राजस्थान में पर्यटन स्थलों को पर्यटक सर्किटो में शामिल करने की मांग


राजस्थान में पर्यटन स्थलों को पर्यटक सर्किटो में शामिल करने की मांग

राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने सर्वेक्षण की मांग की

 
Rajasthan tourism

उदयपुर 6 अगस्त। राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया ने सोमवार को राज्य सभा में राजस्थान में पर्यटक स्थलों का सर्वेक्षण करवा कर उन्हे पर्यटक सर्किटो में शामिल करने की मांग की।

चुन्नीलाल गरासिया ने राज्य सभा में शून्यकाल यकाल के दौरान भारत सरकार से मांग की ओर कहा कि मै राजस्थान वीर शिरोमणी जो वीरता, शोर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ़ निश्चय के लिए जाने जाने वाले वीर योद्धा महाराणा प्रताप और उनके सेनापति राणा पूंजा भील की धरती मेवाड़, उदयपुर से आता हूँ। उदयपुर एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, इसे “झीलों की नगरी“ भी कहा जाता है और उत्तरी भारत का सबसे आकर्षक पर्यटक शहर भी माना जाता है, उदयपुर को हाल ही में विश्व का सबसे खूबसूरत शहर भी घोषित किया गया है।

राजस्थान में वर्तमान में चार पर्यटन संभाग है जयपुर, जोधपुर, अजमेर और कोटा इसी तरह राजस्थान में लगभग दस पर्यटन सर्किट है जिनमें प्रमुख रुप से मरू सर्किट में जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर जिले आते है। शेखावटी सर्किट में सीकर, झुन्झुनु, चूरू जिले, ढूढ़ाड सर्किट में जयपुर, दौसा, आमेर जिले आते है।  ब्रज मेवात सर्किट में भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक जिले आते हैं। हाड़ोती सर्किट में कोटा, बूंदी, बारा, झालावाड़ जिले आते है। मेवाड़ सर्किट में रासमन्द्र, चितौड़गढ़, भीलवाड़ा जिले आते है। मेरवाड़ सर्किट में जिनमें अजमेर, पुष्कर, मेड़ता, नागौर जिले आते है। वागड़ सर्किट में बांसवाड़ा, डूंगरपुर जिले आते है। गौड़वाड़ सर्किट में जिनमें पाली, सिरोही, जालोर जिले आते है और राष्ट्रीय राजधानी सर्किट में अलवर, भरतपुर, धौलपुर जिले आते है।

राजस्थान के इन सभी पर्यटन सर्किटो सहित बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमन्द, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा में नए पर्यटक स्थलों का सर्वेक्षण करवा कर इन स्थलों को पर्यटक सर्किटो में शामिल किया जावे जिससे इन पर्यटन स्थलों में रहने वाले गरीब, मजदूर वर्ग और व्यापारी वर्ग को रोजी-रोटी के लिए रोजगार उपलब्ध हो सके।

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