नई डिजिटल व्यवस्था - पार्किंग के लिए तो जायज़ है लेकिन सिर्फ एंट्री पर ही शुल्क लिया जाना गलत है


नई डिजिटल व्यवस्था - पार्किंग के लिए तो जायज़ है लेकिन सिर्फ एंट्री पर ही शुल्क लिया जाना गलत है

एमबी अस्पताल में लागू नई डिजिटल पार्किंग व्यवस्था का मामला

 
MB Hospital parking

जिस प्रकार इस नई व्यवस्था के तहत अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस केवल 20 मिनट के लिए निशुल्क रहेगी। इसी प्रकार मरीज़ को लेकर आने वाले प्रत्येक वाहन को भी 20 मिनट का समय दिया जावे।

इस नई व्यवस्था से अस्पताल में अवांछनीय आवाजाही पर रोक लगेगी।

उदयपुर के महाराणा भूपाल जनरल हॉस्पिटल में नई पार्किंग व्यवस्था को डिजिटल बनाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जिसको लेकर राजनीती भी शुरू हो चुकी है। 

दरअसल मामला यह है की अस्पताल का प्रशासन परिसर में दोपहिया/तिपहिया वाहन की एंट्री पर ही 10 रूपये और चार पहिया वहां पर 20 रूपया शुल्क लिया जा रहा है जिसमे 3 घंटे तक वाहन पार्किंग की व्यवस्था है। तीन घंटे के बाद रात दोपहिया/तिपहिया वाहन पर रात 10 बजे तक 20 रुपया, 24 घंटे के लिए 40 रुपया और साप्ताहिक पास का चार्ज 100 रहेगा। जबकि चौपहिया वाहनों (निजी एम्बुलेंस समेत)  एंट्री पर  20 रूपये प्रति वाहन का शुल्क लिया जा रहा है जिसमे 3 घंटे तक पार्किंग किया जा सकता है। तीन घंटे के बाद रात 10 बजे तक 30 रुपया, 24 घंटे के लिए 100 रुपया और साप्ताहिक पास का चार्ज 300 रुपया रहेगा। बता दें कि इससे पहले उदयपुर के एमबी अस्पताल में दुपहिया वाहन के लिए 10 रुपये जबकि फॉर व्हीलर वाहनों के लिए 20 रुपये पार्किंग शुल्क था। लेकिन अब इसे बदल एंट्री शुल्क में तब्दील कर दिया है।

एक महत्वपूर्ण तथ्य यहाँ यह भी है की अस्पताल परिसर में जहाँ गंभीर और अत्यधिक गंभीर रोगी को भी वाहन में लाया जाएगा तो उन्हें प्रवेश द्वार पर ही अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ सकता है जिससे गंभीर रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि एंट्री के समय सिर्फ पर्ची दी जाएगी, शुल्क एग्जिट पर ही देना है तो मरीज़ का अधिक समय व्यर्थ नहीं होगा। वहीँ यदि कोई मरीज़ ऑटो रिक्शा में सवार होकर अस्पताल आता है तो उन्हें प्रवेश पर 10 रूपये देने होंगे। जिसका खामियाज़ा मरीज़ को ही भुगतना है।  

एक तरफ महामारी के चलते लॉकडाउन में पहले ही जन सामान्य स्वास्थ्य जैसी ज़रूरी सेवाओं को लेकर परेशान है ऐसे समय में नई व्यवस्था अभी लागू करने से बचा जा सकता था। जहाँ यह व्यवस्था 20 जून के बाद लागू की जानी थी वह 7 जून को ही लागू कर दी गई।      

उदयपुर टाइम्स का नजरिया 

जिस प्रकार इस नई व्यवस्था के तहत अस्पताल परिसर में निजी एम्बुलेंस केवल 20 मिनट के लिए निशुल्क रहेगी। इसी प्रकार मरीज़ को लेकर आने वाले प्रत्येक वाहन को भी 20 मिनट का समय दिया जावे। यह नई डिजिटल व्यवस्था पार्किंग के लिए तो जायज़ है लेकिन सिर्फ एंट्री पर ही शुल्क लिया जाना गलत है। 

हालाँकि इस नई व्यवस्था से अस्पताल में अवांछनीय आवाजाही पर रोक लगेगी। वहीँ कुछ लोग जिन्हे न अस्पताल में इलाज करवाना है न किसी मरीज़ की तीमारदारी करनी है वह भी दिन भर अपना चार पहिया वाहन पार्क कर अपना काम समाप्त कर 20 रूपये पार्किंग का देकर फायदा उठा रहे है, उन पर लगाम लगाईं जा सकेगी।  इसके अतिरिक्त कई लोग चेतक होस्पिटल रोड से अश्विनी बाजार आने के लिए इस रास्ते का उपयोग कर राह अवरुद्ध करते है फलस्वरूप जाम की स्थिति भी पैदा हो जाती है। जिसमे कई बार एम्बुलेंस भी फंस जाती है, ऐसी समस्याओ से निजात मिलेगी।

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