लहराते हुए तिरंगे का डाक टिकट 1947 काे जारी किया गया था


लहराते हुए तिरंगे का डाक टिकट 1947 काे जारी किया गया था

आज़ादी के तीन माह बाद 21 नवम्बर 1947 को हुआ था जारी

 
First Postage Stamps of Independent India Currency Collector of Udaipur Vinay Bhanawat

आजाद भारत में पहला डाक टिकट तिरंगे वाला प्रकाशित किया गया था। इसके एक माह बाद दो डाक टिकट और जारी किए गए थे। लहराते हुए तिरंगे का यह टिकट भारत के आजाद होने के तीन माह बाद 21 नवंबर, 1947 को जारी किया गया था। इसके बाद 15 दिसंबर 1947 काे दो टिकट और जारी किए गए थे। 

ऐसे में आजादी के वर्ष में भारत सरकार द्वारा कुल तीन टिकट जारी किए गए थे। इसके बाद से लगातार नए-नए टिकट जारी होते रहे। तीनों टिकट इंडिया सिक्यूरिटी प्रेस नासिक में प्रिंट हुए। करेंसी कलेक्टर डॉ. विनय भाणावत के पास आजादी हिंदुस्तान में जारी किए गए तीनों पहले टिकट मौजूद है। 

भाणावत बताते हैं कि इन टिकट को सहेजने के लिए विशेष एलबम बनवाई गई है। हल्के सी आर्द्रता से भी टिकट को नुकसान हो सकता है। ऐसे में एलबम के हर पन्ने पर इनकी सुरक्षा के लिए एक पारदर्शी विशेष कागज भी लगा रहता है। टिकट को एलबम से निकालने के लिए दस्ताने, चिमटी आदि के उपयोग के साथ ही कमरे की आर्द्रता कम करने के लिए हिटर आदि का उपयोग किया जाता है। 

साढ़े तीन आने का था पहला टिकट

तिरंगा वाला टिकट साढ़े तीन आने का था। 21 नवंबर, 1947 को जारी हुए इस टिकट पर लहराता हुआ सुंदर तिरंगा बना हुआ है। इसके साथ ही 15 अगस्त, 1947 लिखा हुआ है। पहली बार ये टिकट 2.3 मिलियन छापे गए जो करीब 23 लाख होते हैं। एक शीट पर 96 टिकट थे। इस टिकट की वर्तमान कीमत 250 रुपए है। 

डेढ़ आने का था अशोक स्तंभ वाला टिकट

15 दिसंबर, 1947 को दो टिकट जारी किए गए। इनमें एक टिकट पर अशोक स्तंभ बना हुआ है और जयहिंद लिखा हुआ है। यह टिकट डेढ़ आने का था। पहली बार ये टिकट 22.7 मिलियन प्रकाशित किए गए। इसकी एक शीट में 144 टिकट थे। इस टिकट की वर्तमान कीमत 30 रुपए से अधिक है। इसी दिन प्लेन वाला टिकट भी जारी किया गया। 12 आने के इस टिकट पर उड़ता हुआ प्लेन बना हुआ है। पहली बार यह टिकट 2.4 मिलियन प्रकाशित किए गए थे इसकी एक शीट में 160 टिकट थे। इसकी वर्तमान कीमत 350 रुपए है।

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