आज भारत देश विश्व में आर्थिक शक्ति के साथ-साथ तकनीकी क्षेत्र में बहुत तेजी से उभर रहा हैं। तकनीकी क्षेत्र में हमारे देश के वैज्ञानिक सफलता के नये-नये आयाम गढ़ रहे हैं। चन्द्रयान-3 की सफलता हमे विश्व के विकसित देशों के साथ लाकर खडा कर दिया हैं। चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चन्द्रयान-3 की साॅफ्ट लैडिंग कराकर चाँद पर तिरंगा लहराने वाला भारत पहला देश बन गया हैं। भारत देश के इस गौरवशाली पल को सेलिब्रेट करने के लिए गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर के इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन विभाग के तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने बताया कि आज हमारा देश चहुँमुखी विकास पर अग्रसर हैं। आर्थिक, रक्षा व तकनीकी के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपनी धाक कायम की हैं। एक के बाद एक सफल अंतरिक्ष परिक्षण करके हमारे वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में भारत की ताकत का लोहा मनवाया हैं। भारत के पहले उपग्रह आर्यभट् से चन्द्रयान-3 तक जो सफलता हासिल की व हमारे युवा वैज्ञानिको के तकनीकी कुशलता का प्रमाण हैं। चन्द्रयान-3 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साॅफ्ट लैडिंग कराना अत्यन्त ही चुनौतिपूर्ण कार्य था। वहां की ऊँची-ऊँची पहांडिया, सतह पर गहरे-गहरे गड्ढे एवं माइनस 200 सेंटीग्रेट तापमान के बीच हमारे देश के वैज्ञानिकों ने यह कार्य करके दिखाया हैं। इस साहसी एवं चुनौतिपूर्ण कार्य करने के लिए इसरों बधाई का पात्र हैं। यह सफलता हर उस आम आदमी की सफलता हैं। जिसको अपने देश की मिट्टी से खुश्बू आती हैं।
आने वाले मिशन आदित्य एल-1 एवं वीनस के लिए हमारे देश के वैज्ञानिको को अग्रिम शुभकामना हैं। कार्यक्रम का संयोजक इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अमृत अनिल राव पुरोहित द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अनुराग पालीवाल द्वारा किया गया। चन्द्रयान-3 के लैडिंग के इस खुशी के अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरा गीतांजली परिवार उपस्थित था।
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