कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जायेगा, शमां रह जाएगी परवाना चला जाएगा.....

कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जायेगा, शमां रह जाएगी परवाना चला जाएगा.....

Legends live forever ....... 

 
Dilip Kumar

ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार ने रुपहले पर्दे पर हर किरदार को दिल से जिया है।

यह ज़िंदगी के मेले में दुनियां में कम न होंगे, अफ़सोस हम न होंगे. ......,  हिंदी सिनेमा के लीजेंड, पहले सुपरस्‍टार, ट्रेजेडी किंग युसूफ साहब यानि दिलीप कुमार  नहीं रहे। सिल्‍वर स्‍क्रीन पर अपनी अदाकारी से लोगों को रुला देने वाले युसूफ खान को दुनिया 'ट्रेजडी किंग' दिलीप कुमार बुलाती थी। 98 वर्ष के दिलीप कुमार ने बुधवार सुबह मुंबई के हिंदुजा अस्‍पताल के आईसीयू में अंतिम सांस ली। अभिनय सम्राट के पार्थिव शरीर को पाली हिल स्थित उनके बंगले पर लाया गया है। आज शाम 5 बजे मुंबई के सांताक्रूज़ स्थित कब्रिस्तान में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्दे खाक किया जायेगा।  

1944 में ‘ज्वार भाटा’ से अपना फिल्‍मी कैरियर शुरू करने वाले अभिनय सम्राट दिलीप कुमार अगले पांच दशक तक फिल्मो में सक्रीय रहे। उड़न खटोला, मुगल-ए-आजम, देवदास, आन, नया दौर से हिंदी सिनेमा के दर्शको के दिलो दिमाग पर राज करने वाले दिलीप कुमार ने मधुमति, राम और श्याम, नया दौर, दीदार, दाग़, यहूदी, पैग़ाम, अंदाज़, कोहिनूर, दिल दिया दर्द लिया, शक्ति, क्रांति, मशाल, बैराग, सौदागर, कर्मा  जैसी कई सुपर डुपर हिट फिल्में दीं।

ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार ने रुपहले पर्दे पर हर किरदार को दिल से जिया है। 'मुगल ए आज़म' के शहज़ादा सलीम से लेकर आशिकी में डूबे 'देवदास', 'लीडर'  से लेकर समाज के बागी  'सगीना महतो' का किरदार हो या 'राम और श्याम' के चुलबुले 'श्याम' यानि अभिनय के हर रंग में रंगे हुए नज़र आते थे दिलीप साहब। आज के दौर के भी कई अभिनेता, अभिनय की दुनिया में दिलीप साहब के स्थापित किये पदचिन्हो पर चलकर 'किंग खान' बन चुके है  । पर्दे पर दिलीप साहब के साथ मधुबाला, वैजयंतीमाला, निम्मी, नरगिस, कामिनी कौशल से लेकर वहीदा रहमान और असली ज़िंदगी में उनकी शरीक ए हयात सायरा बानू तक की जोड़ी को लोगो ने खूब पसंद किया।

'देवदास; से लेकर 'मुगल ए आज़म', 'यहूदी'  और 'सौदागर' तक उनकी संवाद अदायगी उनके अभिनय का लोहा मानवती रही है। एक ज़माने में 60 के दशक में मुंबई के शेरिफ रह चुके दिलीप साहब के रिश्ते बाला साहेब ठाकरे से भी मशहूर रह चुके है। वहीँ 50 और 60 का दशक जिन्हे भारतीय सिनेमा का गोल्डन पीरियड कहा जाता है, जहाँ राज कपूर, देव आनंद, राजकुमार जैसे नामी और लेजेंड्री अभिनेताओं की मौजूदगी के दौर में दिलीप कुमार शिखर पर थे।

दिलीप साहब की फिल्मों का गीत संगीत भी हमेशा से मज़बूत पक्ष रहा है। उस दौर के लगभग सभी संगीतकारों नौशाद, शंकर जयकिशन, एस डी बर्मन से लेकर लक्ष्मी प्यारे तक उनकी फिल्मो को संगीत से सजाते संवारते रहे है। वहीँ पर्दे पर उन पर फिल्माए गए गीतों को मोहम्मद रफ़ी, तलत मेहमूद और मुकेश ने अपनी आवाज़ से सजाया है। आज भी उनकी फिल्मो के कई गीत लोगो की ज़ुबान पर है।  

पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार के रहने वाले फल विक्रेता लाला गुलाम सरवर खान और आयशा बेगम के घर में 11 दिसंबर 1922 को मोहम्मद युसुफ खान का जन्म हुआ। युसूफ के जन्म के बाद उनका परिवार नासिक में बस गया। युसूफ खान की प्रारम्भिक शिक्षा भी नासिक में हुई। दिलीप कुमार ने 8 बार फिल्फेयर अवार्ड हासिल किया है। 1994 में हिंदी सिनेमा का सबसे बड़ा अवार्ड 'दादा साहब फाल्के अवार्ड' से नवाज़ा गया था। जबकी भारत सरकार की ओर से  उन्हें 1991 में 'पदम भूषण' और 2015 में 'पदम् विभूषण' से सम्मानित किया गया था। 

दिलीप साहब की अभिनय की धाक भारत में ही नहीं बल्कि पड़ौसी मुल्क पाकिस्तान में भी उनके अभिनय का जादू सर चढ़कर बोलता था। 1998 में पाकिस्तान सरकार ने उन्हें 'निशान ए इम्तियाज़' से नवाज़ा था। पाकिस्तान के सबसे बड़े अवार्ड से नवाज़े जाने वाले दिलीप कुमार, भूतपूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बाद दुसरे भारतीय है। दिलीप कुमार को केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सन 2000 से 2006 के बीच महारष्ट्र से राज्यसभा में सांसद के रूप में भेजा था। 

दिलीप कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा, "दिलीप कुमार जी को एक सिनेमाई लीजेंड के रूप में याद किया जाएगा। उन्‍हें असामान्‍य प्रतिभा मिली थी, जिसकी वजह से उन्‍होंने कई पीढ़‍ियों के दर्शकों को रोमांचित किया। उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक क्षति है। उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदना।" पीएम मोदी ने कुमार की पत्‍नी सायरा बानो से फोन पर बात की और उन्‍हें ढांढस बंधाया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा कि दिलीप कुमार ने भारतीय सिनेमा के लिए जो किया है, उसे आने वाली कई पीढ़‍ियां याद रखेंगी। इन दो प्रमुख नेताओं के अलावा राजनीतिक जगत की कई हस्तियों ने 'मुगल-ए-आजम' अभिनेता के निधन पर शोक जताया है। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिलीप कुमार के निधन को 'बालिवुड के एक अध्‍याय की समाप्ति' बताया। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा कि 'उनकी अदायगी का अंदाज कई पीढ़‍ियों तक फिल्‍म प्रेमियों पर छाया रहेगा। 

'एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने लिखा कि दिलीप कुमार के रूप में हमने एक लीजेंड को खो दिया है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन लिखते हैं कि 'एक शानदार अभिनेता की जिंदगी पर पर्दा भले ही गिर गया हो लेकिन उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंसेज के जरिए किवदंती हमेशा रहेगी।' केंद्र में ही मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने दिलीप कुमार के साथ मुलाकात की एक तस्‍वीर साझा की है। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिलीप कुमार का जाना एक 'युग का खत्‍म' हो जाना है। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिलीप कुमार से अपनी एक मुलाकात का जिक्र क‍िया है। उन्‍होंने लिखा, "गंगा जमना जैसी फिल्‍मों में उनकी अदाकारी ने करोड़ों दर्शकों का दिल छू लिया। मुझे उनके निधन से बेहद तकलीफ पहुंची है। मैं दिलीप कुमार जी से एक बार मिला था जब मैं उन्‍हें पद्म विभूषण से सम्‍मानित करने मुंबई गया था। उनके जैसे म‍हान अभिनेता से बात करना मेरे लिए बेहद खास पल था। उनका निधन भारतीय सिनेमा की बहुत बड़ी क्षति है।"

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