उदयपुर शहर के हर गली मोहल्ले में बेतरतीब तरीके से बने स्पीड ब्रेकर वाहनों के साथ ही अब लोगों में कमर दर्द को बढ़ा रहे हैं। शहर में कहीं नियमों से स्पीड ब्रेकर नहीं बने है। इन पर किसी तरह की सफेद पट्टी नहीं है, जहां है वह मिट जाने से लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
डामर के कलर के ही काले रंग के स्पीड ब्रेकर होने से लोगों को वह एकदम नजर नहीं आते। इसके अलावा भी कई गली मोहल्लों में लोगों ने अपनी मर्जी से ब्रेकर बना रखे है। ये इतने ऊंचे है कि लोग आए दिन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। कमर में रीढ़ की हड्डी पर झटके आ रहे हैं तो नीचे गिरते ही हेड इंजरी के भी कई लोग शिकार हो रहे हैं। नियम के विरुद्ध बने इन अवरोधक पर न तो कोई सफेद पट्टी है और न ही कोई संकेतक। ये अवरोधक सिर्फ बनवाने वालों व क्षेत्र के लोगों को ही पता है। स्पीड ब्रेकर से घायल कई लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। ये बेतरतीब बेरियर युनिवर्सिटी मार्ग, ठोकर, सुभाषनगर की कॉलोनियों, हिरणमगरी, माली कॉलोनी, गायरिवास, अशोकनगर, पंचवटी, सुखाड़िया सर्कल मार्ग, सौभागपुरा व आदि क्षेत्र में बने हुए है।
मोहल्लों की सड़कों पर ब्रेकर गैर कानूनी
1 स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर होनी चाहिए।
2- स्पीड ब्रेकर बनाने के पीछे वाहनों की स्पीड 20 से 25 किलोमीटर करना होता है।
3 स्पीड ब्रेकर पर थर्मो प्लॉस्टिक पैंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, जिससे वाहन चालकों को रात में भी दिखे।
4 वाहन चालक को अलर्ट करने के लिए ब्रेकर से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड लगाए जाने चाहिए।
जहां जरूरत, वहां नहीं
शहर में शोभागपुरा से आरटीओ वाली रोड पर स्पीड ब्रेकर की जरूरत है, लेकिन वहां नहीं है। इस मार्ग पर है, जहां से आरटीओ की तरफ जाने वाले वाहन नहीं दिखते। मंदिर से आरटीओ तक इस मार्ग पर एक भी कट नहीं है। इससे गरीब नवाज कॉलोनी, मनीष विहार, गौतम विहार के अधिकांश लोग गलत साइड से जाते हैं, जिससे आए दिन दुर्घटना का भय रहता है। यहां बोटल नेक व आरटीओ चौराहे से पहले स्पीड ब्रेकर व कट की सख्त जरुरत है। तीन दिन पहले भी यहां एक हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। यहां स्पीड ब्रेकर बनाने को लेकर यातायात सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय भी हो चुका,लेकिन किसी ने सुध नही ली।
तकनीकी सलाहकार यातायात व विशेषज्ञ डॉ. कल्पना शर्मा, बताती है की स्पीड ब्रेकर नियमानुसार ही बनने चाहिए। इसकी ऊंचाई 10 सेंटीमीटर व लम्बाई 3.5 से अधिक नहीं होनी चाहिए। वृत्ताकार रेडियस 17 सेंटीमीटर होना चाहिए। इसके अलावा सब अवैध है। मनमर्जी से बनवाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रक्रिया को कर रहे दरकिनार
स्पीड ब्रेकर का निर्माण लोगों की मांग पर यातायात सलाहकार समिति व पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की टीम निरीक्षण के बाद करती है, लेकिन यहां तो लोगों ने अपने घरों के बाहर भी मनमर्जी से बनवा रखे हैं। अवरोधक की ऊंचाई इतनी है कि निकलने में वाहनों का निचला हिस्सा टकरा जाता है, मजबूरन चालक ब्रेकर आने से पूर्व रोककर वाहन निकालते हैं।
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