प्याज के भाव में आई तेजी, जानिए कितने में बिक रहा


प्याज के भाव में आई तेजी, जानिए कितने में बिक रहा

टमाटर के बाद अब प्याज ने रुलाया, एक सप्ताह में दुगने हुए दाम

 
Onion makes them cry again

उदयपुर, 30 अक्टूबर । खाना के साथ अगर सलाद में प्याज न हो तो कुछ कमी सी लगती है क्योंकि प्याज ही थाली का स्वाद बढ़ाती है, लेकिन इस बार ठंड में आसमान छू रहे प्याज के दामों ने आम आदमी की मुश्किलें बढ़ा दी है। टमाटर की तरह प्याज की बढ़ी हुए दाम महंगाई को बढ़ाने का काम कर रही है।

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के कारण गोदामों में रखे प्याज खराब हो गए। आज से करीब 15 दिन पहले कृषि मंडी में 15 से 20 रुपए किलो प्याज के भाव थे जो आज करीब 60-70 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। आगामी दिनों में त्योहार और शादियों का सीजन होने के चलते प्याज के भाव में और भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।

व्यापारियों के पास अब स्टोरेज किया हुआ प्याज ही बचा है जो मंडी में आ रहा है। प्याज की मांग अधिक होने और आवक कम होने के चलते प्याज के दाम लगातार बढ़ने लगे। गत सात दिनों में ही प्याज के दाम 10 रुपए प्रति किलो तक बढ़े।

व्यापारियों का कहना है कि नए प्याज की आवक 10 से 15 दिन में शुरू होगी। इसी बीच दीपोत्सव की शुरुआत भी हो जाएगी, जिसमें परिवहन प्रभावित रहने से वापस आपूर्ति क्रम कमजोर रहने के आसार हैं। तब तक इसमें तेजी के आसार हैं। यानी त्योहारों में कीमतें चढ़ने के साथ प्याज आंखों में आंसू ला सकता है। उत्पादक क्षेत्रों में फसलें खराब होने से शहर में इसकी कीमत प्रति किलो 200 रुपए तक जा पहुंची थी।

इधर रतलाम, प्रतापगढ़, इंदौर आदि क्षेत्रों में प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है। इससे व्यापारी देश के बाहर माल भेजने में कम रुचि दिखा रहे हैं।

प्याज की दर , यह होलसेल प्रतिकिलो की दर है।

       साइज             एक माह पूर्व      वर्तमान
        छोटा              20 रुपए     52 रुपए
        मध्यम              25 रुपए     42 रुपए
        बड़ा              30 रुपए     52 रुपए

सब्ज़ी फ्रूट व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश खिलवानी ने बताया कि दिवाली तक नए प्याज आने की उम्मीद है। फिलहाल आवक कम होने से सामान्य दिनों में होलसेल में न 16 से 17 रुपए प्रति किलो बिकने वाला प्रीमियम क्वालिटी प्याज 55-60 रुपए तक जा पहुंचा है। रिटेल में इसकी कीमत 25 रुपए से बढ़कर 60- 70 रुपए तक पहुंच गई है। मंडी में कुल सप्लाई का 20 से 25% माल लोकल होता है। यह भी कम आ रहा है। बाकी जरूरत महाराष्ट्र के नासिक, गुजरात व मध्यप्रदेश से पूरी होती है।

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