10% विकलांगता के बावजूद पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर उदयपुर पहुंचे ग्रीनमैन राजपुरोहित

10% विकलांगता के बावजूद पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर उदयपुर पहुंचे ग्रीनमैन राजपुरोहित

कहा - प्रकृति हमें देती है सबकुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें

 
Greenman rajpurohit reached udaipur

अब तक 15 राज्यों 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में कुल 22 हजार किमी यात्रा पूर्ण कर चुके है और आगामी 6 माह में 10 हजार किमी यात्रा करने का लक्ष्य है

उदयपुर, 10 अगस्त 2021। पर्यावरण संरक्षण व जल संरक्षण जागरूकता का संदेश लेकर ग्रीनमैन के नाम से विख्यात नरपतसिंह राजपुरोहित मंगलवार को उदयपुर पहुंचे। बाड़मेर निवासी राजपुरोहित ने बताया कि अब तक 15 राज्यों 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में कुल 22 हजार किमी यात्रा पूर्ण कर चुके है और आगामी 6 माह में 10 हजार किमी यात्रा करने का लक्ष्य है। उन्होंने एक पैर में 38 टांके लगने व 10 प्रतिशत विकलांगता होने के बावजूद अपने हौंसले को कमजोर न होने दिया।

उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को प्रेरित करना, वन्यजीवों की सुरक्षा एवं सामाजिक सरोकार के कार्य कर जनजागरूकता लाना ही उनकी यात्रा का उद्देश्य है। उन्होंने अब तक 90 हजार पौधे लगाए तथा 165 हिरण, 5 मोर, 1 चील, 2 उल्लू व 1 सियार आदि वन्यजीवों का बचाकर समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरणा व वन्य जीवों की रक्षा के प्रति प्रेम की भावना विद्यालय से मिली। 

उदयपुर को उन्होंने अपना पसंदीदा शहर बताया और कहा कि झीलों की नगरी वाकई बहुत सुंदर हैं। उन्होंने यहा की नैसर्गिक सुंदरता को बरकरार रखने का भी आह्वान किया

greenman rajpuorhit reached udaipur

चौथी साईकिल यात्रा 2019 से जारी है

अधिकतर साइकिल पर रहकर जनजागरूकता का कार्य करने वाले ग्रीनमैन राजपुरोहित बताते है कि 9 अप्रैल 2017 को 500 किमी की यात्रा उदयपुर, राजसमंद, पाली व जोधपुर से बाड़मेर तक 5 दिनों में पूरी की गई। वहीं 10 सितंबर 2017 को 9 घंटे से 200 किमी की यात्रा पूरी हुई। 1 दिसंबर 2017 को जम्मू प्रेस क्लब से शुरू यात्रा जम्मू, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान होकर गुजरात में पहुंचकर सम्पन्न हुई। 

यह यात्रा पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण और बेटी बचाओ के संदेश पर आधारित थी। इस यात्रा के दौरान 950 पौधे बांटे गए। यह यात्रा 35 दिनों में पूरी हुई।  27 जनवरी 2019 को पर्यावरण और जल संरक्षण देती सबसे लंबी यात्रा जम्मू से प्रारंभ हुई जो 15 राज्यों व 4 केन्दशासित प्रदेशों का सफर करते हुए जारी है।

पर्यावरण संरक्षण के साथ वन्यजीव संरक्षण में भी इनका योगदान महत्वपूर्ण है। इन्होंने कई जीवों को बचाया है तो कई घायल वन्यजीवों का इलाज भी करवाया है। वन्य जीवों के लिए पानी के 21 कुंड लगाए और 2 शिकारियों को पकड़वाया। कई जिलों में पक्षियों के लिए ‘आओ एक साथ आओ और पक्षियों को बचाओ‘ का संदेश देते पोस्टर भी जारी किए। 

वृक्षारोपण मिशन के तहत सर्वाधिक पौधे 89700 राजस्थान में और अन्य राज्यों में 20 प्रतिशत पौधे लगाएं। इसके साथ ही इन्होंने दहेज प्रथा के बारे में जनजागरूकता, महिला उत्पीडन रोकने एवं महिलाओं को प्रेरित करने व रक्तदान जैसे कार्य भी किए है।

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