नहीं रुक रहा आदमखोर लेपर्ड का आतंक


नहीं रुक रहा आदमखोर लेपर्ड का आतंक 

गोगुंदा पंचायत समिति के ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्री के बाहर कांग्रेस के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया

 
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उदयपुर 4 अक्टूबर 2024 । आदमखोर तेंदुए ने एक मां-बेटी को शिकार करने की नियत से हमला कर दिया। दोनों ने घर में बंद होकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इस तेंदुए ने अब तक 9 लोगों की जान ले ली है, जिससे क्षेत्र में डर और गुस्सा फैल गया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए अब एक नई शूटर्स टीम बनाई गई है, जिसमें सरिस्का, रणथंभौर और केवलादेव के अधिकारी शामिल किए गए हैं। इस टीम की अगुआई वाइल्डलाइफ चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (CCF) टी. मोहन राज करेंगे।

वन विभाग के 50 से अधिक कर्मचारी और 12 शूटर्स पिछले एक हफ्ते से तेंदुए को ट्रेंक्यूलाइज करने की कोशिश कर रहे हैं। यह तेंदुआ पिछले 26 दिनों से जिले के गोगुंदा और झाड़ोल क्षेत्रों में लगातार हमले कर रहा है, जिससे यहां के 4 से अधिक गांवों में दहशत फैल गई है और ग्रामीणों में वन विभाग व प्रशासन के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। गुरुवार शाम को भी ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर पथराव किया था।

गोगुंदा के खेड़ा गांव में गुरुवार रात को तेंदुए का फिर से मूवमेंट देखा गया। रात करीब 9 बजे पूनाराम गमेती के घर के बाहर तेंदुए ने एक मां-बेटी पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन दोनों ने अपने घर को बंद कर अपनी जान बचाई। कुछ समय बाद, जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तो पता चला कि तेंदुआ मुर्गियों का शिकार कर वहां से चला गया था।

यह गांव कुडाऊ से केवल 3 किलोमीटर दूर है, जहां 25 सितंबर की रात तेंदुए ने 5 साल की बच्ची की जान ले ली थी। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को यहां पिंजरे लगाकर तेंदुए को पकड़ना चाहिए ताकि गांवों में उसका आतंक खत्म हो सके।

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन उपाध्याय ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए शुक्रवार से स्पेशल ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसमें दो टीमें फील्ड में काम कर रही हैं। पहली टीम 4 से 6 अक्टूबर तक गोगुंदा में रहेगी। इस टीम का नेतृत्व सीसीएफ वाइल्डलाइफ जयपुर टी. मोहन राज कर रहे हैं, और इसके साथ टीम में सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा भी शामिल हैं।

मुख्य वन संरक्षक उदयपुर सुनील छिद्री ने बताया कि ऑपरेशन के लिए ईआरटी टीम गोगुंदा पहुंच चुकी है, और उन्होंने रणनीति तैयार की है। जल्द ही तेंदुए को ट्रेंक्यूलाइज किया जाएगा। यदि तेंदुआ पकड़ में नहीं आता, तो उसे शूट किया जाएगा।

यदि यह टीम सफल नहीं होती है, तो दूसरी टीम 7 से 9 अक्टूबर तक स्पेशल ऑपरेशन चलाएगी। इस टीम में एपीसीएफ वाइल्डलाइफ राजेश गुप्ता, रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप केआर और केवलादेव नेशनल पार्क के डीसीएफ मानस सिंह शामिल होंगे। यह टीम 7 अक्टूबर को गोगुंदा पहुंचेगी।

गोगुंदा क्षेत्र में तेंदुए के लगातार हमले से ग्रामीणों में वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। एक दिन पहले ही केवलों का खेड़ा गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों पर पत्थरबाजी की थी, जिसके बाद कर्मचारियों ने स्कूल में बंद होकर अपनी जान बचाई। बाद में एसडीएम नरेश सोनी, थानाधिकारी शैतानसिंह नाथावत और उप जिला प्रमुख पुष्कर तेली मौके पर पहुंचे और समझाइश दी।

इन बढ़ती घटनाओं को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा है और उन्होंने बड़ी संख्या में गोगुंदा पंचायत समिति के ग्रामीणों ने जिला कलेक्ट्री के बाहर कांग्रेस के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजा और आदमखोर तेंदुए को मारने की मांग की गई। तेंदुए के बढ़ते आतंक और ग्रामीणों के गुस्से के बीच वन विभाग के लिए चुनौती और बढ़ गई है, और तेंदुए को पकड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है।
 

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