ओरेंज जोन में उदयपुर, फिर भी न कोई ठोस प्लान AQI 200 पार पर इन बीमारियों का जोखिम


ओरेंज जोन में उदयपुर, फिर भी न कोई ठोस प्लान AQI 200 पार पर इन बीमारियों का जोखिम

प्रदूषण का स्तर गंभीर होता जा रहा है 

 
air pollution

उदयपुर, 22 नवंबर। शहर में वायु प्रदूषण का जहर लगातार हवा में घुलता जा रहा है। पिछले चार दिनों से वाहनों का जबरदस्त दबाव बढ़ा है। ऐसे में हर जगह जाम की स्थिति रही है। वाहनों के निकलते धुएं के कारण यहां की आबोहवा दूषित हो गई है। इसके अलावा कचरा, सर्दी के बढ़ते प्रभाव, सड़कों से उड़ती धूल, फैक्ट्रियो व चिमनियों से निकलता धुुआं भी प्रदूषण बिगाड़ने में महत्वपूर्ण कारण रहा है। 

हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ रहे हैं। प्रदूषण की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। लोगों को आखों में जलन और सांस संबंधी परेशानियां होने लगी है। वहीं मंगलवार सुबह उदयपुर के अलग-अलग जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 144 से लेकर 182 तक दर्ज किया गया। उदयपुर में औसत एक्यूआइ 172 दर्ज किया गया। 

प्रदूषण के चलते उदयपुर शहर की प्रमुख कॉलोनियों में अभी तक ग्रैप लागू नहीं किया गया है। वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए भी कोई प्रयास स्थानीय स्तर पर सामने नहीं आए हैं। लेकसिटी की अशोक नगर कॉलोनी की आबोहवा सर्वाधिक खराब स्तर पर है। यहां का एक्यूआइ 182 दर्ज की गई है। मंगलवार को उदयपुर का एक्यूआइ ओरेंज जोन में पहुंच गया है। 

शहर के इन पांच प्रमुख स्थानों का एक्यूआइ दर्ज किया गया 

  • अशोक नगर 182
  • हिरण मगरी 177
  • पंचवटी 169
  • श्यामनगर 144
  • जिंक पार्क 186

एक्यूआइ 200 पार जाने पर बढ़ता है इन बीमारियों का जोखिम

फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं

प्रदूषण या फिर एक्यूआइ लेवल 200 पार जाने पर हवा में मौजूद 2.5 पीएम के दूषित कण फेफड़ों तक प्रवेश कर सकते हैं, जिससे फेफड़ों में इंफेक्शन हो सकता है। जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। ऐसी स्थिति में अस्थमा या फिर ब्रॉनकाइटिस के मामले बढ़ने की संभावना रहती है।

सांस लेने में दिक्कत

एक्यूआइ ज्यादा होने पर सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हवा में मौजूद दूषित कण फेफड़ों में पहुंचकर सांस से जुड़ी समस्याओं का कारण बनते हैं। ऐसी स्थिति में आपको कई बार लंबी सांस भी लेनी पड़ सकती है।

आंखों में जलन

एक्यूआइ लेवल बढ़ने से सबसे पहले आखों में जलन हो सकती है। हवा में मौजूद दूषित कणों के संपर्क में आने से आंखों पर काफी प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति में आखों में पानी आने के साथ ही साथ खुजली की संभावना बन जाती है। इससे बचने के लिए आंखों पर चश्मा पहनें। प्रदूषण में बाहर निकलने के बाद आंखों को ठंडे पानी से जरूर धोएं।

त्वचा में जलन और खुजली

एक्यूआइ लेवल बढ़ने पर आपको त्वचा से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। त्वचा में जलन और खुजली का सामना करना पड़ सकता है। प्रदूषण के संपर्क में आने पर कई बार उम्र से पहले ही त्वचा पर झुर्रियां और दाग-धब्बे आने लगते हैं। यही नहीं इससे एग्जिमा, एक्ने या फिर सोरायसिस की भी समस्या हो सकती है।

Source - Rajasthan Patrika

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