कोरोना वायरस की महामारी के चलते पुरे देश में लॉक डाउन है एवं उदयपुर संभाग में भी जनता लॉकडाउन का पूरा पालन हो रहा है।
कोरोना की इस जंग में डॉक्टर्स सबसे बड़े योद्धा बन कर उभरे है। ये योद्धा सिर्फ वो ही नहीं है जो कोरोना के मरीजों की देखभाल कर रहे है। कोरोना पीड़ित के अलावा उदयपुर संभाग के लाखों लोग अन्य बीमारियों से भी परेशान है। ऐसी परिस्थिति में निजी हॉस्पिटल भी अन्य बीमारियों के मर्ज़ में हर संभव मदद कर रहे है. इस कड़ी में अगर हम सबसे आगे देखें तो मेवाड़ ही नहीं पुरे राजस्थान में हड्डियों से जुड़े मर्ज़ और ट्रोमा मरीजों के इलाज के लिए मेवाड़ ओर्थोपेडिक हॉस्पिटल सबसे अग्रणी है.
मेवाड़ वासियों के दर्द को समझते हुए मेवाड़ हॉस्पिटल ने हर संभव मदद का संकल्प लिया है। लॉक डाउन में हड्डियों से जुड़े मरीज़ हॉस्पिटल तक आ नहीं पा रहे है तो मेवाड़ हॉस्पिटल ने अपनी निशुल्क एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। यही नहीं, अगर कोई मरीज अन्य कोई एम्बुलेंस लेकर भी आता है तो उसका शुल्क मेवाड़ हॉस्पिटल ही वहन करता है। आपको बता दें कि मेवाड़ हॉस्पिटल में हड्डियों से जुड़े हर मर्ज़ का इलाज पुरे विशवास के साथ किया जाता है।
लॉकडाउन और कोरोना की इस महामारी के दौरान भी मेवाड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर्स चिकित्साकर्मी मरीजों की सेवा में लगे हुए है। ऐसे वक़्त में भी जो मरीज़ यहाँ पर अपना इलाज करवाने आया वो यहाँ की चिकित्सा व्यवस्था और और इलाज से पूरी तरह संतुष्ट है। उदयपुर पोस्ट की एक टीम ने लॉकडाउन के दौरान एक सर्वे किया कि कोरोना के मरीजों के अलावा अन्य मरीजों के क्या हाल है। उन्हें चिकित्सा उब्पब्ध हो रही है या नहीं। ख़ास कर निजी अस्पतालों में मरीजों के क्या हाल है। तो उदयपुर में सबसे ज्यादा संतुष्ट मेवाड़ ओर्थोपेडिक के मरीज नज़र आये।
उदयपुर पोस्ट की टीम ने जब सर्वे के दौरान मेवाड़ हॉस्पिटल के मरीजों से बात की तो चोंकाने वाली बातें सामने आई। बांसवाडा के पास से आयी 51 वर्षीय मनीषा दवे ने बताया कि उसके घुटनों में असहनीय दर्द था, डॉक्टर ने घुटना रिप्लेसमेंट के लिए कहा था। हम ओपरेशन के बारे में सोच ही रहे थे कि कोरोना आगया और लॉकडाउन हो गया दर्द इतना था कि सहन नहीं हो रहा था। जब हमने मेवाड़ हॉस्पिटल के डॉ मनीष छापरवाल से बात की तो उन्होंने हमे विशवास दिलाया और एम्बुलेंस की व्यवस्था कर लॉकडाउन में भी हमे हॉस्पिटल लाये और सफल ओपरेशन किया। वही उदयपुर में गोगुन्दा के रहने वाले वीर सिंह राठोड ने बताया कि माता जी का लिगामेंट का ओपरेशन करवाना था और लॉकडाउन हो गया। कोरोना की वजह से हम हॉस्पिटल में आने से भी डर रहे थे लेकिन यहाँ के डॉ. और स्टाफ ने हमे विश्वास दिलाया और ओपरेशन किया। यहाँ आकर हमने देखा कि हॉस्पिटल को पूरी तरह से दिन में कई बार सेनेटाईज़ किया जाता है। हर एक मरीज़ हर एक परिजन का ख्याल रखा जाता है।
डॉ. मनीष छापरवाल बताते है कि मरीज़ कोरोना के डर से अपना मर्ज़ छुपा कर घरों में बैठे हुए है। लेकिन हम जानते है कि हड्डियों का दर्द असहनीय होता है और इसीलिए हमने अपने हॉस्पिटल में साफ़ सफाई और सेनेटाइज़ की पूरी व्यवस्था की है। ताकि मरीज और उनके परिजनों को कोई परेशानी ना हो। यहाँ कभी भी मरीज आसकता है। उन्होंने बताया कि हमारे यहाँ 24 घंटे सर्जरी की सुविधा भी है। जरूरी होता है तो हम रात की 1 – 2 बजे भी ओपरेशन करते है। और मरीजों और परिजनों की लॉकडाउन में सुविधा के लिए हमने निशुल्क एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। हमारा ध्येय है कि हर आम जन की ज़िन्दगी दर्द रहित हो और इसके लिए हम प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि मेवाड़ ओर्थोपेडिक हॉस्पिटल की राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुल 11 अस्पताल है। संभाग में उदयपुर के अलावा बांसवाडा, डूंगरपुर, चित्तोडगढ में भी है। और यहाँ भी इसी तरह मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
अगर कोई मरीज हड्डियों के मर्ज से परेशान है। ट्रोमा या इंजरी है तो मेवाड़ हॉस्पिटल की निशुल्क एम्बुलेंस की सेवा ले सकता है इसके लिए उन्हें इस नंबर पर कॉल करना पड़ेगा।
7727009368
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