उदयपुर 22 जून 2024 । प्रदेश में पिछले चार सत्रों से वरिष्ठ अध्यापक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक के पदों की पदोन्नति नहीं होने से पूरा शिक्षा का ढांचा चरमरा सा गया है। एक जुलाई से स्कूल शुरू होनी है लेकिन वरिष्ठ अध्यापक,व्याख्याता से प्रिंसिपल तक के हजारों पद खाली पड़े हुए वही शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में भी बड़ी संख्या में शिक्षा अधिकारियों के पद खाली होने से व्यवस्थाएं बिगड़ने लगी है। इस संबंध में उदयपुर प्रवास पर आए शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर का राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान के नेतृत्व में संघ के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
साथ ही 14 सूत्री मांग पत्र सौंपकर शिक्षक व शिक्षा अधिकारियों की जल्द डीपीसी कराने तथा प्रदेश के स्कूलों में एक साल से अधिशेष चल रहे 20 हजार से अधिक शिक्षकों का समायोजन करने सहित शिक्षक समस्याओं के लिए जयपुर में द्विपक्षी वार्ता हेतु आमंत्रित करने का आग्रह किया।
संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्री को दिए मांगपत्र में उल्लेख किया है कि प्रदेश में पिछले चार शैक्षिक सत्रों से तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता, वाइस प्रिंसिपल प्रिंसिपल, डीईओ पदों पर डीपीसी और पदस्थापन नहीं होने से स्कूलों तथा कार्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षक संवर्ग एवं शिक्षा अधिकारियों पद रिक्त होने से व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है। प्रदेश के अधिकतर शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में एक अधिकारी को कई-कई पदों के दायित्व का निर्वहन करना पड़ रहा है। लिहाजा डीपीसी में बाधक बन रहे नियमों में संशोधन कर न्यायालय प्रकरणों का निस्तारण होने तक कई सालों से रुकी हुई डीपीसी एक साथ कराकर शिक्षक तथा शिक्षा अधिकारी वर्ग को पदोन्नति दिलाने का आग्रह किया है।
प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने शिक्षा मंत्री को सबसे बड़े संवर्ग तृतीय श्रेणी शिक्षकों पीड़ा से अवगत कराते हुए बताया कि पिछले 6 सालों तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक बार भी स्थानांतरण नहीं होने से शिक्षकों के सबसे बड़े केडर में बेहद नाराजगी बढ़ती जा रही है। संघ ने शिक्षा विभाग में पारदर्शी शिक्षक स्थानांतरण की नीति क्रियान्वित कराते हुए शिक्षक तबादलों में राजनैतिक डिजायर सिस्टम समाप्त कराते हुए नीति के आधार पर जल्द तृतीय श्रेणी शिक्षकों सहित सभी श्रेणी के शिक्षकों के अनिवार्य रूप से स्थानांतरण शुरू करने,
युवा एवं प्रतिभाशाली शिक्षकों को आगे बढ़ाने के अवसर मिले इसलिए वाइस प्रिंसिपल के 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती से भरने के प्रावधान लागू कराये जाने की मांग की। शिक्षामंत्री से मिले प्रतिनिधि मंडल में सतीश जैन , नवीन व्यास , स्वरुप सिंह शक्तावत , कमलेश शर्मा , सुरेश गरासिया ,भेरूलाल कलाल, प्रेम सिंह भाटी ,लोकेश डामोर , नानक राम बैरवा , हितेन्द्र दवे , कृष्ण गोपाल लखारा आदि कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
शिक्षकों को 25 साल में भी नहीं मिल पाती पदोन्नति, संघ ने मांगी पदोन्नति की गारंटी
संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने शिक्षामंत्री को दिए ज्ञापन में बताया कि पदोन्नति के गलत सेवा नियमों की वजह से सामाजिक विज्ञान, संस्कृत,हिंदी, कृषि ,वाणिज्य स्नातक शिक्षकों को 20 से 25 वर्ष की सेवा पर भी वरिष्ठ अध्यापक पदों पर पदोन्नति नहीं मिल पाती है ।प्रदेश कई जिलों में एक दशक पूर्व इन विषयों के पातेय वेतन पर वरिष्ठ अध्यापक पद पर पदोन्नति किया गया था। लेकिन आज भी इनकी गणना वरिष्ठ अध्यापक में नहीं होती है। संघ ने संख्यात्मक आधार पर इन विषयों के शिक्षकों के लिए पदोन्नति के विशेष अवसर श्रजन कर प्रत्येक शिक्षक को कम से कम 9 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति के समान अवसर मिले इसके लिए पदोन्नति नियमों में संशोधन कराये जाने तथा शिक्षकों को मिड डे मील, दूध वितरण, बीएलओ सहित कार्यालयों में लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
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