उदयपुर-फुलेरा-जयपुर, उदयपुर-सराय रोहिल्ला-दिल्ली के बीच रेलवे ट्रेक को इलेक्ट्रीफाइड होने के बाद अब उदयपुर-अहमदाबाद रेल लाइन के आमान परिवर्तन को लेकर काम अंतिम चरणों में हैं। प्रोजेक्ट को मार्च 2022 तक पूरा कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद गुजरात से सुपर कनेक्टिविटी होने की उम्मीद है। पहले प्रोजेक्ट दिसम्बर 2019 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन फिर बढ़ाकर दिसम्बर 2020 में पूरा करना तय किया गया था। इसके बाद कोरोना महामारी के चलते काम रुक गया और अब 2021 तक भी काम बाकी है। लेकिन अब रेलवे द्वारा इसका लक्ष्य मार्च 2022 रखा गया है।
दक्षिण राजस्थान और गुजरात कनेक्टिविटी के साथ बढ़ेगे पर्यटक
इस कॉरिडोर पर सफर को लेकर दक्षिण राजस्थान और गुजरात के लोगों को बेसब्री से इंतज़ार है। कई सालों पहले हुई घोषणा के बाद से इस प्रोजेक्ट के काम में लगातार देरी होती आई है। काम में देरी होने के बाद करीब 700 करोड़ लागत बढ़ गई। 2020 में काम चलते हुए 1449.43 करोड़ तक की लगात बढ़ी है।
हिम्मतनगर खण्ड में इलेक्ट्रिक ट्रेक का काम
इस रुट को इलेक्ट्रिक ट्रेन ट्रेक की भी सौगात मिलने वाली है। रेलवे द्वारा इलेक्ट्रिफाइड कराया जा रहा है। हिम्मतनगर खण्ड क्षेत्र में इस पर काम भी शुरु हो चुका है। दिसम्बर 2022 तक पूरा ट्रेक इलेक्ट्रिफाइड हो जाएगा। रेलवे ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि आगामी दिसम्बर 2023 तक पूरे जोन को इलेक्ट्रिफाइड करना है। इसमें हिम्मतनगर से उदयपुर ट्रेक के लिए दिसम्बर 2022 की डेटलाइन तय की गई है। आमान परिवर्तन का कार्य अंतिम चरण पर है। हिम्मतनगर से डूंगरपुर तक का कार्य पूरा हो गया है। उदयपुर तक का ट्रेक भी मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इलेक्ट्रिफिेकेशन वर्क के तहत पूरे ट्रेक पर विशेष पोल लगाकर विद्दुत के लिए लाइन बिछाई जाएगी। डूंगरपुर रेलवे स्टेशन परिसर में इलेक्ट्रिफाइक ट्रेक का अलग से कार्यालय स्थापित होना है।
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