उदयपुर 12 जुलाई 2023। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर्यावरण संरक्षण को लेकर सदैव चिंतित रहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक अभिनव पहल करते हुए लोगों को पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ‘राजस्थान में वन क्षेत्र के बाहर वृक्षारोपण‘ योजना लागू की है।
उदयपुर जिले में भी इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है और दिन-रात वनकर्मी अधिकाधिक पौधे तैयार कर आमजन को वितरित करने में जुट गए हैं। इधर पौधे खरीदने के लिए नर्सरियों में भीड़ भी उमड़ने लगी है। लोगों में इतना उत्साह है कि गत 11 दिनों में 50 हजार पौधे बिक चुके हैं। पौधे इतने सस्ते हैं कि अब हर कोई इन्हें खरीद पा रहा है। न्यूनतम 2 रुपए से लेकर अधिकतम 15 रुपए में ऐसे पौधे लोग खरीद पा रहे हैं जिनके लिए मार्केट में अमूमन 200 से 500 रुपए तक लोगों को देने पड़ जाते हैं। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा एवं उप वन संरक्षक सुगना राम जाट ने आमजन से योजना का लाभ उठाने एवं अधिकाधिक पौधारोपण करने की अपील की है।
उप वन संरक्षक सुगना राम जाट ने बताया कि राज्य वन नीति 2023 के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षारोपण के माध्यम से वृक्षों का आवरण बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने यह फ्लैगशीप स्कीम ‘राजस्थान में वन क्षेत्र के बाहर वृक्षारोपण’ शुरू की है।
योजना का उद्देश्य पारम्परिक वनों के बाहर वृक्षों के कवरेज को विस्तारित करना, राज्य में किसानों की आय में वृद्धि करते हुए कृषि प्रणालियों के लचीलेपन को मजबूत करने के लिए कृषि वानिकी का उपयोग करना, रोजगार सृजन एवं आय में वृद्धि करना, वृक्ष आधारित उद्यमों में बढ़ोत्तरी एवं कार्बन क्रेडिट की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना एवं पारिस्थितिकीय तंत्र सेवाओं का सृजन, वैश्विक जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए राजस्थान में वन भूमि के बाहर वृक्षारोपण को बढ़ाना है।
योजना के तहत उदयपुर जिले में लक्ष्य अनुरुप 23 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। इसमें से 5 लाख पौधे गोचर, ओरण, सिवायचक, 3 लाख 50 हजार पौधे शहरी क्षैत्रों में तथा 14 लाख 50 हजार पौधे आमजन को अपने घरों एवं खेतों में लगाने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना को वन विभाग द्वारा एक जन अभियान के रुप में क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रचार-प्रसार हेतु सोशल मीडिया सहित सभी माध्यमों का प्रयोग किया जा रहा है। जिला और ब्लॉक स्तर पर संगोष्ठियां एवं कार्यशाला का आयोजन भी हो रहा है। जनप्रतिनिधि, स्वायत्तशासी संस्थाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, अन्य राजकीय विभागों एवं विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों इत्यादि का सहयोग लेकर इस अभियान को क्रियान्वित किया जा रहा है। विभागों को लक्ष्य आवंटित किए गए हैं।
वन विभाग द्वारा विभिन्न किस्मों के पौधे तैयार किए गए हैं। जिले की नर्सरियों में निर्धारित दरों पर सागवान, अर्जुन, अशोक, आम, अनार, कचनार, खैर, गुलमोहर, जलकरंज, जामुन, नीम, पपीता, पारस पीपल, अमलताश, अमरुद, इमली, खिरनी, पीपल, बहेड़ा, बरगद, सेमल, हवन, बिलपत्र, बांस, बैर, मीठा नीम, शीशम, सेहजना, नींबू, महुआ, अरीठा, केशिया श्यामा, करंज, हवन, सेहजना, अरडू, बादाम इत्यादि छायादार, फलदार, औषधीय, सजावटी पौधे वितरण हेतु उपलब्ध हैं।
जिला कलक्टर ताराचंद मीणा एवं उप वन संरक्षक सुगना राम जाट ने आम नागरिकों, कृषकों, पर्यावरण प्रेमियों, निजी संस्थाओं, व्यवसायिक संस्थानों, औद्योगिक ईकाईयों एवं राजकीय विभागों से अपील है कि इस वर्षाऋतु में अपने नजदीकी नर्सरी से निर्धारित दर पर पौधे प्राप्त कर ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपना अमुल्य योगदान प्रदान करें जिससे कि योजना सफल हो सके एवं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिले।
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