उदयपुर 19 अगस्त 2021। आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है। इंसान और कैमेरा का सफर यूँ तो बहुत लम्बा है। जहाँ पहले चुनिंदा लोगो के हाथ में कैमेरा हुआ करता था वहीँ आज हर हाथ में मोबाइल कैमेरा मौजूद है। हर दौर के इंसानो को अपनी तस्वीर और कुदरत के नज़ारो को कैमरे में कैद करना अमूमन लोगो का शौक रहा है। वहीँ तस्वीरें हर दौर का परिचायक होती है। ब्लैक एन्ड वाइट फोटो जहाँ गुज़रे वक़्त का आईना है तो आज ड्रोन से ली गई नयनाभिराम फोटोज आज की तकनीक का नमूना है।
आइये आज विश्व फोटोग्राफी दिवस पर लेकसिटी के फोटोवाला फैमिली से परिचय करवाते है जो 1932 से लेकर 2021 तक फोटोग्राफी की विधा में चौथी पीढ़ी तक फोटोग्राफी को अपना हुनर और जज़्बे को समेटे हुए है। उदयपुर के छोटी बोहरवाड़ी खानपुरा निवासी मरहूम इब्राहिम जी फोटोवाला ने 1932 में प्लेट कैमेरा से सफर शुरू किया था जो आज उसकी फैमिली की चौथी पीढ़ी के मुफद्दल फ़ोटोवाला के ड्रोन फ़ोटोग्राफ़ी तक बदस्तूर जारी है।
उदयपुर टाइम्स की टीम ने इसी फैमिली की तीसरी पीढ़ी के केज़ार फोटोवाला से मुलाक़ात की और पुराने दौर की फोटोग्राफी और वर्तमान दौर की फोटोग्राफी के बारे में बातचीत की। केज़ार फोटोवाला ने बताया की उसके दादाजी इब्राहिम फ़ोटोवाला मेवाड़ के पहले फोटोग्राफर थे। 1932 तक उनकी सिटी पैलेस क्षेत्र में तस्वीरो की दुकान थी। 1932 में ही मुंबई से आये ब्रिटिश पर्यटकों की प्रेरणा से उन्होंने प्लेट कैमेरा से फोटोग्राफी शुरू की। उस दौर में जहाँ 7x9 साइज़ के फोटो मिरर रख कर धुप की रौशनी में खींचे जाते थे। महाराणा फतेहसिंह जी के समय का वह दौर था जहाँ उन्होंने फोटोग्राफी शुरू की थी।
1. ब्लैक एंड वाइट और कलर फोटोग्राफी में से आप कौनसी फोटोग्राफी को अहमियत देंगे?
ब्लैक एंड वाइट और कलर फोटोग्राफी दोनों फोटोग्राफी अपने आप में अहमियत रखती है। शादी-विवाह में रंगीन तस्वीरें देखने में अच्छी लगती है। लेकिन कुछ तस्वीरें ऐसी होती है जो कलर हो तो मेन सब्जेक्ट से दूर होने लगती है, क्योंकि सभी कलर की अपनी अहमियत होती है। लेकिन ब्लैक एंड वाइट तस्वीरें आज भी लोग पसंद करते है। आने वाले समय में ब्लैक एंड वाइट फोटोग्राफी को अहमियत दी जाएगी। अब तो कंप्यूटर की वजह से सब कुछ आसान हो गया है। अगर कुछ अच्छा नहीं लगता तो चेंज कर लेते है। पहले ऐसी सुविधा नहीं थी।
2. आज हर हाथ में कैमरा है, ऐसे में तस्वीरों की दुनिया का कितना भला और कितना नुकसान हुआ है?
आज कल सभी लोग फोटोग्राफर बन गए है। क्योंकि अब अपने सेल फोन से आसानी से फोटो खींच सकते है। आजकल सोशल मिडिया रंग-बिरंगी तस्वीरों से भरी हुई है। लेकिन उसमें कंटेंट नहीं है। जिंदगी की गहराइयों को समझकर उसको कैप्चर नहीं किया गया है। सेचुरेशन पॉइंट्स आते हैं, नए लेवल अचीव करने पड़ते है। लेकिन आज कल तो किसी के पास वक्त ही नहीं है। सभी चाहते है कि तुरंत फोटो खींच कर देख ली जाए। हालांकि ऐसा नहीं कह सकते मोबाइल से काम नहीं होता। कंटेट लाजवाब, एक्सप्रेसिव और एक्सक्लूसिव हो तो कुछ भी चलेगा। आपके काम में गंभीरता होनी चाहिए।
3. लॉकडाउन के दौरान दुनिया भर के फोटोग्राफर्स को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा? इस चुनौती में आपने क्या किया।
मैंने अपनी जिंदगी में इतनी बड़ी महामारी कभी नहीं देखी हैं। लॉकडाउन में कई फोटोग्राफर्स ने कोरोना महामारी में काम किया जो कि एक बहुत ही बड़ी बात है लेकिन जो फोटोग्राफर शादियां या वेडिंग शूट करते थे उनके लिए कोरोना महामारी एक चुनौती भरा सफर था। सभी फोटोग्राफर के काम बंद हो गए थे। जिसका असर अभी तक है। लेकिन धीरे-धीरे यह भी ठीक हो जाएगा।
4. जो स्टूडेट्स फोटोग्राफी में करना चाहते है उनके लिए आप क्या कहना चाहेंगे?
फोटोग्राफी करते समय कंटेट क्या होना चाहिए यह हमेशा याद रखना चाहिए। यदि आपके पास जूनून है तो आप आसानी से हर मुकाम हासिल कर सकते है। मेहनत करे सब्र रखे सफलता जरुर आपके कदमों में होगी।
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