उदयपुर। कल मंगलवार को एम्स दिल्ली में सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ बिंदेश्वर पाठक के निधन होने पर पर उदयपुर के स्वच्छताग्राहियों ने शोक प्रकट किया है।
डॉ अनिल मेहता तथा नंद किशोर शर्मा ने डॉ पाठक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 26 फ़रवरी 2013 को डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट तथा सिविल इंजीनियरिंग संकाय, विद्या भवन पॉलिटेक्निक के साझे में विद्या भवन ऑडिटोरियम में डॉ पाठक का व्याख्यान हुआ था। डॉ पाठक ने उदयपुर के नागरिकों, विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा था कि स्वच्छता का समाजशास्त्र सत्य व अहिंसा पर आधारित है। स्वच्छता सुविधाओं में स्वच्छता की संस्कृति से ही देश का सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय विकास सम्भव है।
डॉ. पाठक ने महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा था कि गांधीजी की स्वतंत्र भारत से पहले उनकी प्राथमिकता स्वच्छ भारत की थी। राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास के लिए आधारभूत आवश्यकता है- स्वच्छता की संस्कृति, जो मूलतः सत्य और अहिंसक होती है’। हमारे देश में आवश्यकता है ऐसे शौचालयों की, जो वैज्ञानिक दृष्टि से उपयुक्त हों, जिनमें फ्लश के लिए कम पानी की जरूरत हो और जो लागत-प्रभावी हों।
उन्होंने कहा था कि व्यक्ति और समाज के स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता की व्यवस्था अनिवार्य होती है, अतः समाजशास्त्र के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करना उपयुक्त होगा, इससे हमारे समाज में विद्यमान् गरीबी और लिंग पर आधारित भेदभाव का भी वैज्ञानिक समाधान हो सकेगा, इससे एक-दूसरे के प्रति व्यक्तियों के उत्तरदायित्व की जानकारी भी बढ़ेगी।
डॉक्टर पाठक कहा था कि स्वामी विवेकानन्द के अनुसार उन्हीं का जीवन सार्थक होता है, जो दूसरों के लिए जीते हैं। डॉ पाठक ने स्वच्छता (सेनिटेशन) की दिशा में विद्या भवन पॉलिटेक्निक के योगदान को सराहा था। इस अवसर पर उनके द्वारा एक भव्य प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था , जिसमें सुलभ-तकनीक, बायोगैस सर्जन, अपजल शोधन इत्यादि का प्रदर्शन किया गया था।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal