राज्य में ऊर्जा दक्षता के लिए डेडिकेटेड विद्युत उपभोक्ताओं को केन्द्र सरकार के ऊर्जा दक्षता मापदण्डों की पालना और वार्षिक एनर्जी रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने पर उदयपुर की लीला होटल, उदयपुर सीमेंट, लार्डर्स क्लोरो अल्कली लिमिटेड अलवर, बीएस लिग्नाइट पॉवर गुरहा बीकानेर, जयपुर की आईटीसी राजपुताना होटल और उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर को 15 दिन में फार्म 3 व संशोधित फार्म 3 की सूचना प्रस्तुत करने का नोटिस दिया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि चालू सर्कल 2019-20 से 2021-22 के अनुसार प्रदेश की छह कंपनियां इस दायरे में आती है। अब तक प्रदेश के 86 संस्थान इस कैटेगरी मेंं हैं। एसीएस एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बुधवार को अक्षय ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक में ऊर्जा दक्षता मापदंडों की पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा दस प्रकार की विभिन्न कैटेगरी में ऊर्जा संरक्षण के लक्ष्योें का निर्धारण करते हुए ऊर्जा बचत की पालना की सख्त हिदायत दी हुई है। राज्य में केन्द्र द्वारा जारी कैटेगरी में अब तक कुल 86 डेडिकेटेड उपभोक्ता इस श्रेणी में आते हैं। इन 86 डेडिकेटेड उपभोक्ताओं को प्रतिवर्ष अक्षय ऊर्जा निगम को प्रति देते हुए केन्द्र सरकार के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी को निर्धारित प्रपत्रों में रिटर्न प्रस्तुत करने होते हैं वहीं केन्द्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी तीन वर्षीय चक्रानुसार नई संस्थाओं का चयन किया जाता है।
उन्होेंने बताया कि वर्तमान तीन वर्षीय 2019-20 से 2021-22 चक्रानुसार उदयपुर की लीला होटल, उदयपुर सीमेंट, लार्डर्स क्लोरो अल्कली लिमिटेड अलवर, बीएस लिग्नाइट पॉवर गुरहा बीकानेर, जयपुर की आईटीसी राजपुताना होटल और उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर शामिल है। उर्जा दक्षता के लिए केन्द्र सरकार की ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसिएंसी नोडल संस्था हैं वहीं राज्य स्तर पर अक्षय ऊर्जा निगम स्टेट डेजिगनेटेड संस्था है। नियमानुसार ऊर्जा दक्षता नियमों की पालना करते हुए विद्युत बचत करते हुए दक्षता उपायों को अपनाना होता है। उन्होंने बताया कि आवश्यक प्रपत्रों में सालाना रिटर्न बीईई को प्रस्तुत करते हुए प्रति अक्षय ऊर्जा निगम को देनी होती है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के डेडिकेटेड उपभोक्ताओं में सीमेंट, टैक्सटाइल, थर्मल पॉवर प्लांट, रेल्वे, होटल्स, डिस्कॉम्स, रिफाइनरी, फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स, व्यावसायिक भवन, लोहा व इस्पात आदि शामिल हैं। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा बिजली बचत के लिए परफार्म, एचिव एण्ड ट्रेड लक्ष्य दिए होते हैंं जिनकी पालना सुनिश्चित करते हुए कार्यवाही करते हुए सूचनाएं देनी होती है। ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत नियमानुसार व समय पर पालना नहीं करने पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान ऊर्जा दक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर परिणाम देने वाले प्रदेशों में प्रमुख प्रदेश और विभिन्न कैटेगरी में उल्लेखनीय परिणाम देने के फलस्वरूप 14 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में नेशनल एनर्जी कंजरवेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
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