उदयपुर, 2 फरवरी 2024। हम सब कभी न कभी ट्रैफ़िक जाम में फंसे हैं। जाम में अटक जाएं तो लगता है कि ट्रैफ़िक की लाइट बदल ही नहीं रही है। कई कई बार मीलों लंबी लाइन लग जाती है। धीमा चलता ट्रैफ़िक दम घोंटता सा मालूम होता है। सड़कों पर गाड़ियों की भीड़ दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। ट्रैफ़िक जाम दूर करने वाले सिस्टम इस भीड़ से निपटने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कभी बारिश, कभी कोहरा और कभी बिना वजह ही लगे जाम में लोग घंटों फंसे रहते हैं।
इन जाम से निपटने के लिए लोग अक़्लमंद मशीनों की तरफ़ बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं। उन्हें लगता है कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से हम ट्रैफिक जाम से राहत पा सकते हैं। इसे लेकर भारत और कोरिया की 2 कंपनियों ने ओल्ड सिटी से लेकर आधा दर्जन से ज्यादा चौराहों-तिराहों का सर्वे किया है। इसी के चलते टीम ने बुधवार को पर्यटन विभाग को प्रजेंटेशन भी दिया। अब पर्यटकों को राहत के लिए पर्यटन विभाग एआई से ट्रैफिक कंट्रोल का यह प्रस्ताव प्रशासन तक पहुंचाएंगा।
परिवहन विभाग के अनुसार शहर में चेतक सर्किल, कोर्ट सर्किल, फतहपुरा सर्किल, देहलीगेट पर ट्रैफिक सिग्नल है, लेकिन कभी-कभी ये बंद रहते है। एसे में जाम से हजारों लोग परेशान होते है। ऑफिस टाइम में सुबह 9 से 10 और शाम को 5 से 7 बजे के दौरान ठोकर चौराहा, सेवाश्रम, कुम्हारों का भट्टा, सूरजपोल, देहलीगेट, चेतक सर्किल आदि पर जाम की समस्या स्थायी रहने लागि है।
पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने कहा कि सर्वे टीम ने देहलीगेट, सूरजपोल, उदियापोल, फतहपुरा सर्किल, ठोकर चौराहा और ओल्ड सिटी से लेकर नाथद्वारा हाईवे पर सुखेर चौराहा तक सर्वे कर वाहनों की आवाजाही दर्ज की है। सेवाश्रम और कुम्हारों का भट्टा पर फ्लाई ओवर बनने के बावजूद बन रही जाम की स्थिति भी देखी और निदान के सुझाव दिए हैं। इस पर प्रस्ताव प्रशासन को भेजेंगे। मंजूरी मिली तो पायलट प्रोजेक्ट के तहत शहर के किसी एक व्यस्ततम सर्किल पर सिस्टम को लागू किया जाएगा। उसके नतीजे देखने के बाद दूसरे प्रमुख तिराहों-चौराहों पर लागू करेंगे। कंपनियां प्रशासन के बताए प्वाइंट के हिसाब से सिस्टम तैयार करेंगी। प्रजेंटेशन देने वालों में ओवरसीज रेक्सजेन (कोरिया) के निदेशक जैफ जुन, रेक्सजेन के भारत के बिजनेस हेड तुषार रंजन, सीटीओ मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।
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