उदयपुर बाल पुस्तक महोत्सव का आयोजन 'समझ के साथ पढ़ना अभियान के तहत किया जा रहा है। पह आयोजन पढ़ने-लिखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उदयपुर में हर साल आयोजित करने की योजना है। कार्यक्रम की मूल सोच एक जीवन्त शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देना है जो सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को पढ़ने-लिखने और समझने की प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर देता है। हमारा सक्ष्य एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना है जहाँ गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री सभी बच्चों को मिल सकें और सीखने की प्रक्रिया में मौजूदा कमियों पर प्रभावी ढंग से काम किया जा सके। यह अभियान सभी विद्यार्थियों को कुशल पाठक बनने और जीवनपर्यन्त सीखने की क्षमता और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा।
इस अभियान की शुरुआत एक महीने तक चलने वाले (3 जनवरी से 31 जनवरी 2024) उदयपुर बाल पुस्तक महोत्सव के साथ की जा रही है। विद्या भवन यह आयोजन एकलव्य, एच टी पारेख फाउण्डेशन, सेंटर फॉर माइक्रो फाइनेंस, रमा मेहता ट्रस्ट और लैंग्वेज लर्निंग फाउण्डेशन जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ मिलकर कर रहा है।
उद्देश्य-
1-गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सामग्री तक पहुँच के अवसर प्रदान करना
2-समझकर पढ़ने-लिखने की प्रक्रिया एवं संस्कृति को बढ़ावा देना
3-विद्यार्थियों को कुशल पाठक बनने और जीवनपर्यन्त सीखने हेतु प्रेरित करना
4-विद्यार्थियों में सीखने का आत्मविश्वास बढ़ाना
5-आधारभूत शिक्षा (foundational learning) को सशक्त बनाना
उदयपुर बाल पुस्तक महोत्सव के सम्बन्ध में
'समझ के साथ पढ़ना' अभियान, विद्या भवन शिक्षा सन्दर्भ केन्द्र (VBERC) की पहलकदमी में समान विचारधारा वाली संस्थाओं के सहयोग से शुरू किया जा रहा है। इस अभियान में हम सभी स्कूलों, समुदाय और सरकारी शिक्षा तंत्र को जोड़ेंगे। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में, हम बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाले साहित्य, शैक्षिक संसाधनों और आकर्षक गतिविधियों तक आसान पहुँच प्रदान करने के उद्देश्य से यह पहल शुरू कर रहे हैं। यह भविष्य में बच्चों के भाषा सीखने के लिए समर्पित एक सन्दर्भ केन्द्र के रूप में भी विकसित होगा। हम इस अभियान को एक ऐसे बदलाव के प्रयास के रूप में देख रहे हैं जिससे बच्चों में पढ़ने-लिखने और समझ के साथ सीखने की एक संस्कृति पनप सके।
बात पुस्तक महोत्सव में निम्रलिखित गतिविधियों हुई।
बाल साहित्य एवं वैक्षणिक सामग्री की उपलब्धता
पुस्तक महोत्सव में हम सभी के लिए विश्वस्तरीय बाल साहित्य एवं शैक्षणिक संसाधन प्राप्त करने के अवसर उपलब्ध कराएँगे। इनमें एनबीटी, सीबीटी, एनसीईआरटी, मुस्कान, सूतिका, प्रथम, स्कोलास्टिक, एकतव्य, इकतारा, रैडम हाउस चिल्ड्रन बुक्स, हार्पर कॉलिन्स चिल्ड्रन बुक्स, कैण्डलविक प्रेस, साइमन एण्ड शुस्टर चिल्ड्रन पब्लिशिंग, यंग रीडर्स ग्रुप, उस्वोर्न पब्लिशिंग, हेचेट चिल्ड्रन्स ग्रुप, मैकमिलन चिल्ड्रन्स पब्लिशिंग ग्रुप, वॉकर बुक्स, और अन्य प्रसिद्ध प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित साहित्य और शैक्षिक संसाधन शामिल होंगे। इस गतिविधि के बारे में जानकारी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से पूरे शहर में प्रसारित की जाएगी ताकि युवा शिक्षार्थी, माता-पिता और परिवारों को अपने बच्चों के साथ प्रदर्शनी देखने, बाल साहित्य से परिचित होने और इन संसाधनों को हासित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस पहल में रुचि रखने वाले लोगों और संस्थाओं को अभियान में शामिल होने और सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
सीखने की गतिविधियों और शिक्षार्थी में सीखने का आत्मविश्वास
हम स्कूलों को बाल पुस्तक महोत्सव में भाग लेने और अपने विद्यार्थियों को भाषा सीखने व अन्य गतिविधियों में शामिल करने के लिए आमंत्रित करेंगे। भाषा सीखने-सिखाने के साथ ही उच्च स्तरीय बात साहित्य में रुचि को बढ़ावा दिया जाएगा। इन गतिविधियों को VBERC व अन्य संगठनों के सन्दर्भ व्यक्तियों और विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया जाएगा। संवैधानिक मूल्यों, जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिकता, पर्यावरण जागरूकता आदि मुद्दों पर बच्चों और शिक्षा कर्मियों के साथ बातचीत सत्रों व वैज्ञानिक प्रयोग, तार्किक चिन्तन आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही बाल मेले, पढ़ने-लिखने की कार्यशालाएँ, सेमिनार, अन्धविश्वास-विरोधी गतिविधियाँ आदि के माध्यम से वैज्ञानिक सोच के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में 'समझ के साथ पढ़ना' कार्यक्रम
विद्या भवन परिवार की संस्थाओं के व्यापक अनुभव, समृद्ध विरासत और सम्पर्कों के आधार पर हम अपनी क्षमताओं और संसाधनों का लाभ शासकीय एवं विद्या भवन स्कूलों के सभी बच्चों तक पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है। हम भाषा शिक्षण सामग्री और पुस्तकों का एक-एक सेट इन सभी शालाओं के पुस्तकालयों को भी देंगे। यह सामग्री उन स्कूलों में भाषा
सीखने-सिखाने की गतिविधियों को बढ़ावा देकर उनके विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ दूरगामी रिश्ते बनाने में सहायक होगी। यह पहल आने वाले समय में विद्या भवन व सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षा कार्यकर्ताओं को 'समझ के साथ पढ़ना अभियान के साथ जोड़ने में मददगार होगी। हम उदयपुर की कच्ची बस्तियों के बच्चों तक पुस्तकें पहुँचाकर उन्हें, पठन केन्द्रों आदि के माध्यम से काम करने वाले समूहों व संस्थाओं को जोड़ने का भी विशेष प्रयास करेंगे। यह आधारभूत शिक्षा (foundational learning) को सशक्त बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है। नयी शिक्षा नीति और वर्तमान विभिन्न शैक्षिक रिपोर्ट प्राथमिक शिक्षा की जिन बुनियादी चुनौतियों को प्रमुखता से प्रकट कर रही हैं, उन्हें हल करने की दिशा में एक प्रभावी अभियान के रूप में इसे आगे बढ़ाते हुए बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को सशक्त बनाना है।
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