उदयपुर 15 जनवरी 2024 । सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन( सीटू) जिला संयोजक मंडल, उदयपुर द्वारा देशव्यापी आह्वान पर मजदुरों की विभिन्न मांगो को लेकर, सुबह 11 जिला कलक्ट्रेट उदयपुर पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जाएगा।
ज्ञापन में देशव्यापी 21 मांगपत्र के साथ नगरनिगम उदयपुर द्वारा अतिक्रमण के नाम पर ठेले व्यवसायियों को अवैध रूप से बेदखल करने के खिलाफ भी जिला कलक्टर, उदयपुर को ज्ञापन दिया जाएगा।
नगर निगम उदयपुर द्वारा पथ विक्रेता (जीविका सरंक्षण एवं पथ विक्रय विनियमन )अधिनियम 2014 के तहत, ठेला व्यवसायियों के बारे में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार टाउन वेंडिंग कमेटी को है, इस बाबत अनेक बार अवगत कराने के बावजूद नगर निगम, उदयपुर का भाजपा बोर्ड हजारों ठेला व्यवसायियों को उजाड़ने पर तुला है। उन्हे अतिक्रमण के नाम पर केवल ठेला व्यवसायी ही नजर आते है।
देशव्यापी आह्वान पर 21 सूत्री
अभी हाॅल ही में लोकसभा द्वारा विपक्ष को बाहर निकाल कर मोटर व्हीकल एक्ट में हीट एण्ड रन के नाम पर 10 साल सजा व 7 लाख का जुर्माना सभी प्रकार के वाहन चालको पर भारतीय न्याय संहिता 106 (2) में किया गया है , यह तुरन्त वापस लिया जावे।
भारतीय न्याय संहिता में नये संशोधनो के तहत पुलिस को किसी भी व्यक्ति को पुछताछ के नाम पर थाने में 7 से 15 दिन रखने का अधिकार दिया है। यह अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून से भी भारी खतरनाक व कठोर है। पहले 24 घंटे में मुलजिम को न्यायालय में पेश किया जाता था। अतः नया कानून जन विरोधी व पुलिस को ज्यादा ताकतवर बनाकर बेवजह जनता को व सत्ता विरोधियों को परेशान करने का अधिकार देता है। इसे वापस लिया जावे।
- राजस्थान में चिंरजीवी योजना को लागू रखकर 25 लाख रूपए तक का ईलाज मुफ्त जारी रखा जावे ।
- राजस्थान सरकार पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा जनहित में चलाई गई योजनाओं को बंद न कर जनहित में जारी रखा जाए।
- सभी श्रमिकों को (योजनाकर्मियों, आंगनबाडी, आशा मिड-डे-मील वर्कर्स सहित) 26,000 न्यूनतम मजदूरी और 10,000 रूपये मासिक पेंशन भुगतान को सुनिश्चित करे, ठेका प्रथा बंद करो तथा अग्नि पथ योजना को निरस्त करो।
- किसानों को उनके तमाम फसल उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य (स्वामीनाथन आयोग के अनुसार) का भुगतान करना कानूनी रूप से सुनिश्चित करों और फसल खरीद की गारंटी करों ।
- केन्द्र सरकार गरीब, मध्यम किसान और खेतिहर मजदूरों का सम्पूर्ण कर्जा एक बार माफ करे और 60 साल से ऊपर सभी कों पेंशन भुगतान करों ।
- 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर बनाए गए 4 लेबर कोड को वापस लो ।
- सभी को काम की गारंटी एवं कार्य की सुरक्षा दो।
- मनरेगा में कार्य दिवस बढाकर 200 दिन करों और प्रतिदिन मजदूरी 600 रूपये का भुगतान करों । पुराना बकाया वेतन का भुगतान करों। इसी प्रकार राष्ट्रीय शहरी रोजगार गारंटी योजना का कानून बनाओं।
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- ठेकेदारी, संविदा प्रथा पर रोक लगाओं। ठेका श्रमिकों को नियमित काम के लिए स्थाई कर्मचारियों के समान ही वेतन-भत्ता तथा अन्य सुविधाआओं /लाभों का भुगतान करों ।
- सार्वजनिक क्षेत्रो और सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण बंद करों । राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाईन को निरस्त करों । 12. बढ़ते दामों और महंगाई पर रोक लगाओं ।
- सभी खाद्य पदार्थों एवं आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी समाप्त करों ।
- पैट्रोल, डीजल, केरोसिन, रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी करों और 450/-रूपए में सभी को गैस सिलेंडर दों।
- सार्वभौमिक राशन वितरण प्रणाली को लागू करों और 14 आवश्यक वस्तुओं कों इसमें शामिल करों। आयकर की श्रेणी से बाहर सभी परिवारों के लिए भोजन एवं एक निश्चित आय को सुनिश्चित करों ।
- वन अधिकार कानून का पालन करों । वन क्षेत्र में रह रहे आदिवासियों को बिना पूर्व सूचना उनकी भूमि का अधिग्रहण कर वनों से बेदखल करने हेतु वन कानून एवं नियमों में किए गए संशोधन को वापस लो।
- गरीब वंचित लोगों पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाओं और उनके लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करों। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करों ।
- सभी के लिए सार्वभौमिक एवं गुणवता पूर्ण शिक्षा व स्वास्थ्य सरकार की और से सुनिश्चित करों ।
- सभी के लिए आवास व्यवस्था उपलब्ध कराओं।
- सरकारी एवं सार्वजनिक संस्थाओं में समय से पहलें जबरन सेवानिवृत्ति का काला आदेश वापस लो।
- पुरानी पेंशन योजना बहाल करो। नई पेंशन योजना समाप्त करों।
- सभी नागरिको को स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के मूलभूत संवैंधानिक अधिकारों की रक्षा करों।
- श्रम विभाग निर्माण मजदूरों की सभी योजना व रजिस्ट्रेशन का समय 30 दिन के अंदर पुरा किया जाये और शुभशक्ति योजना चालू की जाए तथा सेस वसूली में तेजी लाई जाये तथा उचित सेस वसूली करों ।