उदयपुर 25 अप्रैल 2023। बालश्रम, बाल विवाह की रोकथाम हेतु उदयपुर ज़िला प्रशासन एवम् स्थानीय संगठन अच्छा प्रयास कर रहे है परंतु हमे नियमित एवम् सतत् प्रयास करना होगा तभी बाल मित्र राजस्थान का सपना साकार होगा। बाल अधिकारों के हनन करने वालो के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही हो आयोग इस पर भी निगरानी कर रहा है। उक्त विचार राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार के सदस्य शिवभगवान नागा ने उदयपुर जिले की एक दिवसीय की विज़िट के दौरान चित्रकुट नगर स्थित बाल गृह में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
इस अवसर पर उनके साथ बाल अधिकार विशेषज्ञ एवम् पूर्व सदस्य राजस्थान बाल आयोग डॉ. शैलेंद्र पण्ड्या, बालश्रम की रोकथाम हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति के सदस्य भोजराज सिंह पदमपुरा, बाल कल्याण समिति एवम् ज़िला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।
डॉ. पण्ड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक के दौरान बालश्रम की जानकारी मिलने पर आयोग सदस्य एवम् दल शहर के बोहरा गणेश जी मंदिर एवम् प्रताप नगर पुलिस थाना क्षेत्र से कुल 7 बच्चों को बालश्रम से रेस्क्यू करवाने के साथ किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही की गई।
बालश्रम की रोकथाम हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति के सदस्य भोजराज सिंह पदमपुरा ने बैठक में दक्षिण राजस्थान के बालश्रम मामलो से आयोग को अवगत करवाते हुए रेस्क्यू के साथ पुनर्वास पर ध्यान देने का सुझाव दिया।
बाल कल्याण समिति उदयपुर के नवनियुक्त सदस्यों, सहायक निदेशक बाल अधिकारिता उदयपुर द्वारा आयोग सदस्य एवम् दल का स्वागत कर उदयपुर जिले की स्थिति से अवगत करवाया गया।
आयोग सदस्य द्वारा बैठक के बाद जिले में संचालित बाल गृह, बालिका गृह एवम् शिशु गृह का निरीक्षण कर बाल मित्र पुलिस थाना का अवलोकन कर सिरोही प्रस्थान किया। समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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