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बांसवाड़ा: मैदान में कांग्रेस के न होने से होगा बीजेपी को नुक्सान 

बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर उलटफेर, कांग्रेसी प्रत्याशी ने नामांकन ही नहीं भरा 

 
अब मुकाबला BJP और BAP के बीच 

बांसवाड़ा 4 अप्रैल 2024 । डूंगरपुर बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर चुनाव के लिए नामांकन भरने के आखिरी दिन कई उलटफेर हुए। नामांकन खत्म होने के कुछ देर पहले कांग्रेस ने अर्जुन बामनिया को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया, लेकिन बामनिया ने आखिरी समय तक नामांकन ही दाखिल नहीं किया। 

इससे पहले अरविंद डामोर ने कांग्रेस के डमी कैंडिडेट के रूप में नामांकन जमा कर दिया। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि क्या बामनिया ने कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के लिए गठबंधन के कारण नामांकन जमा नहीं किया या किसी चूक की वजह से नॉमिनेशन नहीं भर पाए

कांग्रेसी उम्मीदवार अर्जुन बामनिया के साथ बागीदौरा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस उम्मीदवार कमलकांत कटारा ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। 

अब बांसवाड़ा सीट पर बीजेपी के महेन्द्रजीत सिंह मालवीय का मुकाबला भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के राजकुमार रोत से तय हो गया है। 

क्या कहते है बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट में आने वाली विधानसभा सीट के आंकड़े  

बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट की आठ विधानसभा सीट शामिल है इनमे से 1 सीट (चौरासी) पर बाप (BAP) ने, पांच सीट (डूंगरपुर, बागीदौरा, घाटोल, कुशलगढ़ और बांसवाड़ा) सीट पर कांग्रेस और 2 सीट (सागवाड़ा और गढ़ी) पर बीजेपी जीती थी।  हालाँकि कुछ दिन पहले ही बागीदौरा के कांग्रेस विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और इस लोकसभा सीट से वे ही बीजेपी के प्रत्याशी है। इस सीट के सभी विधानसभा सीट के नतीजे और आंकड़ों में बाप और कांग्रेस मिलकर बीजेपी पर हावी रही है। इन आठों विधानसभा क्षेत्रो में बाप का जहाँ 491098 वोट मिले तो कांग्रेस को 602869 वोट मिले यानि दोनों के संयुक्त वोट 1094777 वोट मिले है जबकि भाजपा का आठ विधानसभा क्षेत्रो में 530223 वोट मिले है

मैदान में कांग्रेस का उम्मीदवार न होना बीजेपी के लिए हो सकता है खतरा 

बाप और कांग्रेस के वोटो का संयुक्त आंकड़ा बीजेपी पर कितना हावी है इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। बाप और कांग्रेस के संयुक्त वोट 1094777 और बीजेपी के 530223 वोटो के बीच का अंतर 564554 है। अगर इन आंकड़ों को देखा जाए तो मैदान में कांग्रेस का उम्मीदवार न होना भाजपा के लिए खतरा बन सकता है अगर कांग्रेस के अधिकांश वोट या आधे से उपस्कर वोट भी बाप को शिफ्ट हो जाये तो बाप का जादू चल सकता है।