जोनल रेलवे प्रशिक्षण संस्थान (जेडआरटीआई), उदयपुर यातायात और वाणिज्यिक कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए भारतीय रेलवे के सबसे पुराने प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है। प्रशिक्षण केंद्र हर साल पूरे भारत में विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे के लगभग 10,000 रेलवे कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा है। इसके परिसर में लगभग 800 प्रशिक्षणार्थयो की रहने और खाने की क्षमता है।
कल 5 अप्रैल 2023 को संस्थान में स्थापित की गई नई सिग्नल और टेलीकॉम लैब और मौजूदा प्रणालियों के विकास का शुभारंभ उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक विजय शर्मा ने प्रिंसिपल चीफ सिग्नल एवं टेलीकॉम इंजीनियर पुनीत चावला की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया ।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक (अजमेर) राजीव धनखड़, क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर की प्रिंसिपल सुश्री मैत्रेयी चरण सहित अन्य उच्च रेल अधिकारी उपस्थित थे। यह भारतीय रेलवे का पहला क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान है जिसने सिग्नल और दूरसंचार कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण शुरू किया है।
इस अवसर पर प्रिंसिपल चीफ सिग्नल एवं टेलीकॉम इंजीनियर पुनीत चावला ने प्रशिक्षण संस्थान में प्रदान की जाने वाली नई सिग्नल और टेलीकॉम प्रशिक्षण सुविधाओं और प्रशिक्षण प्रणाली के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि कवच 4जी/5जी मोबाइल संचार जैसी नवीनतम तकनीक की प्रशिक्षण सुविधा भी नियत समय में प्रदान की जाएगी। उन्होंने इस संस्थान में एसएंडटी प्रशिक्षण शुरू करने के लिए प्रशासनिक और नैतिक समर्थन देने के लिये महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे को धन्यवाद दिया।
उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी जिन्होंने बहुत कम समय में सिग्नल और दूरसंचार प्रशिक्षण सुविधाओं को स्थापित करना संभव बनाया। उन्होंने कहा कि किसी संगठन को सफलतापूर्वक चलाने के लिए कर्मचारियों के कौशल का प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे को वंदे भारत ट्रेन भी मिली है और यह संस्थान नई आवश्यकता के अनुरूप कर्मचारियों के कौशल को उन्नत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने बताया कि नई सिग्नलिंग लैब और टेलीकॉम लैब की स्थापना के साथ, इस संस्थान को एक वास्तविक बहु-विषयक प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिए एक और कदम आगे बढ़ा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम की जगह विभिन्न स्टेशनों पर सिग्नल और पैनल के संचालन के लिए कंप्यूटर आधारित इंटरलॉकिंग सिस्टम को लागू करने में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब केवल 4 स्टेशन इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिग्नलिंग के साथ काम कर रहे हैं, जिन्हें भी दिसंबर 2023 तक बदल दिया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में सभी सिग्नल और पॉइंट पहले की प्रणाली में लीवर के स्थान पर माउस के क्लिक से संचालित होते हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर सभी सेमाफोर सिग्नलों को एलईडी सिग्नलों से बदल दिया गया है जिनकी दृश्यता उत्कृष्ट है। इसके अलावा सिंगल लाइन को भी तेजी से डबल लाइन में बदला जा रहा है। इन दोनों के लिए स्टेशनों के बीच ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए ब्लॉक वर्किंग सिस्टम लगाए गए हैं। क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को ट्रेनों के कुशल और सुरक्षित संचालन के लिए तकनीकों को बनाए रखने के लिए, एक्सल काउंटिंग सिस्टम के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, विभिन्न प्रकार की सिंगल लाइन और डबल लाइन ब्लॉक इंस्ट्रूमेंट्स के विभिन्न प्रकारों से सुसज्जित किया गया है। श्री शर्मा द्वारा आज अत्याधुनिक प्रणालियों से जुड़े उपकरणों जैसे बिजली आपूर्ति, डेटा लॉगर, अर्थ लीकेज डिटेक्टर, फ्यूज अलार्म सिस्टम के साथ एक नई इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली का भी उद्घाटन किया गया।
स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं जैसे पीए सिस्टम्स, कोच गाइडेंस बोर्ड, जीपीएस आधारित डिजिटल क्लॉक, वाईफाई सिस्टम, यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी आदि पर बहुत जोर दिया जाता है। क्षेत्रीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान इन सभी दूरसंचार प्रणालियों पर प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा उपरोक्त उपकरणों और कई अन्य दूरसंचार प्रणालियों जैसे इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज, वीएचएफ सेट, संबद्ध उपकरणों के साथ ओएफसी केबल आदि से युक्त एक टेलीकॉम लैब का भी उद्घाटन किया गया।
वर्ष 2022-23 के दौरान उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा रिकॉर्ड 50 एलसी गेट्स को इंटरलॉक किया गया है, यानी गेट बंद होने तक ट्रेन के सिग्नल बंद नहीं किए जा सकते हैं, इस प्रकार सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक विद्युत संचालित लिफ्टिंग बैरियर लेवल क्रॉसिंग गेट भी स्थापित किए गए हैं।
वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे के 600 सिग्नलिंग और 400 दूरसंचार कर्मचारियों को हर साल साबरमती (गुजरात) में सिग्नल और टेलीकॉम स्कूल भेजा जा रहा है। उदयपुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण सुविधाओं की स्थापना के साथ ही इन सभी को क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर में ही प्रशिक्षित किया जा सकता है। दूर के प्रशिक्षण केंद्रों में जाए बिना नए तकनीकी युग के बदलते परिवेश से मेल खाने के लिए अपने कौशल को उन्नत करने के लिए कर्मचारियों के लिए यह लाभप्रद होगा।
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