है। निर्माण समिति में लिये गये निर्णय की पालना में पर्यटको एवं आमजन की दृष्टि से नगर निगम उदयपुर द्वारा कमल तलाई में मात्र टाईल्स लगाकर सौन्दर्यीकरण का कार्य करवाया गया। 

निगम महापौर ने बताया कि पिछोला में सीवर लाईन को लेकर कहा कि पिछोला झील मे नगर निगम द्वारा कभी भी सीवर लाईन डालने व निकालने का कार्य नही किया गया। यह संपूर्ण प्रकरण नगर विकास प्रन्यास एवं स्मार्ट सिटी विभाग उदयपुर से सम्बन्धित है फिर भी बदनामी नगर निगम की हो रही है। पिछोला झील के क्षेत्रफल को लेकर भी महापौर गोविंद सिंह टाक ने अपना रूख पूरी तरह से स्पष्ट करते हुए कहा कि राजस्थान झील संरक्षण विकास प्राधिकरण अधिनियम 2015 की धारा 4 व 5 अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा पिछोला झील के सम्पूर्ण क्षेत्र एवं भौगोलिक सीमाओं का निर्धारण करते हुए अधिसूचना क्रमांकः F.8(lake) (6) DLB/2017/3096 दिनांक 24.05.2022 द्वारा पिछोला झील को संरक्षित घोषित कर दिया गया है तथा उदयपुर झीलों एवं तालाबों में अतिक्रमण एवं अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने हेतु समस्त झीलों एवं तालाबों का सीमांकन करवाने एवं मुटाम लगाने की कार्यवाही करने हेतु सचिव नगर विकास प्रन्यास उदयपुर एवं उपखण्ड क्षेत्रों में उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार को अधिकृत करते हुए सीमांकन करवाने के निर्देश जिला झील संरक्षण विकास समिति की बैठक दिनांक 13.12.2022 में  जिला कलक्टर महोदय द्वारा प्रदान किये गये। 

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त तालाब एवं जल स्त्रोत नगर विकास प्रन्यास एवं उपखण्ड अधिकारी/तहसीलदार के क्षैत्राधिकार में निहित हैं। इस पूरे प्रकरण में नगर निगम का कोई किरदार नहीं है फिर भी निशाने पर निगम को लिया जा रहा है। महापौर ने तथाकथित 272 भूखण्ड घोटाला को लेकर कहा है कि इस प्रकरण में एसओजी में मामला दर्ज किया जा चुका है और जांच विचाराधीन है। नगर निगम द्वारा तथाकथित 272 भूखण्डों के मामले में नगर विकास प्रन्यास से हस्तांतरित योजना के रिकोर्ड की जांच करने हेतु कमेटी का गठन किया। कमेटी द्वारा जांच में 41 भूखण्ड संदिग्ध/कूटरचित दस्तावेजों अनुसार पाये जाने पर आवंटन निरस्त किया जाकर 28 भूखण्डों को कब्जे में लिया गया तथा 12 भूखण्डों पर भवन निर्मित होकर परिवार निवासरत होने से कब्जे में नहीं लिया गया, एवं एक भूखण्ड का न्यायालय में वाद होने से कब्जे में नहीं लिया जा सका। 

उन्होंने बताया कि निगम द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुए कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नामान्तरण/लीजडीड जारी कराने वालों के विरूद्ध संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई, थाना सूरजपोल में क्रमांक 0097 दिनांक 02.03.2022 को एवं थाना हिरण मगरी में क्रमांक 0116 दिनांक 25.02.2022 को एफआईआर दर्ज हुई। राज्य सरकार द्वारा उक्त प्रकरण की जांच हेतु एसओजी को मामला सौंपा गया जिसकी जांच एवं अनुसंधान की कार्यवाही एसओजी द्वारा की जा रही है । निगम स्तर पर किसी भी तथ्य को छिपाया नहीं गया है तथा एसओजी की कार्यवाही में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसी के साथ अन्य जो भी विचाराधीन प्रकरण है उसमें नगर निगम महापौर, आयुक्त, उपमहापौर, सभी समितियों के अध्यक्ष द्वारा अपने स्तर पर जांच की जाती है और अपनी जांच से अवगत करवाया जाता है। जांच में स्तिथि स्पष्ट होने के पश्चात अग्रिम कार्रवाई प्रारंभ की जाती है।

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