उदयपुर की हबीबा बानू तहसीन ने तय किया था मुलायम सिंह यादव का पहला टिकट

उदयपुर की हबीबा बानू तहसीन ने तय किया था मुलायम सिंह यादव का पहला टिकट

"80's के दशक के बाद समाजवादी विचारों और समतावादी, सर्वधर्म समभाव की राजनीति को राष्ट्रीय पटल पर लाने में मुलायम सिंह यादव का योगदान अविस्मरणीय रहेगा" - हबीबा बानू तहसीन

 
Habiba Banu Tehsin a Socialist from Udaipur played a Key Role in getting the first ticket for Mulayam Singh Yadav

समाजवादी पार्टी की समाजवादी महिला सभा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हबीबा बानू तहसीन ने श्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया है। वे एक विनम्र ग्रामीण युवक के पहली बार विधायक बनने से लेकर समाजवादी पार्टी के गठन और उसमें महिलाओं को सक्रिय करने में मुलायम सिंह का स्मरण करती हैं।

हबीबा बानू तहसीन 1967 के विधानसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) के संसदीय बोर्ड की सदस्य और अखिल भारतीय समाजवादी महिला सभा की संयोजक थीं। उन्हें जिन विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की सिफ़ारिश करनी थी उनमें उत्तर प्रदेश की जसवन्तनगर सीट भी थी। डॉ. राममनोहर लोहिया की राजनीति से प्रभावित होकर हबीबा बानू 1963 में राजस्थान के उदयपुर से निकलीं और सोशलिस्ट पार्टी की सक्रिय नेता बनीं। वे बताती हैं कि तब वरिष्ठ समाजवादी नेता राजनारायण युवा मुलायम सिंह के आन्दोलनों से प्रभावित थे, वहीं कमाण्डर अर्जुन सिंह भदौरिया एक अन्य कार्यकर्ता को उम्मीदवार मानते थे। हबीबा बानू ने जनता और कार्यकर्ताओं में मुलायम सिंह के प्रति रुझान पाया। स्वयं मुलायम सिंह एक विनम्र किन्तु जुझारू कार्यकर्ता नज़र आए। उन्होंने मुलायम सिंह को टिकट देने की सिफ़ारिश की और चुनाव में उनके लिए सभा भी की। मुलायम सिंह अपना पहला ही चुनाव जीत गए, साथ ही हबीबा बानू के समर्थन को वे कभी नहीं भूले।

Habiba Banu Tehsin a Socialist from Udaipur played a Key Role in getting the first ticket for Mulayam Singh Yadav

डॉ. लोहिया के निधन और फिर जनता पार्टी में बिखराव के बाद हबीबा बानू और उनके पति रजनीकान्त वर्मा ने सक्रिय राजनीति से कुछ दूरी बना ली थी। मुलायम सिंह ने 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया जिसमें रजनीकान्त वर्मा ने महती भूमिका निभाई। उन्होंने मुलायम सिंह यादव पर पहली पुस्तक ‘मुलायम सिंह यादव: एक जुझारू व्यक्तित्व’ लिखी।

Mulayam Singh Yadav Ek Jhujhru Vyaktitv by Rajnikant Verma Authors of Udaipur

हबीबा बानू उदयपुर में ही थीं, जब समाजवादी महिला सभा की पुनः स्थापना के लिए मुलायम सिंह ने उन्हें फ़ोन कर लखनऊ आमंत्रित किया। हबीबा बानू उत्तर प्रदेश समाजवादी महिला सभा की अध्यक्ष बनीं। उनके आग्रह पर महाराष्ट्र की वरिष्ठ समाजवादी शान्ति नाईक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी ली, जिनके निधन के बाद हबीबा बानू तहसीन समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं।

Mulayam Singh Yadav with Habiba Banu Tehsin Udaipur in Lucknow

उन्होंने एक दशक से अधिक के कार्यकाल में यू.पी. सहित अन्य राज्यों में महिला सभा की इकाइयाँ गठित की और ग़ैर-राजनीतिक क्षेत्र की महिलाओं को भी समाजवादी आन्दोलन एवं चुनावी राजनीति से जोड़ा। लखनऊ में 30 अप्रैल 1994 को समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महिला शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं आत्मसम्मान सम्बन्धी प्रस्तावों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने क़दम उठाए थे।

Mulayam Singh Yadav with Habiba Banu Tehsin Udaipur in Lucknow

मुलायम सिंह ने 1995 में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हबीबा बानू द्वारा युवाओं को प्रेरित करने के लिए लिखी ‘समाजवाद, युवजन एवं परिवर्तन’ शीर्षक पुस्तिका का विमोचन किया। नई सदी के पहले दशक के मध्य में हबीबा बानू ने नई पीढ़ी को ज़िम्मेदारी सौंप दी। हालाँकि इसके कुछ वर्ष बाद भी वे मुलायम सिंह के आग्रह पर समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनी रहीं।

Samajwad Yuvjan aur Parivartan Habiba Banu Tehsin Authors from Udaipur

जयप्रकाश नारायण की जयन्ती (11 अक्टूबर) एवं डॉ. राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि (12 अक्टूबर) को उन्हें नमन करते हुए हबीबा बानू तहसीन का कहना है कि '80 के दशक के बाद समाजवादी विचारों और समतावादी, सर्वधर्म समभाव की राजनीति को राष्ट्रीय पटल पर लाने में मुलायम सिंह यादव का योगदान अविस्मरणीय रहेगा।

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