GITS में फेकल्टी डवलपमेंट एवं अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेस का समापन
GITS की यह पहल विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हुई हैं
उदयपुर, 7 जून। गीतांजली इन्स्टिटियूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज (GITS) डबोक, उदयपुर में मैकेनिकल इन्जिनियरिंग विभाग में चल रही 05 दिवसीय फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम एवं एम.बी.ए. विभाग में चल रही दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेस का समापन हुआ। संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने बताया कि आई.ओ.टी. आधारित इस कार्यक्रम में विद्यार्थी एवं फेकल्टी मेम्बर्स ने मैकेनिकल इन्जिनियरिंग के विभिन्न आयामों को आई.ओ.टी. से जोडकर उससे कैसे स्वचालित एवं स्मार्ट बनाया जाए पर तकनीकी ज्ञान अर्जित किया।
इस कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिंक के असिस्टेंट जनरल मैनेजर प्रभांशु खरे, माइक्रोसाॅफ्ट यु.एस.ए. के इन्जिनियरिंग मैनेजर कुन्दन कर्मा, आई.टी.एम. बडौदा युनिवर्सिटी के डीन डाॅ. प्रदीप लक्षकार, राजकीय इन्जिनियरिंग काॅलेज के निलेश मालतारे, सी.टी.ए.ई. उदयपुर के डाॅ. चितरंजन अग्रवाल, डाॅ. विष्णु अग्रवाल, डाॅ. सौरभ तेगे ने इण्डिस्ट्रीयल आई.ओ.टी, इण्डस्ट्री 4.0 स्मार्ट फेक्ट्रीज, मेनुफेक्चरिंग विथ आई.ओ.टी., मशीन लर्निंग व थर्मोग्राफी आदि पर अपने अपने विचार को साझा किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के संयोजक एवं मैकेनिकल इन्जिनियरिंग विभागाध्यक्ष डाॅ.दीपक पालीवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सुरभि मिश्रा द्वारा किया गया।
एक तरफ जहां इन्जिनियरिंग विभाग के विद्यार्थी आई.ओ.टी. के तकनीकी ज्ञान से रूबरू हो रहे थें वहीं दुसरी तरफ मैनेजमेंट के विद्यार्थी एम.बी.ए. विभाग द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेस ‘‘लिडरशिप इन क्रिटीकल टाइम’’ में अपने मैनेजमेंट स्किल, कठिन समय में लीडरशिप, आत्मविश्वास, इमानदारी, सकारात्मक दृष्टिकोण एवं प्रभावी सम्वाद कायम करने की दिशा में अपने आप को अग्रसर कर रहे थे। दो दिन तक चलने वाली इस अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेस में सैन रोमन डाइब्लों वैली काॅलेज की प्रोफेसर डाॅ. शकिला तौबवाला ने कोविड-19 महामारी के दौरान होने वाले शिक्षण गतिविधियों में अचानक बदलाव व उसकी चुनौति के बारे में शौधार्थियों को अवगत कराया।
सेनफ्रांसिस्कों के पालो अल्टो नेटर्वक्स के सिनियर इन्जिनियर मैनेजर युसुफ अटारी ने अनुकुलनशीलता, व्यक्तिगत और प्राफेशनल विकास पर सम्वाद स्थापित किया। इस दौरान एम.बी.ए. के निदेशक डाॅ. पी.के. जैन ने कहा कि सीखना एक निरन्तर प्रक्रिया हैं हमें अपने कौशल को निखारने के लिए सीखते रहना चाहिए। इस अन्तर्राष्ट्रीय काॅन्फ्रेस में कार्यक्रम का संयोजन डाॅ. यास्मिन अली और डाॅ. प्रकृति पोरवाल द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. जितेन्द्र श्रीमाली द्वारा किया गया। इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि गिट्स की यह पहल विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हुई हैं, जिससे विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकेंगे।