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उदयपुर के इन Tourist Places को भी शामिल करे अपने घूमने के प्लान में 

उदयपुर शहर के आसपास में घूमने के लिए शीर्ष 10 स्थान

 

उदयपुर । भारत में घूमने के लिए काफी कुछ है। लेकिन उनमें से किस डेस्टिनेशन को चुना जाए, ये भी अपने आप में एक बड़ा चैलेंज होता है। अगर आप भी इस बात को लेकर कन्‍फ्यूज हैं, तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, उन जगहों के बारे में जिन्‍हें भारत में टॉप टूरिस्‍ट डेस्टिनेशंस में से एक माना जाता है। भारत के ही नहीं, दुनियाभर से तमाम विदेशी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं। लेकिन एक ऐसा राज्य जिसकी मिट्टी के इतिहास ने पूरी दुनिया में छाप छोड़ी है। बात हो रही हैं राजस्थान की। राजस्थान के इन शहरों में परिवार या दोस्तों के साथ घूमना आपके खूबसूरत लम्हों को यादगार बना देगा। राजस्थान भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। राजस्थान का उदयपुर शहर अपनी खूबसूरती के लिए इस कदर प्रचलित है कि यहां हर दिन लाखों देशी और विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। यह शहर अपनी मेहमान नवाजी के लिए दुनिया भर में फेमस है। 

अगर आप भी उदयपुर शहर की मनमोहक जगहों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आज हम आपको इस आर्टिकल में फिर से उदयपुर की उन जगहों के बारे में बताते हैं, जो यहां काफी ज्यादा फेमस हैं।

1. शिल्पग्राम

उदयपुर एक ऐसा शहर है जो ग्रामीण कला, हस्तकला या पारंपरिक नृत्य व संगीत, कठपुतलियों के नाटक आदि को बहुत महत्व देता है और यहाँ की कला है भी बेहद प्रसिद्ध । ये सभी आधुनिकता के बावजूद भी अपना अस्तित्व बनाए हुए है। उदयपुर से 3 किमी की दूरी पर हवाला गाँव के निकट यह स्थित है। आपको उत्तम श्रेणी की कलाकारी देखने का अवसर प्राप्त होगा। लाइव प्रदर्शन देख सकते हैं, उत्तम हस्तनिर्मित वस्तुएं खरीद सकते हैं और लोक प्रदर्शन का आनंद ले सकते हैं। वार्षिक शिल्पग्राम महोत्सव एक आकर्षण है, जिसमें पूरे भारत से पारंपरिक संगीत, नृत्य और शिल्प शामिल हैं। 

यह उत्सव देश के विभिन्न अंचलों में शिल्प सृजन करने वाले शिल्पकारों को शिल्प कला का प्रदर्शन करने तथा कलात्मक उत्पादों के लिए बिना मध्यस्थ के बाजार उपलब्ध करवाने के ध्येय एवं लोक कलाकारों को कला प्रदर्शन का अवसर उपलब्ध करवाने के लिये केन्द्र द्वारा हर वर्ष लगाया जाता है।

  • समय:- सुबह 11:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: वयस्कों व बच्चों के लिए लगभग - ₹30, विदेशियों के लिए लगभग - ₹50

2. जंगल सफ़ारी पार्क 

 

एक प्रकृति प्रेमी के लिए उदयपुर में जंगल सफ़ारी पार्क मूल रूप से पिछोला झील के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर स्थित है। दूध तलाई क्षेत्र से 2.5 किमी की दूरी पर है। मनोरम दृश्य के साथ ताजी हवा का आनंद लेते हुए घूमने और आराम करने के लिए उत्कृष्ट स्थान। बारिश के मौसम में यहां जाना आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा क्योंकि चारों ओर प्राकृतिक सुंदरता देखने का आनंद ही अलग है। 

  • समय:- सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: वयस्कों के लिए लगभग - ₹10

3.  प्रताप पार्क व "'आई लव उदयपुर" पार्क 

ऐतिहासिक पिछोला झील की दक्षिणी सीमाओं पर प्रताप पार्क का निर्माण हुआ। प्रताप पार्क उदयपुर के युवाओं का एक नया पसंदीदा स्थल बन गया है क्योंकि यह पर्यावरणीय वातावरण के साथ पूरक अनुकूल दृश्य प्रदान करता है। लेकसिटी के प्रति अपने प्यार को दर्शाने के लिए इस पार्क में "I LOVE UDAIPUR" लिखा गया है जो युवाओ में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसके पीछे पिछोला झील और सिटी पैलेस इसे और भी काफी आकर्षित बना देते है।युवा वर्ग द्वारा यहाँ फ़ोटो खिंचवाना बहुत ट्रेंड कर रहा है।

