उदयपुर,17 जनवरी। डीपफेक मामले में सरकार सख्त है, लिहाज़ा इसे लेकर वह कड़े नियम लाने की कवायद में है। अब केंद्र सरकार ने इस मामले में बड़ा फैसला लिया है। सरकार 7-8 दिन के भीतर इस संबध में आईटी एक्ट के नए नियम जारी करेगी। नए नियम आने के बाद डीपफेक के आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
इस विषय पर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि नए नियमों में डीपफेक से जुड़े प्रावधानों को क्लियर किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने इसके लिए एक एडवाइजरी जारी की है और यदि सरकार को लगेगा कि इस एडवाइजरी का पालन नहीं किया जा रहा है तो इसको लेकर स्पष्ट प्रावधानों के साथ संशोधित नया आईटी नियम भी लाया जाएगा।
'डीपफेक वीडियो रोकना प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी'
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि डीपफेक वीडियो रोकने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की है और यदि कोई भी प्लेटफॉर्म इसमें चूक करता है तो सरकार उसके खिलाफ एक्शन लेगी। कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म को ऐसे लोगों को यूज करने की इजाजत न दें।
गौरतलब है कि हाल ही में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का डीपफेक वीडियो सामने आया था। वीडियो सामने आने के बाद क्रिकेटर ने स्पष्टीकरण जारी किया और फैंस से गलत सूचना के झांसे में न आने का आग्रह किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ओर से तत्काल कार्रवाई महत्वपूर्ण है। बता दें कि इससे पहले अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडिया वायरल हुआ था।
ठहरें, शक करें, वेरिफाई करें; तभी किसी ऑडियो-वीडियो पर भरोसा करें
अभी एआई को लेकर सख्त कदम सिर्फ ओपनएआई ने उठाए हैं। दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी बहुत सी कंपनियां हैं। सतर्क हमें ही रहना है। हमें ठान लेना चाहिए कि सोशल मीडिया पर किसी भी ऑडियो-वीडियो को तीन स्तर पर जांचेंगे।
पहला, तत्काल प्रतिक्रिया नहीं करेंगे। दूसरा, सोचेंगे कि क्या यह ऑडियो- वीडियो सही हो सकता है। तीसरा, वेरिफाई करेंगे, यानी उसका स्रोत जांचेंगे कि वह कहां से आया है। इन तीन बिंदुओं पूरं कोई ऑडियो या वीडियो खरा नहीं उतरे तो उस पर तत्काल विश्वास करने से बचें।
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