उदयपुर (मेनार), 28 सितम्बर । देश-दुनिया के पर्यटकों को खेत-खलिहानों, सुबह-शाम के सुकून भरे माहौल और गांव के माटी की सौंधी महक और बर्ड डेस्टिनेशन के रूप गांवों में टूरिज्म डवलप को लेकर खाका तैयार हो चुका है । विश्व पर्यटन दिवस पर राजस्थान और उदयपुर के लिए एक खुशखबरी है कि बर्ड विलेज के नाम से मशहूर उदयपुर जिले के मेनार गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज का अवार्ड प्रदान किया गया है। दरअसल, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने श्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता का आयोजन किया था, इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान के उदयपुर जिले के मेनार गांव का चयन किया गया।
दिल्ली के प्रगति मैदान पर बुधवार को भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में मेनार गांव का सिल्वर कैटेगरी में चयन किया गया। पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने ग्राम पंचायत मेनार सरपंच प्रमोद कुमार को अवार्ड प्रदान किया। पर्यटन मंत्रालय द्वारा बेस्ट टूरिज्म विलेज के आयोजित उक्त प्रतियोगिता जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर हुई ।
उदयपुर जिले के बर्ड विलेज मेनार को विलेज टूरिज्म के रूप में प्राइम डेस्टिनेशन बनाने की तैयारी विभाग पिछले काफी दिनों से कर रहा है । इसी के तहत पिछले दिनों राष्ट्रीय पर्यटन ग्राम के चयन के लिए केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा तीन गांव जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर चयनित करने के लिए प्रविष्टिया मांगी थी, इसमें मेनार ने भी आवेदन किया था । अजय मेनारिया के आवेदन पर तत्कालीन जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने उदयपुर जिले से मेनार पक्षी विहार को राज्य स्तर प्रविष्टि के लिए जिले से नामित किया था। मेनार गांव अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करने के लिए जाना जाता है।
देशभर से 35 गांवों का चयन
भारत सरकार द्वारा इस प्रतियोगिता में देशभर से कुल 35 गांव चुने गए । इनमें उदयपुर जिले के मेनार गांव को रजत पदक मिला जबकि श्री महावीरजी के नौरंगाबाद गांव को कांस्य पदक दिया गया। देशभर के 35 गांवों में से 5 स्वर्ण पदक, 10 रजत पदक एवं 20 गांवों को कांस्य पदक से नवाजा गया। मेनार के लोगों ने प्रकृति संरक्षण में जो काम किया है वो पूरे देश के लिए एक नजीर पेश कर रहा है, इसलिए इसका दावा सबसे प्रबल था ।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अजय मेनारिया, ने कहा की पर्यटन मंत्रालय ने हमें ऐसे गावों का चयन करने के लिए निर्देश दिए थे जो पर्यावरण, इतिहास और संस्कृति जैसे आयामों में वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने की क्षमता रखते हो। मेनार इन सभी पैमानों में खरा उतरता है। जब गांव राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ है तो इस प्राकृतिक व सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी ।
पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने कहा की इस प्रतियोगिता के लिए उदयपुर से सर्वाधिक 11 गांवों का नाम भेजा गया था। मेनार के ग्रामीणों ने सदियों पुरानी परंपराओं और पर्यावरण का संरक्षण किया है, वह पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है। प्रशासन इसे इको टूरिज्म सर्किट की तर्ज पर विकसित करने पर लगातार प्रयास कर रहा है।
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