प्रधान मुख्य वन संरक्षक पांडे की पुस्तक ‘घर से वन तक’ का हुआ विमोचन

प्रधान मुख्य वन संरक्षक पांडे की पुस्तक ‘घर से वन तक’ का हुआ विमोचन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विजन को सराहा, बोले-लव-कुश वाटिका देश मे बनेगी मिसाल

 
Ghar se van tak book

उदयपुर । राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पर्यावरणविद्, लेखक एवं पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. दीप नारायण पांडे की बेस्ट सेलर पुस्तक ‘घर से वन तक‘ का विमोचन रविवार को उदयपुर में हुआ।

दक्षिण राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध ग्रीन पीपल सोसाइटी की ओर से शहर के चुंडा पैलेस में आयोजित एक कार्यक्रम में पांडे के अनुभवों पर आधारित पुस्तक का विमोचन वरिष्ठ अधिकारियों, पर्यावरणविदों एवं विशेषज्ञों की उपस्थिति में हुआ।

पांडे ने अपनी पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए वन जगत के अपने अनुभवों को साझा किया। पांडे ने इस पुस्तक पर चर्चा दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गये प्रयासों एवं उनके विजन की सराहना की और कहा कि लव-कुश वाटिका देश में मिसाल बनेगी। इस अवसर पर पुस्तक में समाहित तथ्यों पर चर्चा में पांडे ने प्रदेश के पर्यावरणीय परिदृश्य, संरक्षण-संवर्धन के प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सबसे कठोर कानून वन भूमि के लिए है ऐसे में इसके प्रभावी क्रियान्वयन की जरूरत है।

उदयपुर से लगाव को दर्शाया

पांडे ने उदयपुर में अपनी प्रथम नियुक्ति की जानकारी देते हुए बताया कि उनका उदयपुर से लगाव है पर वन व वन्यजीव संरक्षण में जो काम हुआ  वो उनकी टीम ने किया।

लेकसिटी के झील संरक्षण को सराहा  

प्रधान मुख्य वन संरक्षक पांडे ने अपने वक्तव्य के दौरान उदयपुर को विश्व का खूबसूरत शहर बताया और यहां प्रकृति के संरक्षण के साथ वनों के उपयुक्त रखरखाव एवं प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने उदयपुर में झील संरक्षण के कार्य की तारीफ की और कहा कि इसका श्रेय यहां के निवासियों को जाता है। पांडे ने कहा कि जयपुर में अभी भी झीलों का संरक्षण अधूरा है।

अफसर की विजिट में खाद होती

वन व वन्यजीव संरक्षण-संवर्धन विषय पर पांडे ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों को लगातार फील्ड का भ्रमण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट के अफसर की विजिट में खाद होती है, यदि वह जंगलों में घूमता रहेगा तो सब स्थितियां अनुकूल हो जाती है। उन्होंने जैव विविधता, इको टूरिज़्म, वन व वन्यजीव संरक्षण विषयों पर कर रहे चर्चा की और ग्रीन पीपल सोसाइटी द्वारा जैव विविधता व पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्यों व प्रभावी प्रयासों की सराहना की।

प्रारंभ में ग्रीन पीपल सोसायटी के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त सीसीएल राहुल भटनागर ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर रिटायर्ड आईएएस विक्रम सिंह, रिटायर्ड आईएफएस एस.के.वर्मा, आईपीएस मथारू, आरके खेरवा, आरके सिंह, आरके जैन, वीरम देव सिंह, एमपीयूएटी के पूर्व वीसी एन एस राठौड़,  प्रो. इंद्रजीत सिंह, विद्या भवन के मुख्य संचालक डॉ. अनुराग प्रियदर्शी, इंटेक समन्वयक ललित पांडे, मनोज कुलश्रेष्ठ, एनसी जैन, सोसाइटी के सदस्य सहित कई वरिष्ठ अधिकारी व पर्यावरणविद् मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. सतीश शर्मा ने किया। अंतरराष्ट्रीय एंकर स्वाति अग्रवाल ने पांडे से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से इस पुस्तक की विषयवस्तु पर चर्चा की। आभार ग्रीन पीपल सोसाइटी के उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ने किया।

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