यूं ही चला चल राही, कितनी हसीन है ये दुनिया, भूल सारे झमेले, देख फूलों के मेले बड़ी रंगीन है ये दुनिया.... स्वदेश फिल्म का ये गीत तो आपको याद ही होगा जिसमें एक बड़ी सी कारवां को चलाते हुए शाहरूख खान ये गीत गाते हैं। अब ऐसी ही कारवां में बैठकर अरावली की वादियों, जंगलों, विरासत स्थलों पर घूमने-फिरने का लुत्फ दक्षिणी राजस्थान के पर्यटक भी ले सकते हैं। जो लोग शहर के माहौल से दूर सुकून भरे पल परिवार, दोस्तों या किसी खास के साथ बिताना चाहते हों, या कम खर्च और कम सामान के साथ रोमांच की तलाश करने वाले हों उनके लिए कारवां टूरिज्म एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। कारवां टूरिज्म की शुरुआत लेकसिटी में भी होने जा रही है। अब तक ये कॉन्सेप्ट देश के कुछ राज्यों और विदेशों में पॉपुलर है।
6 गाड़ियां की जा रही लॉन्च
दरअसल, कारवां टूरिज्म विदेशों में बेहद लोकप्रिय है, लेकिन ये टूरिज्म ट्रेंड भारत में भी आ चुका है। केरल, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कश्मीर जैसे राज्यों व कई शहरों में इसे काफी पसंद किया गया है। केरल सरकार ने इसके लिए अलग से पॉलिसी बनाई है। अब ये ट्रेंड राजस्थान आया है और इसकी शुरुआत उदयपुर से की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, इसके तहत स्थानीय लोग व पर्यटक टूरिज्म ऑन व्हील्स का मजा ले सकते हैं। इसमें एक बड़ी सी लग्जरी वैन में सारी जरूरत की सुविधाएं जुटाई जाती हैं। जिसमें बैड, किचन, बाथरूम आदि के साथ घूमने का मजा लिया जा सकता है। रात में कहीं रुककर कैंपिंग करनी हो तो वो भी की जा सकती है। इसके तहत 6 गाड़ियां लॉन्च की जा रही हैं, जो उदयपुर, जयसमंद, बांसवाड़ा आदि मार्गों पर चलेंगी।
ऐसी होती है कारवां
कारवां पर्यटन में एक लग्जरी गाड़ी होती है, जिसमें पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं होती हैं। इस गाड़ी में सोफा-कम-बेड, टीवी, फ्रिज, छोटा किचन, माइक्रोवेव, इंडक्शन, हीटर, अलमारी, जेनेरेटर, डाइनिंग टेबल, गीजर युक्त बाथरूम, इंटरनेट कनेक्टिविटी, चार्जिंग सिस्टम, जीपीएस सहित कई और सुविधाएं रहती हैं।
इनका कहना है..
शिखा सक्सेना, उपनिदेशक, पर्यटन विभाग कहती है की - कारवां टूरिज्म का कांसेप्ट वर्ल्ड में बहुत ट्रेंडिंग है। एट होम फीलिंग, ऑल फैसिलिटी प्लस लग्ज़री, अपीलिंग इंटरनल एम्बीएन्स, कैंपिंग एट व्हील इसके विशेष आकर्षण हैं। मेवाड़ रीजन में इसका बहुत स्कोप है। प्रकृति की गोद में यात्रा का आनंद दुगुना हो जाता है। भीड़ से जुदा और क्यू में लगने की फ़िक्र नहीं होने से कोरोना के बाद इस सेगमेंट की डिमांड बढ़ी है ।
ऋषिराजसिंह चौहान, टूर ऑपरेटर एंड प्रोजेक्ट हैंडलर ने कहा की - मेवाड़-वागड़ के साथ राजस्थान के लिए भी कारवां टूरिज्म बिल्कुल अनूठा है। अब तक ये विदेशों में काफी लोकप्रिय है। उदयपुर-बांसवाड़ा की कई जगहों की सैर इसके माध्यम से कराई जाएगी। इसमें 5 से 6 लोग आराम से सैर कर सकते हैं। पर्यटन विभाग से सहयोग की अपेक्षा है, जिससे टूरिज्म में एक नया एडवेंटर जुड़ जाएगा।
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