उदयपुर-अहमदाबाद के लिए 13 मार्च से पहले दो और रेलगाड़ियां चलने की उम्मीद


उदयपुर-अहमदाबाद के लिए 13 मार्च से पहले दो और रेलगाड़ियां चलने की उम्मीद 

13 मार्च को शुरू होने वाले संसदीय सत्र के पहले शुरू होने का दावा किया उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के सांसदों ने 

 
Indian Railways

उदयपुर 26 फरवरी 2023। पटेल सर्कल स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने अवगत करवाया कि उदयपुर-अहमदाबाद रेल मार्ग पर बहुप्रतीक्षित यात्री रेलगाड़ियों की उम्मीद मार्च के पहले पखवाड़े में पूरी होने की उम्मीद है। मार्च की 13 तारीख को शुरू होने वाले संसदीय सत्र से पहले इस रेलमार्ग पर दो रेलगाड़ियां और शुरू हो जाएंगी। 

चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने बताया कि रेलगाड़ियों के संचालन के लिए खाली रैक की समस्या दूर हो गई है। मार्च की शुरुआत में ही जयपुर-असारवा (अहमदाबाद) नई रेलगाड़ी शुरू होगी, वहीं इंदौर-उदयपुर रेलगाड़ी को असारवा तक बढ़ा दिया जाएगा। रेलवे ने इसकी तैयारी कर ली है। 

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त आने वाले कुछ ही वर्षों में मावली-बड़ीसादड़ी-नीमच, मावली-देवगढ़ और देवगढ़ से आगे बर तक रेलमार्ग जुड़ जाएगा। इससे उदयपुर अंचल में रेलसेवाओं का संचालन बढ़ेगा। 

उदयपुर सांसद अर्जुन मीणा ने बताया कि उदयपुर अंचल जनजाति बहुल क्षेत्र है और जनजाति बहुल क्षेत्र को रेल से जोड़ने वाली डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम परियोजना अटकी पड़ी है। इसके लिए उदयपुर संभाग सहित मध्यप्रदेश के रतलाम के जनप्रतिनिधियों ने निर्णय किया है कि जनजाति क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण परियोजना के लिए सामूहिक रूप से रेलमंत्री व प्रधानमंत्री से आग्रह किया जाए ताकि इस परियोजना को गति मिल सके। डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना पूरी होने पर बांसवाड़ा पहली बार रेलगाड़ी देख सकेगा। साथ ही, इस क्षेत्र में व्यापार और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्रवासियों के लिए कई विकल्प खुलेंगे। 

press varta

इस परियोजना को जनजाति विकास योजना के तहत शामिल करने के सवाल के जवाब में सांसद मीणा ने बताया कि नियम 275(1) के तहत विकास के विभिन्न कार्य तो आते हैं, लेकिन रेलवे से सम्बंधित कार्यों का प्रावधान नहीं हो सकता। न ही जनजाति सलाहकार समिति (टीएसी) में इसके लिए प्रस्ताव लिया जा सकता है। ऐसे में सिर्फ रेलवे के बजट से ही यह कार्य होगा। हालांकि, पूर्व में जब इस परियोजना की शुरुआत हुई थी तब भी उसमें अधिग्रहण सम्बंधी मुआवजा राज्य सरकार द्वारा वहन करने की बात कही गई थी, जो अब तक संभव नहीं हुआ है। इन सभी बिन्दुओं को समेकित कर इस परियोजना को किस तरह अमलीजामा पहनाया जा सकता है, इस पर गंभीरता से चर्चा करने का निर्णय किया गया है। उन्होंने दावा किया कि मोदी है तो मुमकिन है, और इसी विश्वास से यह परियोजना भी स्वीकृत होगी। 

प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा शहर जिलाध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, देहात जिलाध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान, नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी, महामंत्री गजपाल सिंह, दीपक शर्मा, दर्शन शर्मा, चंचल अग्रवाल आदि मौजूद थे।
 

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