आगामी विधानसभा चुनाव में मेवाड़ वागड़ की डूंगरपुर विधानसभा सीट पर कुछ महीनो पहले एक ही अस्पताल में साथ साथ रहकर मरीज़ो की तीमारदारी करने वाले डॉक्टर और नर्स अब एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के उम्मीदवार डॉ दीपक घोघरा और भाजपा के उम्मीदवार नर्स बंसीलाल कटारा अब चुनावो में एक दूसरे के सामने है।
सरकारी नौकर के चुनाव लड़ने का पहला मामला
डॉ. दीपक घोघरा (BTP) के चुनाव लड़ने का मामला राज्य में पहला ऐसा मामला है जब हाई कोर्ट ने किसी सरकारी डॉक्टर को चुनाव लड़ने और हारने की स्थिति में फिर से ड्यूटी पर शामिल होने की अनुमति दी है। डॉ दीपक घोघरा के पिता डॉ वेलाराम घोघरा ने पिछले चुनावो में बीटीपी के उम्मीदवार के रूप में चुनवा लड़ा था। हालाँकि उन्हें तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।
कांग्रेस ने यहाँ से वर्तमान विधायक गणेश घोघरा को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने नर्स बंसीलाल कटारा पर दांव लगाया है। वहीँ भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा के पुत्र डॉ दीपक घोघरा को उम्मीदवार बनाया है। बीटीपी से टूटकर नवगठित पार्टी भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने कांतिलाल रोत को उम्मीदवार बनाया है। कांतिलाल रोत यहाँ कांग्रेस भाजपा की गणित बिगाड़ने में लगे हुये है। कांतिलाल रोत ने पिछले लोकसभा चुनाव ने ढाई लाख से अधिक मत प्राप्त किये थे।
डूंगरपुर विधानसभा सीट का इतिहास
1977 से लेकर अब तक पिछले 10 चुनावो में इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। 1977 में जनता पार्टी (जेपी) ने यहाँ से चुनाव जीता था। उसके बाद 2013 म भाजपा के देवेंद्र कटारा ने यहाँ से चुनाव जीता था। 1977 से 2018 के बीच हुए चुनावो में 8 बार कांग्रेस ने यह सीट जीती है। जिनमे से कांग्रेस के नाथूलाल अहारी ने 6 बार (1980, 1985, 1990, 1993, 1998 और 2003), लालशंकर घाटिया ने 1 बार (2008) जबकि पिछली बार (2018) में कांग्रेस के युवा चेहरे गणेश घोघरा ने 27 हज़ार से अधिक मतों से विजय प्राप्त की थी।
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