News-सलूंबर जिले में मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व से सूखा दिवस घोषित
मतगणना दिवस 3 दिसम्बर को भी सूखा दिवस रहेगा
सलूंबर , 17 अक्टूबर/विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135-ग के प्रावधानों के तहत सूखा दिवस घोषित किया गया हैं। जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि सम्पूर्ण जिले में मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व से यानी 23 नवम्बर को सायंकाल से 25 नवम्बर को मतदान समाप्ति तक, पुर्नमतदान की स्थिति में भी पुनर्मतदान की घोषणा से पुनर्मतदान की तिथि को पुनर्मतदान की समाप्ति तक संबंधित मतदान केन्द्रों के क्षेत्रों में, मतगणना दिवस 3 दिसम्बर को सम्पूर्ण जिले में सूखा दिवस घोषित किया गया है। सूखा दिवस की अवधि के दौरान जिले के किसी होटल, भोजनालय, पाठशाला, दुकान अथवा किसी लोक या प्राईवेट स्थान में कोई भी स्प्रिरिटयुक्त, मादक लिकर (शराब) या वैसी ही प्रकृति का अन्य पदार्थ का न तो विक्रय किया जाएगा न ही दिया जाएगा और न ही वितरित किया जाएगा।
News-जिला कलक्टर ने मतदान केन्द्रों का किया निरीक्षण
सी–विजील एप का करे उपयोग
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिला कलेक्टर श्री प्रताप सिंह एवं जिला पुलिस अधीक्षक अरशद अली ने लसाडिया में विभिन्न मतदान केंद्रो का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बेडावल, कंडेला, आंजनी, धामणिया खालसा,धामणिया जागीर, अग्गड, सती की चोरी सहित विभिन्न मतदान केन्द्रों का निरीक्षण किया एवं कानून व्यवस्था, आदेशों की पालना, आचार संहिता की पालना के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मतदान केन्द्रों पर छाया, पेयजल, विद्युत, रेम्प, सुविधाएं, दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हील चेयर आदि की व्यवस्थाएं देखी।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार वर्ष 2023 के विधान सभा आम चुनावों में होम वोटिंग की सुविधा पात्र मतदाताओं को विकल्प के तौर पर मिल सकेगी। होम वोटिंग की सुविधा ऐसे मतदाताओं को मिलेगी जो 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक या 40% से अधिक दिव्यांग श्रेणी के विशेष योग्यजन मतदाता हैं।
जिला कलक्टर ने आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए भयमुक्त वातावरण में मतदान करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने असामाजिक तत्वों जो मतदान को प्रभावित कर सकते है पर त्वरित कार्रवाई कर पाबंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने मतदान केंद्र पर सभी अधिकारियों को समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए एवं जिला कलेक्टर श्री प्रताप सिंह ने ग्रामीणों को सी–विजील एप की जानकारी दी।
यह रहे उपस्थित
जिला पुलिस अधीक्षक अरशद अली, उप पुलिस अधीक्षक डूंगर सिंह, सलूंबर एसएचओ, लसाडिया तहसीलदार, कूण एसएचओ, लसाडिया एसएचओ, उदयलाल, भगवती लाल मीणा, बीएलओ सहित निर्वाचन अधिकारी उपस्थित रहे।
News- बाल विवाह मुक्त समाज बनाने एकजुट हुआ जनजाति समुदाय, बाल विवाह के ख़िलाफ़ निकाली मशाल यात्रा
सलूंबर l बाल विवाह सामाजिक बुराई होने के साथ पूरे समाज पर कलंक है l सरकारी प्रयास के साथ स्वयं सेवी संस्थाओं, आमजन को आगे आकार इस कलंक को मिटाने एकजुट होना होगा तभी सार्थक परिणाम आयेंगे l उक्त विचार राजस्थान बाल आयोग, राजस्थान सरकार के नवनियुक्त सदस्य ध्रुवकुमार कविया ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फ़ाउण्डेशन एवम् गायत्री सेवा संस्थान, के सयुक्त तत्वावधान में सलूंबर पंचायत के ग्राम पंचायत घाटी में आयोजित “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” के तहत आयोजित वृहद स्तरीय संवाद एवम् मशाल यात्रा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए l
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बाल अधिकार विशेषज्ञ एवम् अभियान संयोजक डॉ. शैलेंद्र पण्ड्या ने बताया की नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी जी की अपील पर पूरे राष्ट्र में संचालित “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत 11 अक्टूबर से विशेष कार्यक्रम, यात्रा एवम् संवाद का आयोजन विभिन्न शहरों से लेकर दूर-दराज जनजाति अंचल के गाँवो में हो रहा था, जिसके तहत आमजन की सहभागिता के साथ आज समापन के अवसर पर मशाल यात्रा निकाली गई l राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएचएफएस-2019-21 ) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था l बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन नागरिक, समाज और सरकार द्वारा राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित वातावरण होगा।साथ मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित कर सकती है l
इस अवसर कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि संभाग अध्यक्ष, नारी निकेतन राजस्थान सरकार रेणु चौबीसा ने महिलाओं से बाल विवाह न करवाने का संकल्प दिलवाया एवम् बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की अपील की l
गायत्री सेवा संस्थान के कार्यक्रम समन्वयक नितिन पालीवाल ने जानकारी देते हुए बताया की बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत उदयपुर एवम् सलूंबर ज़िले के कुल 143 गाँवो में संवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसके तहत कुल 15551 लोगों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली। आज समापन कार्यक्रम के तहत आयोजित मुख्य कार्यक्रम के तहत घाटी ग्राम पंचायत में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल पहल रही और इस दौरान बाल विवाह रोकने का संदेश देते नाटक के प्रदर्शन के साथ जादूगर का कार्यक्रम आयोजित कर बाल विवाह की हानियों से आमजन को परिचित करवाया गया l
सलूंबर ब्लॉक प्रभारी खेमराज कुमार ने बताया की सूरज ढलने के बाद सैकड़ो लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च किया और लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक गुरु सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने व सजावट करने वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार सेवा ट्रस्ट के निदेशक गोविंद जांगीड, बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य सुरेश चन्द्र शर्मा, पायल कनेरिया ने भी अपने विचार प्रकट किए l
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