  • समय:- 24 घंटे 
  • प्रवेश शुल्क: निशुल्क 

4. प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ 

प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ उदयपुर में हाल ही में विकसित एक आकर्षण है जो मेवाड़ के महान योद्धा 'महाराणा प्रताप' के सम्मान में बनाया गया है। यह केंद्र विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से मेवाड़ के पूर्व साम्राज्य के प्रसिद्ध राजा महाराणा प्रताप के जीवन, वीरता और उपलब्धियों के बारे में जानकारियां देता है। प्रताप गौरव केंद्र में मेवाड़ के ऐतिहासिक इतिहास को आकृतियों और प्रतिमाओं के जरिए संजोया गया है। लगभग 20 एकड़ में फैली इस जगह का चप्पा-चप्पा मेवाड़ के गौरवमयी इतिहास की गाथा कहता है। प्रताप गौरव केंद्र में मेवाड़ और राजस्थान के शूरवीर महाराणा प्रताप से जुड़ी करीब 60 पेंटिग्स और कलाकृतियां मौज़ूद है। अरावली के बेहद खूबसूरत पहाड़ों के बीच स्थित महाराणा प्रताप गौरव केंद्र में मेवाड़ के शूरवीर योद्धा महाराणा प्रताप की 57 फीट उंची प्रतिमा मौज़ूद है जो यहां की सबसे ज्यादा शान बढ़ाती है। केंद्र के एक हिस्से में लाइट एंड साउंड शो दिखाने की भी व्यवस्था है। देशभक्ति का भाव जगाने के लिए डॉक्यूमेंट्री भी तैयार की गई है।

महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा बताने वाले तीन शो होंते है। 

पहला शो शाम 7:25 बजे, दूसर रात 8:05 बजे और तीसरा शो 8:45 बजे होता है। वाटर लेजर शो को एकसाथ 200 लोग बैठकर देख सकते है। 25-35 मिनट के एक शो देखने का टिकट 100 रुपए होगा।  

  • समय:- सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक। 
  • प्रवेश शुल्क:- वयस्कों के लिए लगभग - ₹100, बच्चे जिनकी आयु 0-4 वर्ष है उनके लिए टिकट निःशुल्क है, 5-12 वर्ष के बच्चे के लिए 50/- टिकट है।
  • विदेशी पर्यटकों के लिए 12 वर्ष से ऊपर प्रति व्यक्ति टिकट 1500/- है तथा 5-12 वर्ष के बच्चे तथा 0-4 वर्ष के बच्चे के लिए 750/- निःशुल्क है। (सभी शो और हेडफ़ोन शामिल हैं।)

5. बाहुबली हिल्स

बाहुबली पहाड़ियाँ उदयपुर शहर से सिर्फ 15 किमी दूर स्थित हैं और बड़ी झील की सुंदरता की प्रशंसा करने के लिए एक सुविधाजनक स्थान हैं। उदयपुर के शीर्ष पर्यटन स्थलों में नवीनतम परिवर्धन में से एक, यह स्थान अरावली पहाड़ियों और आसपास के जल निकायों के 360-डिग्री दृश्यों के साथ प्रकृति का सर्वोत्तम आनंद लेने के लिए एकदम सही है। आप 15-20 मिनट की छोटी पदयात्रा करके शीर्ष पर पहुंच सकते हैं। बाहुबली हिल्स ट्रैकिंग के लिए लोगों की उदयपुर में पसंदीदा जगह है। बड़ी झील के किनारे यहां ट्रैकिंग एक अद्भूत अनुभव देती है। वहीं पहाड़ी की चोटी पर पहुंचने के बाद का नजारा लोगों को खूब पसंद आता है।

  • समय: 24 घंटे खुला
  • प्रवेश शुल्क: निशुल्क

6. इको-टोन पार्क 

राजस्थान का पर्यटन नगरी के रूप में विख्यात लेक सिटी उदयपुर में वन विभाग की ओर से विकसित किया जा रहा 'इको टोन पार्क' एक नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। करीब 30 एकड़ एरिया में डेवलप हो रहे इस पार्क में टूरिस्ट के मनोरंजन के लिए काफी कुछ उपलब्ध है, जहां पर्यटक वनस्पति और वनजीवों से रूबरू हो सकते हैं।

  • समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: निशुल्क

7. वैली ऑफ़ फ्लावर्स, नगर वन उद्यान, फूलों की घाटी

यह राजस्थान वन विभाग द्वारा उदयपुर में विकसित एक नया पर्यटन स्थल है । चीरवा घाटी का यह पुराना मार्ग खूबसूरत फूलों की घाटी में परिवर्तित हो गया है , जिसे "फूलों की घाटी" के नाम से भी जाना जाता है। चीरवा घाटी पर यह विशेष स्थान "नगर वन उद्यान" एक छोटे से घर जैसी संरचना वाला एक छोटा बगीचा है। फूलों की घाटी उदयपुर 80 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है, जो हरी-भरी हरियाली से भरपूर है। प्रकृति प्रेमियों के लिए बिल्कुल सही जगह है। 

  • समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: स्टूडेंट के लिए लगभग - ₹10, वयस्कों के लिए लगभग - ₹30, विदेशी पर्यटकों के लिए लगभग - ₹100 
  • जिपलाइन के लिए लगभग - ₹300

8. जयसमंद झील 

जयसमंद झील, या ढेबर झील, दुनिया की सबसे पुरानी कृत्रिम झीलों में से एक है। जो इसे उदयपुर के पर्यटन स्थलों में एक प्रभावशाली स्थान बनाती है। झील का द्वीप, जिसमें जयसमंद द्वीप रिज़ॉर्ट स्थित है, मुख्य आकर्षण है। नाव की सवारी, प्रवासी पक्षियों को देखना और झील के द्वीप पर हवा महल (मंडप) की यात्रा लोकप्रिय गतिविधियाँ हैं। 17वीं सदी का मंदिर और प्रभावशाली संगमरमर की सीढ़ियाँ इस स्थल में एक ऐतिहासिक आयाम जोड़ती हैं। आप झील के किनारे एक अच्छी पिकनिक मना सकते हैं और हर दिन सुंदर सूर्यास्त और सूर्योदय का आनंद ले सकते हैं। सोचिए इस शांत माहौल में चिड़ियों की चहचहाहट कितने मधुर संगीत की तरह लगेगी।

  • समय: सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: निशुल्क 

9. जयसमंद वन्यजीव अभ्यारण्य

यह अभयारण्य 1957 में बनाया गया था और यह विभिन्न प्रकार की प्रवासी प्रजातियों का स्वर्ग है। जयसमंद वन्यजीव अभयारण्य में  जिनमें तेंदुए, लकड़बग्घे, जंगली बिल्लियाँ, लोमड़ियाँ, स्लॉथ भालू और कई अन्य आकर्षक जानवर शामिल हैं। झील कई अलग-अलग सरीसृपों और उभयचरों का घर है, जिनमें कछुए, मगरमच्छ और बड़ी संख्या में मछलियाँ शामिल हैं। अंत में, अपने उत्कृष्ट परिदृश्यों के लिए, इसे अक्सर उदयपुर के सबसे अच्छे और निकटतम अभयारण्यों में से एक माना जाता है। उदयपुर से केवल 55 किमी दूर स्थित, यह मनमोहक अभयारण्य विविध प्रकार के वन्यजीवों का घर है। यह वन्यजीव अनुभव की शुरूआत के साथ, राजस्थान भारत में वन्यजीव पर्यटन के लिए शीर्ष राज्य-सूची में अपना स्थान स्थापित करता है। जयसमंद अभयारण्य आगंतुकों को इस अविश्वसनीय जंगल की प्राकृतिक सुंदरता और जंगल में डूबने के लिए जीप सफारी पर जाने का एक रोमांचक अवसर प्रदान करता है।

  • समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क: वयस्कों के लिए लगभग - ₹130, टू व्हीलर से जाते है तो लगभग - ₹60, यदि फोर व्हीलर से जाते है तो लगभग - ₹300, विदेशी पर्यटकों के लिए लगभग - ₹500, जीप सफारी के लिए लगभग - ₹649

 10. महाराणा प्रताप स्मारक व समाधि स्थल चावंड

उदयपुर शहर से 60 किलोमीटर दूर चावंड गांव में महाराणा प्रताप की समाधि है। यह गाँव महाराणा प्रताप के शासनकाल के दौरान संकट की राजधानी था। यही वह स्थान है जहां 19 जनवरी 1597 को उनकी मृत्यु हुई थी। किला परिसर समाधि के नजदीक हैवर्तमान में उदयपुर के चावंड में महाराणा प्रताप के महल, बंडोली (चावंड) में उनका समाधि स्थल और महाराणा प्रताप स्मारक बना हुआ है। 

 समय: सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक।

हमने शीर्ष में जिन जगहों के बारे में बताया वे सभी शहर के परकोटे में आते है जिसे उदयपुर का ओल्ड सिटी भी कहा जाता है। ओल्ड सिटी के आर्टिकल की लिंक इस पर क्लिक करे । अब हमारे दूसरे आर्टिकल में हमने आपको ओल्ड सिटी के बाहर के टुरिस्ट जगहों के बारे में बताया था यह दूसरे आर्टिकल की लिंक इस पर क्लिक करे। । 

नोट: इन दर्शनीय स्थलों की एंट्री टिकट और समय में परिवर्तन संभव है।

A Note of Thanks to Mr. Firoz Hussain Tin wala