क्या AAP निपट पाएगी आपदा से?


क्या AAP निपट पाएगी आपदा से?

केजरीवाल और सिसोदिया भी नहीं बचा सके अपनी सीट 

 
AAP loses control over Delhi. BJP ends Drought

दिल्ली की 70 विधानसभा सीट पर हुए चुनावो में लगातर 10 साल से सत्ता में रही AAP ने न सिर्फ चुनाव हारा बल्कि AAP के संयोजक अरविन्द केजरीवाल, बड़े नेता मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन जैसे नेता अपनी अपनी सीट भी नहीं बचा सके।  AAP को लगे इस करारे झटके एक असर न सिर्फ दिल्ली बल्कि AAP की राष्ट्रीय स्तर पर भी बेहद बुरा पड़ेगा। 

दिल्ली के चुनाव में BJP की जीत से ज़्यादा चर्चे AAP की हार के होंगे 

दिल्ली के चुनाव में जहाँ 70 सीटों में से 27 सीट BJP जीत चुकी है और अभी समाचार लिखे जाने तक लगभग 21 सीट पर आगे चल रही है वहीँ AAP अब तक 13 सीट जीत चुकी है और 9 सीटों पर आगे चल रही है।  इस प्रकार BJP 48 सीट (1-2 सीट ऊपर नीचे हो सकती है) और AAP 22 सीट (यहाँ भी 1-2 सीट ऊपर नीचे हो सकती है) जीत चुकी है। लगातार 10 साल सत्ता में रहने के बाद अब AAP का विपक्ष में बैठना तय है।  

दिल्ली चुनावो के नतीजे आने के बाद देश भर में BJP की जीत से अधिक AAP की हार के होने वाले है।  इन नतीजो का असर देशव्यापी होने वाला है।  एक प्रकार से यहाँ से AAP के पतन की शुरुआत भी हो सकती है।  अब सवाल यह है की क्या AAP अपने जीते हुए उम्मीदवारों को एकजुट रख पाएगी। यदि न रख पाई तो AAP का पतन निश्चित है।  

शून्य पर रही कांग्रेस 

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटो पर कांग्रेस ने एक भी सीट हासिल नहीं की। हालाँकि पूरे नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा की कांग्रेस ने AAP को कितना नुक्सान पहुँचाया है। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविन्द केजरीवाल 4089 वोटो से चुनाव हारे है जहाँ कांग्रेस के संदीप दीक्षित को 4568 वोट मिले। जंगपुरा विधानसभा सीट पर मनीष सिसोदिया मात्र 675 वोटो से हारे जहाँ कांग्रेस के फरहाद सूरी को 7350 वोट मिले। ऐसी कई कम मार्जिन वाली सीट पर कांग्रेस ने AAP को तगड़ा झटका दिया है। 

क्या होगा AAP की हार का असर 

AAP की हार का असर न सिर्फ दिल्ली राज्य की राजनीती बल्कि AAP शासित पंजाब पर भी पड़ने वाला है। अगर AAP पंजाब में कमज़ोर होती है तो इसका फायदा कांग्रेस को होगा। वहीँ दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने का असर AAP के चेहरे अरविन्द केजरीवाल पर भी पड़ेगा जो की अपने आप को नरेंद्र मोदी के मुकाबले में पेश कर रहे थे।  दिल्ली की हार केजरीवाल के दिल्ली मॉडल की हार है।  जिस भ्रष्टाचार के मुद्दे को निशाना बनाकर AAP सत्ता में आई थी AAP नेताओ पर उसी भ्रष्टाचार के आरोपों ने दिल्ली में AAP को कहीं नहीं छोड़ा। दिल्ली के जनादेश में केजरीवाल, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर लगे भ्र्ष्टाचार के आरोपों पर मुहर लग जाएगी और भविष्य में AAP ने नेताओ पर मुसीबत आना तय है।   

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal

Tags